updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- शहीद भगतसिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय आष्टा में एड्स जागरुकता पखवाड़े के अन्तगर्त रेड रिबन क्लब द्वारा दिनांक 04.12.2023 को रक्तदान शिविर का आयोजन शहरी स्वास्थ्य केन्द्र आष्टा एवं जिला स्वास्थ्य समिति सीहोर के सहयोग से किया गया। इस शिविर में मुख्य अतिथि के रुप में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आष्टा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. नेहा अरोरा एवं पत्रकार किरण रांका उपस्थित रही।

कायर्क्रम का प्रारंभ सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यापर्ण कर किया गया। जिसमें महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. पुष्पलता मिश्रा कायर्क्रम प्रभारी डाॅ. ललिता राय, श्री विनोद पाटीदार सहित डाॅ. अबेका खरे, डाॅ. बेला सुराणा, डाॅ. मेघा जैन, श्री वसीम खान आदि उपस्थित रहें। अतिथियों का स्वागत रेड रिबन लगाकर एवं पुष्प भेंटकर किया गया। रक्तदान शिविर में सवर्प्रथम रक्तदान महाविद्यालय के सहायक ग्रंथपाल श्री रुपकिशोर शर्मा एवं स्टाॅफ के सदस्यों ने किया। इसके पश्चात् महाविद्यालय के विद्याथिर्यों ने रक्त दान किया।

35 विद्याथिर्यों के रक्तदान के साथ ही ब्लड टेस्ट और ब्लड ग्रुप के लिये करीब 62 सेम्पल भी लिये गये एवं जिन विद्याथिर्यों में हीमोग्लोबिन कम पाया गया उन्हे दवाई भी दी गई। रक्तदान के इस महान अभियान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आष्टा ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आष्टा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. नेहा अरोरा, रीना गोरेल नर्सिंग आफीसर, जया मेवाड़ा, रेखा भावसार, अम्बर मालवीय लेब टेक्नीशियन, शुभम परमार, दानिश, प्रियंका रघुवंशी नर्सिंग आफीसर, राहुल मालवीय लेब टेक्नीशियन, अमन सहित समस्त यूनिट का कार्य सराहनीय रहा।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- बदलते मौसम में बच्चों में निमोनिया के लक्षणों की पहचान एवं उसके उपचार एवं प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आम जनों को सलाह दी है कि निमोनिया के आकलन, निमोनिया का वर्गीकरण, खतरनाक लक्षणों के चिन्हों की पहचान, समुदाय आधारित निमोनिया का प्रबंधन, उपचार एवं रेफरल के संबंध में मैदानी कार्यकर्ताओं को जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बदलते मौसम में बच्चों को निमोनिया के लक्षणों की पहचान एवं एसके उपचार एवं प्रबंधन के लिए विभाग तैयार है। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की एएनएम को निमोनिया के संबंध जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सर्दी के मौसम में बच्चों में निमोनिया के केसेस ज्यादा पाए जाते हैं। इसे देखते हुए मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को अवगत किया गया है। जिससे कि वह अपने क्षेत्र में निमोनिया के लक्षण वाले बच्चों की शीघ्र पहचान कर शीघ्र प्रबंधन कर सकें। निमोनिया से बचाव एवं जागरूकता के लिए विभाग द्वारा 29 फरवरी तक सांस अभियान संचालित किया जायेगा।

निमोनिया फेफड़े का संक्रमण है। जिससे फेफड़ों में सूजन हो जाती है। निमोनिया होने पर बुखार खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। तेज सांस चलना या छाती का धंसना निमोनिया के दो मुख्य चिन्ह है। प्रशिक्षण में शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा द्वारा बच्चों में सांस की दर को गिनकर निमोनिया के लक्षणों की पहचान के संबंध में जानकारी दी गई। बच्चों में सांस की गति का ठीक ढंग से आकलन करके निमोनिया को प्रारंभिक अवस्था में ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए बच्चों की श्वास को एक मिनट तक निरंतर देखा जाता है।

दो माह तक की उम्र के बच्चों की सांस लेने की दर एक मिनट में 60 या उससे अधिक होने पर, 2 माह से एक वर्ष तक की आयु में 50 या उससे अधिक एवं 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रति मिनट 40 या उससे अधिक सांस की दर होने पर निमोनिया होने की संभावना रहती है। 5 वर्ष तक के बच्चों में सर्वाधिक मृत्यु का कारण निमोनिया है। निमोनिया से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण, छह माह तक सिर्फ स्तनपान और उसके बाद उचित पूरक आहार, विटामिन ए का सेवन, साबुन से हाथ धोना, घरेलू वायु प्रदूषण को कम करना आवश्यक है।

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