updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- एविएशन के क्षेत्र में बहुत से मौके और अवसर हैं विधार्थी इस क्षेत्र में अपना कैरियर चुन सकते हैं।शहीद भगतसिंह शासकीय महाविद्यालय आष्टा में एविएशन के क्षेत्र में छात्र छात्राओं को कैरियर चयन और मार्गदर्शन देने के लिए सोमवार को सेमिनार का आयोजन स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। आईआईएचएम एविएशन अकादमी भोपाल की स्पीकर ने विधार्थियो को एविएशन में रोजगार की संभावनाओं, व्यक्तित्व विकास, संप्रेषण कौशल और ग्राउंड जॉब, तकनीकी जॉब व अन्य अवसरों की जानकारी दी।
उन्होंने इस क्षेत्र में चयन में आने वाली मुश्किलों पर भी बात की। उन्होंने सभी एयरलाइंस के बारे में विस्तार से बताया। इस क्षेत्र में कम उम्र से ही आय की शुरुआत के बारे में बताया। छात्र छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रश्न किए और अपनी शंकाएं रखीं। सेमिनार में शुभम राजपूत व अदनान हासमी ने अपने इंस्टिट्यूट में संचालित विभिन्न कोर्स के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि छात्राएं बी.ए. इन ट्रैवल एंड टूरिज्म, बी.कॉम. इन लॉजिस्टिक एंड कार्गाे, बी.बी.ए. एविएशन के साथ-साथ एयरपोर्ट ग्राउंड मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन ट्रैवल टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी के
साथ-साथ एडवांस डिप्लोमा इन एयरलाइंस, केबिन क्रू की पढ़ाई व प्रशिक्षण भी ले सकती हैं। यहां ऐड ऑन कोर्सेज इन एविएशन भी चलाया जाता है। शासकीय कॉलेज की प्राचार्य डॉ पुष्पलता मिश्रा ने सेमिनार में कहा कि विधार्थियो को एवियेशन इंडस्ट्री की जानकारी देने से उनका कमर्शियल इंडस्ट्री वैल्यू भी बढ़ता है जो कि आने वाले समय में छात्राओं को कैरियर बनाने में सहायता देगा। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद प्रकोष्ठ के TPO डा दीपेश पाठक ने कहा की भारत के विमानन क्षेत्र में रोजगार और विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।
युवाओं को विमानन क्षेत्र संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त कर इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार है। वर्ष 2040 तक देश में 34 हजार पायलट, 45 हजार तकनीकी क्षेत्र के नए पदों की आवश्यकता होगी और अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। कार्यक्रम में डा रचना श्रीवास्तव, विनोद पाटीदार, वैभव सुराणा, जगदीश नागले, जितेंद्र विश्वकर्मा, कुलदीप जाटव सहित महाविद्यालय के अन्य शिक्षक व विधार्थी उपस्थित थे।संचालन डा दीपेश पाठक ने व आभार प्रकोष्ठ सदस्य वैभव सुराणा ने व्यक्त किया।