निखार ब्यूटी पार्लर परिवार ने हिंदू रीति रिवाजों के साथ किया अपनी डॉगी का अंतिम संस्कार

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के बुधवारा रोड के समीप स्थित निखार ब्यूटी पार्लर संचालिका श्रीमती कविता चंद्रवंशी के परिवार ने हिंदू रीति रिवाजों के साथ अपने डॉगी “परी” का किया अंतिम संस्कार। नगर की वरिष्ठ पत्रकार किरण रांका ने बताया कि श्रीमती कविता चंद्रवंशी का पूरा परिवार के बीच डॉगी एक परिवार की सदस्य की तरह थी। जिसे सब बहुत ही स्नेह से रखते थे। उसका नाम निखार ब्यूटी पार्लर परिवार ने परी रखा था एवं बताया जाता है कि परी करीब 14 वर्ष से इसी परिवार का एक हिस्सा बनी हुई थी। आगे किरण रांका ने बताया कि परी की विगत कुछ माह से तबीयत खराब थी।

जिसका इलाज भोपाल चल रहा था। अचानक बीती रात को उसकी तबीयत पुनः खराब हुई, जिसे इलाज के लिए भोपाल ले जा रहे थे। इसी दौरान डॉगी परी ने अंतिम सांस ली। और परिवार जनों को पता चला कि अब वहां इस दुनिया में नहीं रही तो पूरे परिवार के आगे दुख के बादल छा गए। और उनके पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। क्योंकि कविता चंद्रवंशी व उसके बेटा बेटी हमेशा उसको अपने परिवार का एक सदस्य मानते थे। उसकी मृत्यु के बाद निखार ब्यूटी पार्लर परिवार ने हिंदू रीति रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार किया। एवं झलकती हुई आंखों से अंतिम विदाई दी। वहीं अंतिम संस्कार के दूसरे दिन उसकी अस्थियां नेमावर में विसर्जन की। इस परिवार की इस तरह से अपने डॉगी के प्रति प्रेम देखकर सभी परिचितजनों, परिजनों एवं शहर वासियों ने इस परिवार की काफी सराहना की।

ध्वजारोहण ओर शास्त्र स्थापना के साथ शुरू हुआ दस दिवसीय मुनिश्री भूतबलि सागर शिक्षण एवं संस्कार शिविर, पहले आत्म कल्याण का माहौल बनता था और आज दूर होते जा रहे- बाल ब्रह्मचारी संजय भैय्या

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर शुक्रवार 14 जून को प्रातः काल की बेला में नगर के प्रमुख मार्गों से मुनिश्री भूतबलि सागर शिक्षण एवं संस्कार शिविर में भाग लेने वाले सैकड़ों की संख्या में शिविरार्थियों ने जिनवाणी प्रभावना शोभायात्रा मां जिनवाणी को रजत पालकी में विराजित कर बाल ब्रह्मचारी संजय भैय्या पठारी के पावन सनिध्य में निकाली गई। जो किला मंदिर पहुंचकर समापन हुई। शिविर की जानकारी समाज के नरेन्द्र गंगवाल ने देते हुए बताया कि

तत्पश्चात शिक्षण शिविर का विधिवत शुभारम्भ मंदिर परिसर में ध्वजारोहण एवं शास्त्र स्थापना के साथ किया गया। पहले आत्म कल्याण का माहौल बनता था
बाल ब्रह्मचारी संजय भैय्या पठारी वाले ने शिविर के शुभारंभ अवसर पर कहा कि बिना भोजन के जीवन नहीं चलेगा, लेकिन अधिक भोजन करना घातक हो जाता है। सभी चीजों की मर्यादा होती है।इसी प्रकार डॉक्टर के बताए अनुसार दवाई लेने से व्यक्ति ठीक हो जाता है, लेकिन अधिक दवाई अर्थात आठ दिन की दवाई एक ही दिन में लेने पर घातक हो सकती है। पहले आत्म कल्याण का माहौल बनता था और आज आत्म कल्याण से विमुख हो रहे हैं।

कोरोना चायना ने फैलाया- बाल ब्रह्मचारी संजय भैय्या पठारी ने बताया कि अपने देश में कोरोना चायना से फैला था। चमगादड़ के सेवन से वहां चायना में कोरोना फैला था।चायना मेंअहिंसक धर्म विकृत हो गया।आज हम बच्चों के कैसे संस्कार दे रहे हैं। पहले आत्म कल्याण का माहौल बनता था और आज आत्म कल्याण से दूर हो गए हैं। जैनों के कौन से काम है।हम ध्यान देकर अपने विचार समझें। अपनी गलत मानसिकता को बदलना होगा। पहले चांदी की करेंसी थी और आज कागज की- संजय भैय्या ने कहा स्वाध्याय करना बहुत जरूरी है। स्वाध्याय परम्परा विलुप्त होती जा रही है। धर्म को पैसे से नहीं जोड़ना चाहिए। पहले चांदी की करेंसी थी,आज कागज की करेंसी चल रही है।

पहले सोच अच्छी थी, लेकिन आज सोच संकीर्ण हो गई है। व्यक्ति आज पैसा कमाने में लगा है, धर्म आराधना करने का समय नहीं है। आचार्य श्री ने कहा था जिनवाणी का प्रचार जरूरी- संजय भैय्या ने कहा आचार्य श्री ने कुंडलपुर में हमसे कहा था कि जिनवाणी का प्रचार प्रसार बहुत जरूरी है। बहुत मनोयोग से धर्म का कार्य करना चाहिए।बिना स्वाध्याय के जीवन परिवर्तन नहीं होने वाला है। धर्म के साथ लौकिक शिक्षा को भी महत्व देवे। जैन धर्म का ज्ञानार्जन करें।ज्ञान सुख का कारण है, ज्ञान का बहुत महत्व है। यह रहे लाभार्थी- जिनवाणी शास्त्र स्थापना का सौभाग्य महेंद्र कुमार, राकेश कुमार, संतोष कुमार जैन जादूगर परिवार को मिला। वही ध्वजारोहण का सौभाग्य निर्मल कुमार संदीप, संजय, शरद कुमार जैन बिंदिया परिवार बुधवारा को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर काफी संख्या में समाज जन उपस्थित थे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत परम पूज्य आनंदऋषिजी महाराज साहब,वल्लभ कुंवर जी महाराज साहब की प्रथम सुशिष्या मालवकीर्ति, उपप्रवर्तनी पूज्य कीर्तिसुधाजी,नूतन प्रभा जी, आराधना श्रीजी, श्रीभक्त श्रीजी महाराज साहब ठाणा 4 बागली से विहार करके धुराड़ाकलां पहुंचे। शनिवार 15 जून को सिद्धिकगंज प्रवेश होगा।महावीर भवन जैन स्थानक आष्टा भी पधारेंगे।

साध्वी भगवंतो का 14 जून को धुराड़ाकलां में प्रवेश हो गया है।आपका आष्टा प्रवेश भी होगा। श्रद्धालु भाई -बहनों में साध्वी भगवंतों के नगर प्रवेश को लेकर काफी उत्साह एवं श्रद्धा भक्ति का माहौल बना हुआ है। पियूष देशलहरा ने बताया कि शनिवार 15 जून को सुबह 8 बजे मालवकीर्ति जी आदि ठाणा 4 का सिद्धिकगंज प्रवेश होगा।श्री देशलहरा ने सभी से साध्वी भगवंतों के सिद्धिकगंज प्रवेश में शामिल होने का आग्रह किया है।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा वर्ष 2024 का आयोजन 23 जून को सम्पन्न कराये जाने के लिए जिला कार्यालय में कार्यालयीन कार्य एवं कम्प्यूटर कार्य तथा आयोग की बेवसाइट पर परीक्षा संबंधी जानकारी दर्ज करने के लिए कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार डीआईओ, एनआईसी के श्री अनिल परमार एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री दिनेश्वर दयाल तिवारी कार्यालय में उपस्थि रहकर कार्य सम्पादित करेगें और इसके लिए श्री डिप्टी कलेक्टर एवं परीक्षा के नोडल अधिकारी सुधीर सिंह कुशवाह, प्रभारी के निर्देशानुसार कार्य करेंगे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- सभी नगरीय क्षेत्रों में 15 जुलाई से 15 सितम्बर तक व्यापक पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पौधरोपण को बढ़ावा देने के निर्देश दिये हैं। इस उद्देश्य से नगरीय क्षेत्र में पूरे 2 माह पौधरोपण अभियान चलेगा। शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ 75 लाख पौधों को रोपा जायेगा। राज्य शासन ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग से सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। सभी जिला कलेक्टर के नेतृत्व में अन्य विभागों के साथ मिलकर पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। वर्षाकाल में अधिक से अधिक पौधरोपण करने के निर्देश दिये गये हैं।

इसी प्रकार एक लाख एवं इससे अधिक जनसंख्या की नगर पालिकाओं में और एक लाख से कम जनसंख्या की नगर पालिका में 15-15 हजार और नगर परिषद में 10-10 हजार पौधे लगाये जायेंगे। नगरीय निकायों द्वारा पौधरोपण का कार्य नगरीय निकाय की स्वयं की हरित क्षेत्र के लिये आरक्षित भूमि, अन्य शासकीय भूमि तथा निजी कॉलोनियों में हरित क्षेत्र के लिये आरक्षित भूमि में किया जाएगा। निजी कॉलोनियों में पौधरोपण जन-सहयोग से होगा। निकाय द्वारा पौधों की आपूर्ति नगरीय निकाय एवं वन विभाग की नर्सरी तथा स्थानीय रूप से उपलब्ध पौधों से की जायेगी।

अभियान में छायादार और औषधीय प्रजाति के पौधों का चयन करने को कहा गया है। सजावटी एवं हेज प्लांट का उपयोग नहीं होगा। निकायों द्वारा किये जाने वाले पौधरोपण की सुरक्षा का उचित प्रबंध करने को भी कहा गया है। निश्चित अंतराल एवं आवश्यकतानुसार पानी देने की व्यवस्था के भी निर्देश हैं। पौधों की निगरानी एवं रख-रखाव में निकाय द्वारा गैर सरकारी संस्थाओं और आम नागरिकों से सहयोग लेने की अपेक्षा की गई है।पौधरोपण कार्य वन, उद्यानिकी तथा नगरीय निकाय के स्वयं की उद्यानिकी शाखा के तकनीकी मार्ग दर्शन में किया जायेगा। अभियान में स्मृति वन, नक्षत्र वन, संस्कृति वन विकसित करने को प्रोत्साहित करने को कहा गया है।

निकायों द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा सांइन्टिफिक लैंडफिल परिसर में पौधरोपण का कार्य अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है। साथ ही जन-अभियान परिषद, स्वयंसेवी संस्थाओं, स्व-सहायता समूह, एनएसएस, एससीसी तथा स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में नगरीय निकायों में अमृत 2.0 योजना अंतर्गत हरित क्षेत्रों का विकास कार्य प्रचलित है। पौधरोपण अभियान में वित्तीय व्यवस्था अमृत 2.0 योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि, नगरीय निकाय में उपलब्ध स्वयं के स्त्रोत से तथा जन-सहयोग से की जायेगी। इसके अलावा भी प्रति वर्ष नगरीय निकायों द्वारा वर्षाकाल पौधरोपण का कार्य किया जाता है।

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