updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की संघ कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में नवीन कार्यकारिणी की घोषणा की गई। स्थानीय संघ कार्यालय पर हुई बैठक का शुभारंभ ज्ञान की देवी मां सरस्वती जी व युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर हुई। बैठक में जिला संगठन मंत्री विवेकानंद जी वा जिला सयोजक शुभम व्यास ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की आष्टा नगर इकाई की नवीन कार्यकारिणी की घोषणा की। जिसमें नगर अध्यक्ष देवेंद्र बागवान, नगर मंत्री रजत सोनी, नगर सह मंत्री प्रिंस कुशवाह, आयुषी जैन, नरेंद्र जाट, निखिल मालवीय,
विशाल धाकड़, महाविद्यालय प्रमुख राहुल जाट, सह प्रमुख सुमित बगाना, विद्यालय प्रमुख अंश राठौर, सह प्रमुख मोहित शर्मा, एसएफडी प्रमुख भरत सोनी, सह प्रमुख सोनू मालवीय, एसएफडी प्रमुख प्रियांश सोनी, सह प्रमुख मनोयन बोहरा, खेलो भारत नगर प्रमुख मोहित सोनी, सह प्रमुख अतुल जैन, कलामंच प्रमुख सार्थक, सह प्रमुख मन साहू, ई एक्टिविटी प्रमुख कृष्णा राठौर, सह प्रमुख रुद्र कुशवाह नगर कृषि आयाम प्रमुख नवीन सेन सदस्य भूपेंद्र परमार, प्रशांत परमार, नरेन्द्र ठाकुर बनाये गये। नवीन कार्यकारणी के सभी पदाधिकारियों को अंकुश सोनी पूर्व भाग संयोजक, अखिलेश राजपूत, मनीष प्रजापति, विकाश डाबी, जिला ई एक्टिविटी प्रमुख दीपक जैन आदि कार्यकर्ताओं ने बधाई दी।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए प्रत्येक माह गर्भावस्था की दूसरी एवं तीसरी तिमाही की महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं जांच शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। महिलाओं की जांच प्रत्येक शिविर में सुनिश्चित की जा रही है। इस दौरान जागरूकता एवं जांच शिविरों में गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की जानकारी भी दी जा रही है।
गर्भवती महिलाओं और प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को देखते हुए स्वास्थ्य परामर्श एवं स्क्रीनिंग की शुरुआत की गई है। गर्भावस्था एवं प्रसव पश्चात महिलाएं डिप्रेशन, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं से ग्रसित हो सकती हैं। इसे देखते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत इस पहल का उद्देश्य महिलाओं एवं परिजनों को गर्भावस्था के दौरान शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व के तहत उच्च जोखिम के लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं की जांच, परामर्श, उपचार, पैथोलॉजी जांच, सोनोग्राफी जांच की जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कार्यकर्ता जैसे आशा, ए एन एम द्वारा गर्भवती महिलाओं को परामर्श एवं जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में लाया जाता है। जहां पर चिकित्सकों द्वारा महिलाओं में गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की पहचान कर सलाह एवं दवाइयां दी जाती हैं। गर्भावस्था में एनीमिया, गर्भावस्था जनित उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था जनित डायबिटिज़, पूर्व में ऑपरेशन द्वारा प्रसव इत्यादि लक्षण होने पर हाई रिस्क प्रेगनेंसी के रूप में चिन्हित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेष चिकित्सकीय देखभाल एवं परामर्श की सेवाए प्रदान की जाती है।
चिकित्सकीय परामर्श के साथ हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्युमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी, हेपेटाईटिस, ओरल ग्लूकोज़ टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफलिस की जांच की जाती है। चिकित्सकीय परामर्श अनुसार सोनोग्राफी एवं थायराईड की जांच भी की जाती है। मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए, उच्च जोखिम की गर्भवती महिलाओं का सही समय पर चिन्हांकन किया जाना बेहद आवश्यक है। जिससे इन गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। हाईरिस्क महिलाओं की न्यूनतम 4 जांचों के साथ 3 अतिरिक्त जांचे भी की जाती हैं। जिनमें से न्यूनतम एक जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाती है।