updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- पुरूष नसबंदी पखवाड़ा-2023 (21 नवंबर से 04 दिसंबर 2023) का समारोह पूर्वक समापन सीएमएचओ कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुधीर कुमार डेहरिया तथा जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. मालती आर्य द्वारा परिवार कल्याण सेवाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों, नसबंदी सर्जन को सम्मानित किया गया एवं नव दंपत्ति का नई पहल किट प्रदान की गई। वहीं पुरुष नसबंदी हितग्राहियों को प्रेरणा सम्मान से सम्मानित किया गया।

सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि वर्ष 2023-2024 में उत्कृष्ट सर्जन के लिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता परमार जिला चिकित्सालय, डॉ. मधु शर्मा सिविल अस्पताल इछावर तथा सिविल अस्पताल भैरूंदा से सर्जन डॉ. रूकमणी गुलहारिया को सम्मानित किया गया। वर्ष 2023-2024 में सर्वाधिक महिला नसबंदी कराने के लिए उत्कृष्ट प्रेरक सम्मान एएनएम शांति वर्मा रेहटी, मिथिलेस नरवरिया इछावर, श्रीमती सुनीता पटेल उलझावन, श्रीमती ज्योति सोलंकी सीहोर, श्रीमती अनीता उचाड़िया आष्टा को प्रदान किया गया। एन. एस.व्ही.केस प्रेरक के लिए आशा कार्यकर्ता रक्षा शर्मा, सुनीता सोनी, राजेश्वरी पंवार,

श्रीमती फूलकुंवर, संगीता प्रजापति एवं गोदावरी को सम्मानित किया गया। पुरूष नसबंदी के लिए प्रेरणा सम्मान अनुज वर्मा, राहुल महेश वर्मा तथा अखिलेश कुमार को सम्मानित किया गया। नई पहल फिट नव दंपत्ति श्रीमती प्रीति मनीष, रिया रजनीश, जेवा जेनूल को प्रदान की गई तथा प्रेरक सम्मान आशा कार्यकर्ता भारती राठौर, पदमा राठौर तथा पदमा राठौर को प्रदान किया गया। इस अवसर पर सीएमएचओ ने सभी को वर्ष 2023-2024 के लिए राज्य स्तर से जिले को प्राप्त महिला/पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित समायावधि में पूर्ण करने के लिए कहा एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए सभी को बधाई दी।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- किसान भाई सदियों से गोबर से खाद बनाता आया है। कृषि विभाग के अधिकारी प्राकृतिक संसाधनों से जैविक खाद का ऊपयोग करने की सलाह लगातार दे रहे है अब किसान जान गये है और अब कई किसानों ने गौ-मूत्र और गोबर, पत्तों से खाद बना कर खेतों में उपयोग किया जा सकता है। हम सभी को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभानी होगी।

प्राकृतिक खेती हम सभी के लिये लाभदायक है। किसान अपने खेत पर गोबर और गौ-मूत्र से खाद भी बनाया है। जिले के किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। कई किसानों ने अपने खेत में प्राकृतिक खेती प्रारंभ की है। वे गोबर, गौ-मूत्र, मिट्टी, पत्ते, वनस्पति और गुण से जीवामृत बना रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों से खाद बनाने में लागत भी कम आती है और फसल में पैदावार भी अच्छी होती है। प्रदेश में प्राकृतिक उत्पाद की मांग बढ़ी है।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- स्वास्थ्य विभाग ने आमजन को कहा है कि कैंसर जैसी बीमारी का पता लगते ही तुरंत ईलाज लें। मानव शरीर के कई अनगिनत कोशिकाओं से बना है, इन कोशिकाओं में निरंतर विभाजन होता रहता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इस पर शरीर का पूरा नियंत्रण रहता है, लेकिन कभी-कभी जब शरीर के किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है और कोशिकायें बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती है, उसे कैंसर कहते है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मानव कोशिकाओं के जीन में परिवर्तन होने लगता है, तब कैंसर की शुरूआत होती है। यह स्वयं ही बदल सकते है या दूसरे कारण जैसे गुटखा, तम्बाकू आदि नशीली चीजें खाने से अल्ट्रावॉलेट रेडिएयेशन आदि ज्यादातर देखा गया है कि कैंसर शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को समाप्त कर देता है, जिससे कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी हो जाती है। कैंसर कई प्रकार का हो सकता है, जिसमें ब्लड कैंसर, फैकड़ों का कैंसर, ब्रेन कैंसर, स्तन कैंसर आदि होने की संभावना होती है तथा डॉक्टरों से अपना शारीरिक चैकअप कराते रहना चाहिये। जिससे कैंसर जैसी बीमारी का पता लगते ही समय पर ईलाज हो सके।

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