जल गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियाँ भविष्य की दृष्टि से भी जारी रखी जाएं, पेयजल स्रोत भी चिन्हित करें, स्रोतों की क्षमता भी बढ़ाएं- मुख्यमंत्री डॉ. यादव, “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान से आमजन भी जुड़ें, मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर दिए जिला और संभागीय अधिकारियों को निर्देश

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से लेकर 30 जून तक “जल गंगा संवर्धन अभियान” उत्सव के रूप में चला। कई जिलों में अच्छे कार्य हुए हैं। कई पुरानी बावड़ियों को पुनर्जीवन मिल गया। जल स्रोतों की सफाई भी की गई। अनेक स्थानों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य हुए हैं। इन कार्यों की उपयोगिता को देखते हुए भविष्य की दृष्टि से 30 जून के बाद भी कार्यों को जारी रखा जाए। नवाचारों की जानकारी संकलित की जाए। जो कार्य शेष हैं, उन्हें चिन्हित कर पूरा करने का प्रयास हो।

जल स्रोतों को चिन्हित करने और उनकी क्षमता बढ़ाने का अभियान निरंतर चले। ऐसे स्थान जहां पानी मिला है, उनका उपयोग भी हो जाए। साथ ही रोजगार की दृष्टि से मत्स्य पालन या अन्य गतिविधियां भी संचालित की जाएं। सैडमेप के सहयोग से ऐसी जल संरचनाओं जहां भूमिगत जल कम हो गया है, को उपयोगी बनाने से संबंधित अध्ययन एवं सर्वे किया जाए। जनपद पंचायतें ऐसे जल स्रोतों को प्रभावी बनाने का कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के सभी

जिलों के कलेक्टर्स, कमिश्नर्स और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों को सहेजने, उनकी स्वच्छता और जल स्रोतों की उपयोगिता एवं क्षमता बढ़ाने के कार्य निरंतर किए जाएं। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला एवं श्री राघवेंद्र कुमार सिंह, सचिव श्री भरत यादव उपस्थित थे। पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना जबलपुर से वर्चुअली जुड़े।

शहरी, ग्रामीण और वन क्षेत्र सभी जगह हुए जल संरक्षण के कार्य- मुख्यमंत्री डॉ. यादव को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल-गंगा संवर्धन अभियान में संपन्न कार्यों की अपर मुख्य सचिव श्री मलय कुमार श्रीवास्तव और नगरीय क्षेत्र में संचालित जल संरक्षण कार्यों के संबंध में प्रमुख सचिव श्री नीरज मंडलोई ने विस्तारपूवर्क जानकारी दी। वन क्षेत्र में हुए कार्यों और आगामी योजनाओं के संबंध में अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने अवगत करवाया।

जनता की भागीदारी से चला अभियान- प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में विशेष जल सम्मेलन बुलाए गए। जल संरचनाओं के आसपास से अतिक्रमण हटाने का कार्य किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल संरक्षण से जुड़े अनेक कार्यों को अंजाम दिया गया। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अभियान में करीब सवा दो लाख नागरिकों ने श्रमदान कर जल संरचनाओं में लगभग 30 लाख घनमीटर क्षमतावर्धन का कार्य किया। एक हजार से अधिक जल संरचनाएं संरक्षित की गईं। लगभग छह लाख घनमीटर से अधिक गाद निकालने के साथ ही

जल संरचनाओं के आसपास पौधे भी लगाए गए। जन-जागरूकता के लिए चित्रकला और निबंध स्पर्धाएं हुईं और कलश यात्रा जैसे आयोजन भी हुए। विद्यार्थियों को भी जल संरक्षित करने का संकल्प दिलवाया गया। अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत जल संरचनाओं के उन्नयन कार्यों की समीक्षा की गई। ग्रामीण क्षेत्र में सम्पन्न कार्यों से जन- जागरूकता भी बढ़ी है। पुराने कुओं, तालाबों के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्य सम्पन्न हुए हैं। कुछ जिलों में स्व-सहायता समूह की बहनों ने भी हिस्सेदारी की। प्राचीन और ऐतिहासिक तालाबों का भी जीर्णोंद्धार किया गया।

जिलों ने दिया कार्यों का विवरण- मुख्यमंत्री डॉ. यादव को आज की वीडियो कांफ्रेंस में सिंगरौली, छतरपुर, झाबुआ, दमोह, रायसेन, दतिया, खण्डवा, जबलपुर, अशोक नगर और इंदौर कलेक्टर्स ने जल-गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की जानकारी दी। सिंगरौली जिले में करीब चार हजार कार्य किए गए। नदी एवं तालाबों का सीमांकन करवाया गया। छतरपुर जिले में चंदेलकालीन तालाबों के जीर्णोंद्धार के कार्य हो रहे हैं। जल स्रोतों के विकास से किसानों को बढ़े हुए उत्पादन का लाभ मिल रहा है।

झाबुआ जिले में 195 टैंक के गहरीकरण का कार्य किया गया। आजीविका मिशन की महिलाओं के सहयोग से जल-संरक्षण और सघन पौधरोपण के कार्य किए जा रहे हैं। दमोह जिले में करीब एक हजार बावड़ियां हैं। इनके चिन्हांकन और सीमांकन के साथ जल-कुम्भी निकाल कर स्वच्छ बनाने का कार्य किया गया है। जिले के नागरिक प्रति रविवार श्रमदान कर जल स्रोतों की सफाई का संकल्प ले चुके हैं। रायसेन जिले में 58 अमृत सरोवर तैयार हुए हैं। नर्मदा जी के किनारे स्थित 40 ग्रामों में

स्वच्छता के कार्यों में जन सहयोग मिला। पंचायतों में जल-संसद भी आयोजित की गईं। दतिया में प्रमुख जल सीता सागर से दो हजार डम्पर गाद निकाली गई। खण्डवा के चार एतिहासिक कुंड के पुनर्जीवन का कार्य किया गया। जबलपुर में करीब दो साल पुरानी बावड़ी के कायाकल्प में सफलता मिली। अशोक नगर में गणेश शंकर ताल और मुंगावली में तालाब के गहरीकरण के कार्यों में जनसहयोग प्राप्त हुआ। इसी तरह इंदौर जिले में शहरों और गांवों में जल स्रोतों को बचाने और उपयोग में लेने के संबंध में लोगों में चेतना बढ़ी है।

“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के लिए जिलेवार लक्ष्य तय हुए- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के आव्हान पर प्रारंभ अभियान “एक पेड़ माँ के नाम” को सफल बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह पौधरोपण का सामान्य अभियान नहीं है। इसे कर्मकाण्ड न समझा जाए बल्कि आमजन का अभियान बनाने का प्रयास किया जाए। जिलावार तय किए गए लक्ष्य पूरे किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि आमजन को जोड़ने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में

15 जुलाई तक निरंतर अभियान चले। मध्यप्रदेश इस अभियान के क्रियान्वयन में अग्रणी बने। लोग अपने निवास परिसर और खेत में भी पौधे लगाएं। अभियान को पंचायतों तक ले जाएं। जियो टेगिंग और वेबसाइट पर पौध-रोपण के फोटो अपलोड करने के प्रयासों को बढ़ाया जाए। पौधे लगाने के बाद उनकी सुरक्षा भी हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर भोपाल, इंदौर, बैतूल जिलों के कलेक्टर्स ने व्यापक रूप से पौधे लगाने के लिए तैयार रणनीति की जानकारी दी। अन्य जिलों में पौध-रोपण के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्य एवं अभियान की सफलता के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी गई।

प्रथम चरण में बनेंगे 45 चेक प्वाइंट्स- प्रदेश में अंतर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जाँच चौकियों का संचालन एक जुलाई से बंद, रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट की व्यवस्था

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- राज्य शासन द्वारा अंतर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जाँच चौकियों का संचालन एक जुलाई से बंद होने के आदेश जारी किये गये हैं। जारी आदेश में राज्य में अंतर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जाँच चौकियों के स्थान पर गुजरात जैसी व्यवस्था लागू की जाये और रोड सेफ्टी एण्ड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट की व्यवस्था की कार्रवाई प्रारंभ की जाये। सचिव, परिवहन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि

मोटरयान अधिनियम के तहत प्रथम चरण में 45 चेक प्वाइंट बनाये जायें। चेक प्वाइंट के संचालन के लिये उपकरणों आदि की व्यवस्था में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए जिला परिवहन कार्यालयों के प्रवर्तन अमले एवं गृह विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये होमगार्ड्स को शामिल किया जाये। मोबाइल यूनिट के माध्यम से पारदर्शिता के साथ रोड सेफ्टी एवं राज्य के राजस्व को दृष्टिगत रखते हुए चेक प्वाइंट्स पर की जाने वाली कार्रवाई प्रारंभ की जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि चेक प्वाइंट के संचालन की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण की जाये।

आम जन तक पहुँचाएं नए स्वरूप में लागू किए गए कानून की जानकारियाँ- मुख्यमंत्री डॉ. यादव, वीडियो कांफ्रेंस द्वारा सभी जिलों को दिए गए निर्देश

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल से देश में गुलामी की निशानियों को समाप्त करने के लिए विभिन्न कार्य हो रहे हैं। इस क्रम में एक जुलाई से देश में अनेक कानून नये स्वरूप में लागू होंगे। दंड के स्थान पर न्याय का महत्व बढ़ें एवं भारतीय नागरिकों को संविधान में प्रदत्त अधिकारों की रक्षा हो सके, इस चिंतन से तीन विधेयक निरस्त कर नए दंडनीय विधेयक लाए गए हैं। आम जन तक इनकी जानकारी पहुँचाने के सभी प्रयास किए जाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज वी़डियों कान्फ्रेंसिंग से प्रदेश के सभी कलेक्टर्स, कमिश्नर्स, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चले आ रहे ऐसे विधेयक एवं अधिनिय़म में भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता 1860 को भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। दंड प्रक्रिया संहिता 1898 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।

इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आमजन को विभिन्न सेमीनार और वेबीनार के माध्यम से भी इन कानूनों की जानकारी प्रदान की जाए। अभियान संचालित कर नये कानूनों की जानकारियों को प्रचारित किया जाए। वीडियो कांफ्रेंस में पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना ने बताया कि प्रदेश के सभी 982 थानों में नए कानूनों की जानकारी देने के लिए विशेष कार्यक्रम भी एक जुलाई को हो रहे हैं। पुलिस कर्मियों को इनका विस्तृत विवरण प्रदान किया गया है। पूर्व में नए कानूनों से संबंधित प्रदर्शनियां भी लगाई गई हैं।

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