updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सतीश चंद्र शर्मा के निर्देशानुसार 21 दिसम्बर को जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मुकेश कुमार दांगी द्वारा जिला जेल का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मुकेश कुमार दांगी ने बंदियों से विस्तार से चर्चा की तथा

उनके प्रकरण के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनसे सम्बंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी देते हुए विधिक सहायता से अधिवक्ता नियुक्ति तथा अपील प्रस्तुति के सम्बंध में विस्तार से बताया गया। उन्होंने अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना एवं लीगल एड डिफेंस काउंसिल योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बंदियों की समस्याओं को सुना गया एवं यथोचित परामर्श दिया गया। महिला सेल का निरीक्षण कर महिलाओं एवं उनके साथ निवासरत् बच्चों को

मिलने वाली सुविधाओं के बारे आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीशान खान द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता योजना के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही ऐसे बंदियों के बारे में जानकारी ली गई जिनकी अपील प्रस्तुत की जाना है, विधिक सहायता से अधिवक्ता की आवश्यकता है एवं जमानत आदेश के होने के बाद भी जेल में निरूद्ध है। कार्यक्रम में जेल अधीक्षक श्रीमती ज्योति तिवारी एवं बंदीगण उपस्थित रहे।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध (सौदा-चिट्ठी) का पंजीयन आवश्यक है। भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के अंतर्गत अचल सम्पत्तियों भूमि, भवन, फ्लेट, प्लॉट, दुकान, गोडाऊन, कार्यालय इत्यादि को खरीदने या विक्रय के एग्रीमेंट का पंजीयन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में करना अनिवार्य है। केवल स्टाम्प पर लिखे गये नोटराईज्ड अनुबंध कानूनी अधिकार प्रदान नहीं करता है। अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों पर स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क निर्धारित है।

एग्रीमेंट में सम्पत्ति पर कब्जा नहीं दिया है, तो एक हजार रूपये स्टाम्प ड्यूटी और अनुबंध मूल्य का 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध के द्वारा कब्जा देने पर सम्पत्ति के बाजार मूल्य या सौदा मूल्य, जो भी अधिक हो का हस्तांतरण पत्र अनुसार 5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क तथा 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध पत्र पर उपरोक्तानुसार चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन फीस का समायोजन रजिस्ट्री कराने पर हो जाता है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों का पंजीयन अवश्य कराएं। रजिस्टर्ड अनुबंध से अधिकार सुरक्षित रहते हैं तथा विवाद की संभावना बहुत कम हो जाती है।

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