updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- कालापीपल विधानसभा क्षैत्र के ऊर्जावान एवं लोकप्रिय विधायक घनश्याम चंद्रवंशी का नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा द्वारा नगरपालिका कार्यालय में पुष्पमाला पहनाकर स्वागत सम्मान किया। साथ ही अत्याधिक वोटों के अंतराल से विजयी होने पर शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष अतुल शर्मा, महेन्द्रसिंह इंजीनियर, मनीष धारवां, दौलत चैधरी, पवन वर्मा सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे। स्वागत सम्मान के दौरान विधायक श्री चंद्रवंशी ने कहा कि भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं को साथ लेकर व सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रदेश के विकास में हम पूर्ण निष्ठा के साथ अपना योगदान देंगे।
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- संगीतमय श्री राम कथा के चौथे दिवस पर संत श्री गोविंद जाने सुनने को सुनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा शीत लहर होते हुए भी भारी संख्या श्रवण करता पहुंचे पंडाल में बैठने के लिए जगह कम पड़ गई वही आज श्री राम जन्मोत्सव मनाया गया बहुत ही उत्साह और उमंग हर्षाेल्लास के साथ माता बहनों ने रामलाल के जन्म का स्वागत किया। इस अवसर पर संत श्री ने कहा कि युग चार प्रकार के होते हैं- सतयुग,त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग।
इन सब युगों का अपना अलग महत्व है। इनकी समय और काल अवधि अलग-अलग है। यह ऋतुओं के जैसे समय-समय पर बदलते रहते हैं संत तुलिदास ने कहा है, ष्कलयुग केवल नाम अधारा, सिमर-सिमर नर उतरहिं पारा अर्थात कलियुग में केवल भगवान के नाम का जाप ही मनुष्य को संसार के गहरे समुद्र से पार लगाने के लिए पर्याप्त है। भगवान के दिव्य नाम का जाप जन्म और मृत्यु के इस चक्र से आनंद, शांति और मुक्ति देगा, जहां सत्कर्म होगा वहां भजन बढ़ेगा और जिस घर में भजन बढ़ेगा वहां पर कलयुग और अधर्म कभी भी पैर नहीं रख सकता।
सन्यासी आश्रम से गृहस्थ आश्रम श्रेष्ठ माना जाता है सन्यासी मे व्यक्ति भगवान के चरणों में होते हैं परंतु ग्रस्हत जीवन में पूरे परिवार का एक-एक व्यक्ति भगवान की कृपा से कार्यकर्ता है। चौपाईएक बार भूपति मन माहीं। भै गलानि मोरें सुत नाहीं।गुर गृह गयउ तुरत महिपाला। चरन लागि करि बिनय बिसाला। एक बार राजा के मन में बड़ी ग्लानि हुई कि मेरे पुत्र नहीं है। राजा तुरंत ही गुरु के घर गए और चरणों में प्रणाम कर बहुत विनय की। जीवन में सद्गुरु के बताए हुए मार्ग पर ही कार्य करना चाहिए पूरी धरती और अयोध्या दशरथ जी के अधीन थी परंतु दशरथ जी अपने सद्गुरु के अधीन थे।
जीवन का हमारा जो पाठ है वह मंगलाचरण होना चाहिए स्वयं के चरित्र पर चित्रण करना अपनी बुद्धि अपने सत्कर्म पर ध्यान देना स्वयं को अंतर आत्मा से पहचाना हम किस पार्टी के हैं कुकर्म करेंगे तो रावण दल के कहलाएंगे और सतकर्म और धर्म करेंगे तो राम दल के कहलाएंगे। हमारा मार्ग हमें स्वयं ही दिखता है बस निर्भर यह करता है कि हम चले कि मार्ग पर, गुरु वह कहलाता है जिसके पास बैठने से हमारे मन में सत्कर्म और अच्छे आचरण मिले और मां को शांति मिले जहां बैठकर व्रत गंगा तीर्थ का ध्यान हो ऐसा व्यक्ति की संगत से वह संत होता है।
दसरथ पुत्रजन्म सुनि काना। मानहु ब्रह्मानंद समाना॥
परम प्रेम मन पुलक सरीरा। चाहत उठन करत मति धीरा॥ राजा दशरथ पुत्र का जन्म कानों से सुनकर मानो ब्रह्मानंद में समा गए। मन में अतिशय प्रेम है, शरीर पुलकित हो गया। बुद्धि को धीरज देकर वे उठना चाहते हैं।जाकर नाम सुनत सुभ होई। मोरें गृह आवा प्रभु सोई॥परमानंद पूरि मन राजा। कहा बोलाइ बजावहु बाजा जिनका नाम सुनने से ही कल्याण होता है, वही प्रभु मेरे घर आए हैं। राजा का मन परम आनंद से पूर्ण हो गया। उन्होंने बाजेवालों को बुलाकर कहा कि बाजा बजाओ।
वही राम जन्मोत्सव पर पूरे पंडाल को रंग-बिरंगे फूल पत्तियों से सजाया गया ढोल ढोल धमाके के साथ पटाखे फोड़ कर धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर अनोखीलाल खंडेलवाल, कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी, महेन्द्र सिंह इंजीनियर, बंटी मेवाडा, राजा मेवाड़ा , चेतन सिंह ठाकुर, मीडिया प्रभारी जुगल पटेल, चेतन वर्मा, धीरप पटेल, जटाल सिंह, भगवती सोनी, सुदीप जायसवाल, सांध्य बजाज, डा मीना सिंगी,जितेंद्र सिरोठिया, टीना पांचाल, श्राद्ध नागर शाजापुर, मनीषा नागर, चन्दर ठेकेदार, मनीष धारवा, शेलबाला शर्मा, सुनील आर्य, राधेश्याम दाऊ, सुनील केलिया, राजेंद्र चेयरमैन,अभिषेक पटेल, डा रतन सिंह शामिल रहे।