updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- हमारी आत्मा से बाहर कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु हमारे अंदर ही है। काम, क्रोध, मद ,लोभ, मोह और ईर्ष्या यह सभी हमारे दुश्मन है। सभी हमारे खुद के अंदर छिपे हुए हैं। इसलिए खुद पर विजय प्राप्त करना, लाखों शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से अच्छा है। उक्त प्रेरक विचार श्री श्याम श्याम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा खंडेलवाल मैदान मंडी गेट पर आयोजित सात दिवसीय संगीत मय श्री राम कथा के छठवें दिन व्यास पीठ से परम भागवत भास्कर संत श्री मिट्ठुपुरा सरकार द्वारा व्यक्त किए गए।
कथा से पूर्व यजमान सुषमा राजीव पवार द्वारा पूज्य महाराज श्री का शाल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। आज कथा में गुरुदेव द्वारा आगे सुनाया की आज का मनुष्य धन कमाने के लिए भाग जा रहा है। जबकि वह अच्छी तरह जानता है। की अंतिम समय में एक फूटी कौड़ी भी उसके साथ नहीं जाएगी। जो भी धन कमाया है। वह इस धरा पर धरा ही रह जाएगा। लाख कमा लो हीरे मोती। याद रखो कफन में जेब नहीं होती। धन कमाने के बाद भी जीवन भर भयभीत रहता है। मनुष्य का जीवन चूहे जैसा हो गया है।
जो हमेशा भयभीत रहता है। व्यक्ति हीरे को छोड़कर कांच के टुकड़ों को पकड़ रहा है। व्यक्ति के साथ धन नहीं उसका किया हुआ दान, सेवा, सत्कर्म ही साथ जाना है। पर जीव इनको करने से बचता है। आगे संत श्री द्वारा सीता स्वयंवर मैं भगवान श्री राम द्वारा भगवान शंकर के धनुष को तोड़ने की कथा को बड़े ही विस्तार से श्रवण करवाया। इसके पश्चात परशुराम लक्ष्मण संवाद को बड़े ही सरल शब्दों में सुनाया। अंत में भगवान श्री राम सीताजी का विवाह कथाकार पंडित दीपक शर्माजी द्वारा वैदिक रीति से विधि विधान से संपन्न करवाया।
कथा समिति के अध्यक्ष संजीव पांचम, राजीव सुषमा पवार द्वारा जगत जननी जानकी सीता मैया के पांव का पूजन कर कन्यादान किया गया। इस अवसर पर संत श्री द्वारा गाए हुए सुंदर और मंगल विवाह गीतों पर सभी ने मंत्र मुग्ध होकर नृत्य किया। हल्दी और कुमकुम लगाकर एक दूसरे को बधाई दी गई। श्री राम विवाह के अवसर पर महाप्रसादी वितरण का परम सौभाग्य कमल ताम्रकार विजेंद्र सिंह सेंधव डेरी को प्राप्त हुआ। आज कथा का विश्राम शोभायात्रा और महाप्रसादी के साथ संपन्न होगा।
इस अवसर पर डॉ मीना सिंगी, कुमेर सिंह भाटी, गुलाब बाई ठाकुर, भोजवानी साहब, राजेंद्र सिंह ठाकुर, विजेंद्र सिंह सेंधव डेरी, गजराज सिंह गोपालपुर, बहादुर सिंह ठाकुर, देवजी पटेल रिछड़िया, सोभाल सिंह धुमड़ा खेड़ी, घासीराम भील खेड़ी, दौलत सिंह पटेल लसूडिया पार, शोभालसिंह परोलिया, राजेश गुप्ता, हरिओम कटारिया, नरेंद्र सिंह भाटी, डॉ रतन सिंह, मोहन सिंह सरपंच बमुलिया, जीवनराज माली खेड़ी, अमर सिंह राजपूत, कमल ताम्रकार, लखन पाटीदार, पंडित दीपक शर्मा, सुनील सोनी, प्रकाश जायसवाल सहित विशाल संख्या में भक्तगण पधारे और श्री राम कथा का श्रवणपान किया।