updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- हर वर्ष 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है इस दिन को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। आज प्रातः 9 बजे स्थानीय शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल आष्टा में स्वामी विवेकानंद का जन्मोत्सव सूर्य नमस्कार के साथ मनाया गया। इस अवसर पर संस्था के सीनियर कक्षा के छात्र महत्व मालवीय और देवेंद्र मेवाड़ा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
वहीं संस्था के वरिष्ठ शिक्षक श्री जितेन्द्र पटेल द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। वहीं संस्था के शिक्षक श्री संजीव दीक्षित द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं शिक्षक प्रवीण राठौर द्वारा मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण किया। इसके पश्चात संस्था प्राचार्य सुनील शर्मा ने उपस्थित शिक्षक और छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि आज 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है
“उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।” जोश से भर देने वाली यह पंक्ति स्वामी विवेकानंद जी की ही है स्वामी जी वह शख्सियत है जिससे आज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के करोड़ों युवा जीवन जीने की सीख लेते हैं। उनके प्रेरणादाई व जोशीले विचार युवाओं में जोश भरने का काम करते हैं और आगे भी शताब्दियों तक करते रहेंगे। यही वजह है कि 12 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता में हुआ था।
उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ तथा सिर्फ 25 साल की उम्र में ही नरेंद्र नाथ ने अध्यात्म का मार्ग अपना लिया था। आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद उनको स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा। वह बहुमुखी प्रतिभा के नहीं थे विज्ञान के छात्र होते हुए भी उनके दर्शन में काफी रुचि थी। “जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी”- स्वामी विवेकानंद पुरोहितवाद, धार्मिक आडंबरों , कठमुल्लापन और रूढ़ियों के सख्त खिलाफ थे। उनका मानना था कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
जो तुम सोचते हो वह बन जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो तुम कमजोर हो जाओगे। अगर खुद को ताकतवर सोचते हो तुम ताकतवर हो जाओगे। बच्चों और मेरे साथी शिक्षकों आज युवा दिवस के मौके पर हम सभी न सिर्फ स्वामी जी को याद करें बल्कि हम उनके दिए ज्ञान, बतो, सीखो, व चरित्र के छोटे से हिस्से को भी अपने जीवन में भी उतारे। यदि हम सभी उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के छोटे से हिस्से को भी अपने जीवन में उतार दें तो हमें सफल होने में कोई नहीं रोक सकता।
उक्त विचार के साथ संस्था के सभी छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकों ने सूर्य नमस्कार किया। सूर्य नमस्कार का विस्तृत वर्णन संस्था के शिक्षक प्रवीण राठौर द्वारा बताया गया। वही कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ शिक्षक संजीव दीक्षित द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्था के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर पोस्टर बनाकर एक प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया गया जिसमें उनके बचपन से लेकर संपूर्ण जीवन को पोस्टर व राइटिंग के माध्यम से बताया गया।