updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- एम्स और पंडित खुशीलाल आयुर्वैदिक चिकित्सालय में प्रसव पश्चात महिला नसबंदी करवाने पर महिला हितग्राही और प्रेरक को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। राशि का भुगतान स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा। नसबंदी करवाने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा दवाइयों, ड्रेसिंग, सर्जन, एनेस्थीसिया, नर्स, ओटी टेक्नीशियन, डॉक्यूमेंटेशन, रिफ्रेशमेंट आदि की आवश्यकता बताए जाने पर उस राशि का भुगतान भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित संस्थानों में नसबंदी करवाने पर हितग्राहियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भुगतान किया जाता है। एम्स चिकित्सालय में बड़ी संख्या में डिलीवरी करवाई जाती है। इसी प्रकार पंडित खुशीलाल आयुर्वैदिक चिकित्सालय भी लेवल वन प्रसव केंद्र के रूप में क्रियाशील किया गया है। इन संस्थानों में पूर्व से ही नसबंदी ऑपरेशन किये जाते रहे हैं। किंतु स्वास्थ्य विभाग से परिवार कल्याण कार्यक्रम अंतर्गत संबद्धता न होने के कारण हितग्राहियों को राशि का भुगतान नहीं हो पाता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि अस्पताल में होने वाली नसबंदी केस का भुगतान स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा।

वर्तमान में यह राशि केवल प्रसव पश्चात महिला नसबंदी करवाने पर दी जाएगा। अस्पताल प्रबंधन द्वारा आवश्यकता बताई जाने पर पुरुष नसबंदी एवं गर्भपात पश्चात नसबंदी करवाने पर भी भुगतान किया जाएगा। परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत पुरुष नसबंदी करवाने पर 3 हजार रुपए एवं प्रेरक को 400 रूपए प्रदान किए जाते हैं। प्रसव पश्चात नसबंदी करवाने पर महिला को 3 हजार रूपए एवं प्रेरक को 400 रूपए एवं पोस्ट अबॉर्शन नसबंदी करवाने पर हितग्राही को 2 हजार रूपए एवं प्रेरक को 300 रूपए की राशि दी जाएगी।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- दिव्यांगजनों को विभिन्न विभागों में रिक्त पदों, बड़े प्रतिष्ठानों में एक पद पर नियुक्ति और स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा। दिव्यांगों के लिए स्थान आरक्षित होंगे दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं होती। दिव्यांगजनों को आत्म-निर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दिव्यांगजन को एक दुकान या गुमठी दिलाने के प्रयास करेंगे, जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा। दिव्यांगजनों को स्व-रोजगार के लिए विशेष प्रावधान कर सुलभ ऋण उपलब्ध कराने और प्रशिक्षण अभियान चलाने की योजना है।

विभिन्न खेल में प्रतिभाशाली दिव्यांगजन को प्रोत्साहित किया जाएगा। पैराओलिम्पिक में कुछ ही खेलों को मान्यता है। दिव्यांगजनों के लिए अन्य खेलों में भी मान्यता दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। ब्लाइन्ड क्रिकेट, व्हील चेयर रेस, हैण्ड रेसलिंग आदि में काफी खेल प्रतिमाएँ रूचि ले रही हैं। खेल विभाग के सहयोग से इन सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई जाएगी, जिनमें अन्य राज्यों के खिलाड़ी भी प्रवेश ले सकेंगे। दिव्यांगों का यूडीआईडी बनाने में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। यूडीआईडी कार्ड होल्डर दिव्यांग देश-विदेश में कहीं भी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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