updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन गुरुदेव भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में किया जाएगा। आगामी 14 से 21 जुलाई तक होने वाले इस भव्य आयोजन को लेकर समिति की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था।

इस मौके पर गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा सहित समिति और आस-पास के क्षेत्रवासी शामिल थे। भव्य पंडालों का निर्माण किया जा रहा है। करीब चालीस एकड़ क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ठहराने, कथा का श्रवण करने, भोजन करने के अलावा अन्य के लिए वाटर प्रूफ पंडाल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मंगलवार को विठलेस सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा आदि ने यहां पर निर्माण कार्य की व्यवस्था देखी। यहां पर लगाए जाने वाले वाटर प्रूफ पंडाल से आने वाले श्रद्धालुओं को धूप और पानी से बचाएगा।

इन पंडाल में एक साथ तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हो सकती है। इस संबंध में विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि करीब 40 एकड़ के मंदिर परिसर में अनेक भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है। 14 जुलाई से आरंभ होने वाले इस आस्था के महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आऐंगे सात दिन कथा का आयोजन किया जाएगा और 21 जुलाई को गुरुदीक्षा प्राप्त करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित श्री मिश्रा के द्वारा भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम का प्रसारण भी

चैनल सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा, जिससे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को जीवन में गुरु के महत्व और ईश्वर की आस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि हर साल गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में होने वाले भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन, क्षेत्रवासी, सभी समाजों के अलावा समिति के द्वारा व्यवस्था की जा रही है। यहां पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अनेक पंडाल के अलावा, उपचार केन्द्र, शौचालय आदि की व्यवस्था की जा रही है। वहीं समिति ने भी अपनी ओर से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं जिला प्रशासन भी लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयार है।

आष्टा में होगा मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी महाराज का चातुर्मास, प्रतिनधि मण्डल ने मुनि संघ को विदिशा पहुच कर किया श्रीफल भेंट लिया आशीर्वाद

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- चातुर्मास प्रारम्भ होने को कुछ ही दिन शेष है ऐसे में दिगम्बर जैन मुनि एवं आर्यिका संघ के चातुर्मास स्थान पर पहुचने के लिए सभी के निरन्तर विहार चल रहे है विगत दो माह से दिगम्बर जैन समाज के सेकड़ो की संख्या में श्रावक श्राविकाएं बार बार कुंडलपुर पहुच कर आष्टा चातुर्मास हेतु आचार्य श्री के चरणों मे निवेदन कर रहे थे समाज जनो की विनती को स्वीकारते हुए नवाचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद से समाधिस्थ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के

आज्ञानुवर्ती शिष्य परम् पूज्य मुनि श्री निष्पक्ष सागर जी महाराज ससंघ चार मुनि राजो का चातुर्मास आष्टा के लिए आदेश प्राप्त हुआ है खबर प्राप्त होते ही समाज मे खुशी की लहर व्याप्त है, पूज्य श्री का आष्टा के लिए निरन्तर विहार चल रहा है जल्द ही मुनि संघ का नगर आगमन होगा। समाज के प्रमुख जनो ने विदिशा पहुच कर मुनि श्री से आगामी विहार एवं चातुर्मास स्थापना को लेकर चर्चा की एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रतिनिधि मंडल में समाज के पूर्व अध्यक्ष पवन जैन पूर्व महामन्त्री मुकेश बड़जात्या श्री सुरेंद्र जैन अध्यक्ष आनंद जैन पोरवाल महामन्त्री कैलाश जैन चित्रलोक कोशाध्यक्ष निर्मल जैन संगठन मंत्री मुकेश जैन मावा आदि लोग शामिल थे।

स्वयं का विवेक जाग्रत किये बिना कल्याण असम्भव- संजय भैया जी

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- उक्त आशय के उद्गार श्री नेमिनाथ जिन मंदिर में चल रहे धर्म सभा के दौरान ब्रम्हचारी संजय भैया ने व्यक्त किये उन्होंने बताया कि प्रथमानुयोग पड़ने से धर्म के प्रति श्रद्धा बनती है चोरे छोटे दृश्टान्त से हम धर्म के प्रति लो लगा सकते है। संसर्री जीव समझ नही पाता कि हमारा वैभव कितना है हमारे अंदर भी कितनी शक्ति विद्दमान है जिसके पास स्वयं का अंदर का ज्ञान नही है उनके लिए शास्त्र भी कुछ करने वाले नही है।

स्वयं का विवेक जाग्रत किये बिना कल्याण असम्भव है चाहे कितने ही शाष्त्र पडलो बिना विवेक बुद्धि के कुछ भी नही होता अन्यथा शाष्त्र कुछ केवल शास्त्र को प्रतिदिन अर्घ्य चढ़ाने से कुछ नही होगा जब तक हम उन्हें विवेक पूर्वक अध्ययन नही करते। ज्ञान का फल क्या है ज्ञान का फल हित की प्राप्ति ओर अहित का परिहार जिससे होता हो वही सच्चे ज्ञान का फल है। क्षहढाला में आत्मा का हित बहुत अछे से बताया गया है आकुलता मोक्ष में नही है हमे मोक्ष मार्ग में ही लगे रहना चाहिए

जीव का पूर्ण रूप से स्व हित मे लग जाना ही हम प्रतिदिन मन्दिर आते है पूजा पाठ अज्ञानी प्राणी आर्त ध्यान में निरन्तर लगा रहता है वे मुड़ जीव कहलाते है वे इस लोक में ओर परलोक में अपने हित को प्राप्त नही कर पाते है तत्वार्थ सूत्र ग्रन्थ में बताया गया है कि धर्म ध्यान और शुक्ल ध्यान मोक्ष में कारण है ओर शुरू के दो ध्यान आर्त ध्यान और रौद्र ध्यान संसार के कारण है जिसकी बुद्धि और ध्यान अच्छा होगा वह इन दोनों ध्यान से बचने का प्रयास करते है जो जीव शांति से जीवन यापन कर रहा है धर्म ध्यान में लगा रहता है।

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