updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद हो रहे उपयोग को लेकर नगर पालिका अमले ने छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके पहले दिन शहर के सब्जी मंडी, गांधी रोड, नमक चौराहा आदि में अमले ने व्यापारियों को समझाईश दी है कि इसका उपयोग नहीं करें। आचार संहिता के हटने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया था।
इस मौके पर नगर पालिका सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित ने नपा अमले को निर्देश दिए थे कि पालीथिन का उपयोग करने वालों पर कार्रवाई हो। इसके बाद गुरुवार से नपा अमला मैदान में सक्रिय हो गया है। नपा टीम में शामिल अधिकारियों ने व्यापारियों के ठेलों व दुकानों पर मिली प्रतिबंधित पॉलीथिन को को लेकर संकल्प दिलाया। इस दौरान नपाकर्मियों ने व्यापारियों को हिदायत भी दे डाली। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग किया तो सीधे कार्रवाई होगी।
इसके लिए नियमित रूप से चेकिंग करेंगे। जिस व्यापारी के पास पॉलीथिन मिली। उनका ऑन द स्पॉट फाइन वसूला जाएगा। गुरुवार को सीएमओ श्री दीक्षित के निर्देश पर नपा अमले में तिलक खाती, अन्ना, मुकेश सांवरिया, मोहन कटारिया, राजेश और राजेश कौशल आदि शामिल थे। शहर की सडक़ों की सफाई और डोर टू डोर कचरा संग्रहण के तहत जुटाए जाने वाले कचरे में 40 प्रतिशत कचरा प्रतिबंधित पॉलीथिन का है।
जो अभी ट्रेचिंग ग्राउंड में डाला जा रहा है। उक्त पॉलीथिन का कचरा कभी भी नष्ट नहीं होता। इस कारण यही हमारे लिए घातक है। पॉलीथिन में पैक कर कूड़े को फेंकना भी जानवरों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। जिस पॉलीथिन में हम अपने कूड़े को रखकर बाहर फेंकते हैं, कई बार सडक़ पर विचरण कर रहीं गाय या अन्य जानवर उन्हें खा लेते है। जो जानवरों के पेट में जमकर पूरे पाचन तंत्र को जाम कर देते हैं और मवेशी की मौत हो जाती है।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध (सौदा-चिट्ठी) का पंजीयन आवश्यक है। भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के अंतर्गत अचल सम्पत्तियों भूमि, भवन, फ्लेट, प्लॉट, दुकान, गोडाऊन, कार्यालय इत्यादि को खरीदने या विक्रय के एग्रीमेंट का पंजीयन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में करना अनिवार्य है। केवल स्टाम्प पर लिखे गये नोटराईज्ड अनुबंध कानूनी अधिकार प्रदान नहीं करता है। अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों पर स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क निर्धारित है। एग्रीमेंट में सम्पत्ति पर कब्जा नहीं दिया है,
तो एक हजार रूपये स्टाम्प ड्यूटी और अनुबंध मूल्य का 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध के द्वारा कब्जा देने पर सम्पत्ति के बाजार मूल्य या सौदा मूल्य, जो भी अधिक हो का हस्तांतरण पत्र अनुसार 5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क तथा 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध पत्र पर उपरोक्तानुसार चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन फीस का समायोजन रजिस्ट्री कराने पर हो जाता है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों का पंजीयन अवश्य कराएं। रजिस्टर्ड अनुबंध से अधिकार सुरक्षित रहते हैं तथा विवाद की संभावना बहुत कम हो जाती है।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मानव अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु आयोग में नागरिक अपनी शिकायत ऑनलाइन फ्री पोर्टल www.hrcnet.nic.in पर पत्राचार द्वारा टोल फ्री नम्बर 144334 पर भी कर सकते हैं। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के मदद सेंटर में उपस्थित होकर लिखित शिकायत या मोबाइल नम्बर 9810298900 एवं नागरिक सेवा केंद्र यानि सीएससी में 30 रुपए का शुल्क जमा करके अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं।