updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार 5 जून से 16 जून तक विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में समूचे प्रदेश में पर्यावरण पखवाड़ा मनाने के निर्देश दिए गए थे। उसी के चलते स्थानीय नगरपालिका ने नगर की जीवनदायिनी मां पार्वती नदी के तट पर अभियान चलाकर अभियान का शुभारंभ किया। पर्यावरण पखवाड़े अभियान का शुभारंभ नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा, मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजेश सक्सेना, नपाउपाध्यक्ष प्रतिनिधि भूरू खां, पार्षदगण हिफज्जुर्रहमान भैया मियां,

डॉ. सलीम खान, कमलेश जैन, तेजसिंह राठौर, कालू भट्ट, रवि शर्मा की उपस्थिति में हुआ। अभियान में मौजूद समस्त जनप्रतिनिधि एवं नपा कर्मचारियों द्वारा पार्वती तट के घाटों की साफ-सफाई की गई, तत्पश्चात्् इंटेक वेल के समीप स्थित भूमि पर विभिन्न प्रजापतियों के पौधों का रोपण किया गया। वहीं काला तालाब पहुंचकर तालाब के किनारों पर जनप्रतिनिधि एवं नपा कर्मचारियों द्वारा श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गंगा अभियान समूचे प्रदेश भर में चलाया जा रहा है।

इस अभियान के माध्यम से प्रदेश भर के जलस्त्रोतों जैसे नदी, तालाब, कुआं, बावड़ी इत्यादि का संवर्धन व पुर्नजीवन का कार्य किया जाएगा। साथ ही नदी, तालाबों जैसे वृहद जलस्त्रोत के समीप पौधों का रोपण किया जा रहा है। हमारे जीवन में वृक्ष का इतना महत्व है कि वृक्ष के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जीवन शक्ति प्रदान करने वाली ऑक्सीजन हमें वृक्षों से ही प्राप्त होती है। यदि ऑक्सीजन न हो तो सभी जीव घुट-घुट कर मर जाएंगे। प्रकृति पर नियंत्रण और जीवन शक्ति को बनाए रखने के लिए वृक्ष का लगाना आवश्यक हो गया है।

मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजेश सक्सेना ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि प्राकृति को संवारने का शासन द्वारा जो पहल की गई है वह अपने आपमें अनुकरणीय पहल है। भारत समेत पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण का संरक्षण करना बहुत जरूरी हो गया है।

सीएमओ श्री सक्सेना ने जानकारी देते हुए कहा कि यह अभियान 5 जून से प्रारंभ होकर 16 जून तक अनवरत रूप से जारी रहेगा। अभियान में नपा सहायक यंत्री आकाश गुयतर, उपयंत्री पीके साहू, मनीष श्रीवास्तव, अजय द्विवेदी, मोहम्मद इसरार, गबू सोनी, जगदीश वर्मा, पार्वती शर्मा, अरूणा सोनी, हरनाथसिंह मालवीय, संजय शर्मा, आशीष बैरागी, कैलाश घेंघट, लखन डूमाने, प्रमोद श्रीवास्तव, राकेश विश्वकर्मा, आशीष शर्मा, कृष्णमोहन जोशी, रोहित सोनी, मनीष किल्लौदिया, गोलू घेंघट, नीलू ठाकुर, संतोष परमार सहित बड़ी संख्या में कर्मचारीगण मौजूद थे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्ष-2016 में भारत सरकार द्वारा नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन जारी किया गया है। इसके अंतर्गत पूरे देश में वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य एवं मलेरिया मुक्त क्षेत्र में पुनः संक्रमण रोकने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। मलेरिया प्रकरणों के आधार पर एनुअल पैरासाइटिक इनसिडेंस के अनुसार कैटिगरी 0,1,2 एवं 3 में श्रेणीबद्ध किया गया है, जिसके अंतर्गत मलेरिया नियंत्रण के लिए शीघ्र जांच एवं

पूर्ण उपचार, घर-घर भ्रमण कर बुखार रोगियों की मलेरिया जांच के लिए सर्विलेंस, कीटनाशक युक्त मच्छरदानी का वितरण, कीटनाशक छिड़काव, लार्वा नियंत्रण के लिए गतिविधियां, प्रशिक्षण एवं सपोर्टिव सुपरविजन किया जा रहा है। मलेरिया का खतरा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा रहता है। तेज ठंड देकर बुखार, कंपकपी, सिर दर्द ,बदन दर्द, उल्टी होना मलेरिया को प्रमुख लक्षण है। गंभीर अवस्था में यह खून की कमी का कारण भी हो सकता है। यदि इसका शीघ्र एवं पर्याप्त उपचार नहीं लिया जाए तो मलेरिया से रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

गर्भावस्था में मलेरिया गंभीर हो सकता है और जच्चा और बच्चा भी जान को भी खतरा हो सकता है। मलेरिया होने पर आरडीटी किट किट से जांच करवाकर मलेरिया उपचार नीति के अनुसार पूरा उपचार लेना आवश्यक होता है।विभाग ने बताया कि मलेरिया फैलाने वाले दो परजीवी प्लाज्मोडियम फेल्सीफेरम एवं प्लाज्मोडियम वाईवेक्स है। एनाफिलीज मच्छर रुके हुए साफ पानी में जैसे कि धान का खेत तालाब, गड्ढे,कृत्रिम जलाशय, छत पर बनी हुई टंकी, जल एकत्रित करने के लिए जमीन के अंदर बनी टंकी, अनुपयोगी कुंए, जलधारा के किनारे से एकत्र जल, नदियां, हैंड पंप, नल के आसपास जमा पानी, नहर में रुके हुए पानी इत्यादि में पनपता है।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- अशासकीय विद्यालयों के द्वारा फर्जी व डुप्लीकेट आईएसबीएन पाठ्य पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फर्जी व डुप्लिकेट आईएसबीएन पाठ्य पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से रोकने के लिए निजी विद्यालयों के विरूद्ध 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जाएगा तथा अशासकीय शालाओं का निरीक्षण किया जाएगा। निजी विद्यालयों द्वारा इस प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अशासकीय शालाओं के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए जिला एवं विकासखंड स्तर पर समिति गठित की गई है।

शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि, अशासकीय संस्थाओं द्वारा 08 जून तक शासन के पोर्टल पर फीस संरचना की जानकारी अपलोड नहीं करने पर निर्धारित समयावधि के बाद जानकारी अपलोड करने वाले अशासकीय संस्थाओं पर पांच गुना अर्थदंड की कार्यवाही की जायेगी। जिले में विकासखंड के समस्त शासकीय सीएम राईज स्कूलों एवं जिले के लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 06 जून से 08 जून तक प्रातः 10 बजे से 5 बजे तक पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। पुस्तक मेले में अशासकीय स्कूल के छात्र-छात्राएं एवं पालकगणों को भी आमंत्रित किया गया है।

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