updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- महिलाएं अपने बच्चों को नियमित स्तनपान कराएं स्तनपान कराने से माँ और बच्चा, दोनों के लिये आवश्यक है। परिवार में माता को दोहरे दायित्वों का निर्वहन करना होता है। स्तनपान एक माँ और उसके बच्चे के लिए आवश्यक होता है। मॉ अपने बच्चे को समुचित स्तनपान करा सके।
स्तनपान के लाभ के संबंध में जागरूता बढ़ाने और स्तनपान को प्रोत्साहन देने की गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। सभी गर्भवती माताओं को अपने जन्में बच्चे को तुरन्त स्तनपान कराने के लिए नियमित रूप से जन-जागरूकता बढ़ाई जाए। कॉउंसिलिंग ऑवर के दौरान सभी अस्पतालों में एएनसी ओपीडी और पीडियाट्रिक ओपीडी में आने वाली गर्भवती एवं धात्री माताओं, पीएनसी वार्ड में भर्ती प्रसूताओं और एसएनसीयू, एनवीएसयू,
एनआरसी में भर्ती बच्चों की माताओं को स्तनपान संबंधी सभी शासकीय प्रसव केन्द्रों में पदस्थ मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टॉफ, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर नवजात शिशु के जन्म के तुरंत बाद माताओं को स्तनपान कराने की समझाइश निरन्तर दी जा रहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि महिलाएं स्तनपान के दौरान मेटरनिटी एवं शिशु वार्ड के स्टॉफ नर्स और पोषण प्रशिक्षक भर्ती माताओं को
सरल और रोचक ढंग से स्तनपान संबंधी परामर्श दें। क्विज के माध्यम से भर्ती माताओं का ज्ञानवर्धन करें। शीघ्र स्तनपान एवं 6 माह तक केवल स्तनपान ही कराने एवं गर्भवती प्रसूता के परिजन को भी बचचे को मॉ स्तनपान सुनिश्चित करें। लेबर रूम के प्रभारी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों, महिला चिकित्सकों और स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रभारियों को स्तनपान के संबंध में जानकारी बढ़ाने के लिये समझाइश देने की जिम्मेदारी के लिये भी कहा गया है।
updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- मध्यप्रदेश श्रम कल्याण आयुक्त ने मध्यप्रदेश कल्याण निधि अधिनियम 1982 एवं नियम 1984 के अन्तर्गत आने वाली समस्त औद्योगिक इकाइयों तथा प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों से नियमानुसार अभिदाय राशि पोर्टल के माध्यम से यथाशीघ्र मंडल में जमा कराने की अपील की है। निरीक्षण के दौरान अभिदाय राशि जमा नहीं करवाई पाया जाने पर ऐसे संस्थान और प्रतिष्ठान के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
कल्याण आयुक्त ने कहा कि कारखानों तथा ऐसे समस्त प्रतिष्ठान, जिनमें 9 से अधिक श्रमिक/कर्मचारी कार्यरत हैं और उनका नाम कैलेण्डर वर्ष में जनवरी से दिसम्बर तक 30 कार्य दिवसों का दर्ज है, को नियमानुसार अभिदाय राशि प्रत्येक छः माह में जून एवं दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह तक मंडल को निर्धारित प्रारूप में https://shramkalyanmandal.mponline.gov.in पोर्टल पर जमा कराना अनिवार्य है। ऐसे प्रतिष्ठानों में होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल,
नर्सिंग होम, निजी स्कूल एवं कॉलेज, सिक्यूरिटी एजेन्सी, आउट सोर्स एजेन्सी सर्विस सेक्टर के प्रतिष्ठान, गैस एजेन्सी, व्यापार अथवा व्यवसाय करने वाले प्रतिष्ठान शामिल है। मंडल द्वारा श्रम कल्याण निधि का उपयोग श्रमिक कर्मचारियों तथा उनके परिवार की सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं को संचालित करने के लिये किया जाता है। प्रबंधकों का यह नैतिक दायित्व है कि उद्योग में कार्यरत श्रमिकों को मंडल की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रेरित करें।