updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041-स्वास्थ्य विभाग ने सभी शासकीय चिकित्सालयो एवं निजी चिकित्सालयो को निर्देश दिए हैं कि विगत सप्ताहों मे बच्चों में श्वसन की बीमारी के प्रकरणों में बढोत्तरी के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के अनुसार श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि मुख्य रूप से बच्चों में हो रही है और यह इन्फ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मा निमोनिया आदि जैसे सामान्य कारणो से होती है। स्वास्थ्य विभाग ने जारी एडवाइजरी में कहा कि सभी जिला अस्पतालों और चयनित टेरिटरी अस्पतालों, जिला अस्पतालों, निजी अस्पतालों में SARI प्रकरणों की निगरानी और कोविड-19 के लिए उनका RT-PCR परीक्षण कराया जाए। IDSP द्वारा ILI और SARI प्रकरणों के संबंध में स्वास्थ्य सुविधाओं का रिपोर्टिंग डाटा साझा किया जाएगा। जिला स्तर पर कलेक्टर एवं राज्य स्तर पर एमडी. एनएचएम. द्वारा रिपोर्टिंग की समीक्षा सुनिश्चित की जाए।

प्रयोगशाला आधारित निगरानी- उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के लिए लैब टेस्टिंग का डाटा ICMR पोर्टल पर अपलोड किया जाए। IDSP-IHIP की नियमित निगरानी के लिए आईसीएमआर का डाटा एपीआई के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाए। डाटा का विश्लेषण परीक्षण पॉजिटिविटी रेट और सिटी वैल्यू यदि संभव हो के आधार पर किया जाए। समुदाय आधारित निगरानी समुदाय में होने वाली असामान्य घटनाएं जैसे असामान्य प्रकरण, मृत्यु दर, आदि का शीघ्र पता लगाने पर केंद्रित है। मीडिया स्कैनिंग के माध्यम से घटना आधारित निगरानी और IDSP द्वारा घटना का सत्यापन IDSP-IHP पोर्टल पर इवेंट अलर्ट जनरेशन ILI और SARI प्रकरणों की आईडीएसपी / आईएचआईपी रिपोर्टिंग के माध्यम से Indicator based surveillance जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम असामान्य घटनाओं का आकलन करेंगी और यदि आवश्यक हो तो आउटब्रेक की जांच की जाएगी।

संपूर्ण जीनोमिक निगरानी- विभाग ने कहा है कि INSACOG के अंतर्गत प्रयोगशाला नेटवर्क की निरंतरता और विस्तार आवश्यकता आधारित तीन आयामी जीनोमिक निगरानी रणनीति का पालन किया जाए। अंतरराष्ट्रीय आगमन के अनुपात (MoHFW के नवीनतम दिशा निर्देशों के आधार पर का परीक्षण किया जाए और सभी पॉजिटिव की Sequencing की जाए। नियमित आधार पर WGS के लिए सैम्पल भेजने के लिए INSACOG नेटवर्क के Sentinel Site चिन्हित किया जाए। बड़े समूहों के पॉजिटिव सैंपल समुदाय में आउटब्रेक और असामान्य घटनाओं के सैम्पल WGS के लिए भेजा जाना है।विस्तृत दिशा-निर्देश इस लिंक पर उपलब्ध हैं: (https://www.mohfw.gov.in/pdf/ INSACOGGuidance Documentdated 15 July 2021 final.pdf सीवेज/वेस्ट वॉटर सर्विलेंस (Sewage/Wastewater Surveillance कई अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि SARS-CoV-2 RNA में वृद्धि का पता COVID-19 का पता लगाने से कई दिन पहले पर्यावरण के Samples के Clinical Surveillance के माध्यम से लगाया जा सकता है। COVID-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति में उद्देश्यों के साथ अखिल भारतीय सीवेज, अपशिष्ट जल निगरानी के लिए वर्तमान में मौजूद कई प्रणालियों को एकीकृत करने की परिकल्पना की गई है।

COVID-19 के प्रकरणों में वृद्धि पाये जाने पर पूर्व चेतावनी प्रदान करें- स्थानीय सरकुलेशन में वायरस लोड का अनुमान प्रदान करें। Genomic Characterization द्वारा वायररा आइसोलेट्स प्रदान कर Circulating variants/Mutation का पता लगाया जा सकें। इस परियोजना में प्रस्तावित गतिविधियों को एक एकीकृत नेटवर्क के रूप में किया जाएगा। जिससे एक मानक कार्यप्रणाली एवं दोहराव न हो। इस प्रणाली को भविष्य में रोगाणुरोधी प्रतिरोध निगरानी गतिविधियों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इस समय यह पायलट आधार पर है। सीवेज/वेस्ट वॉटर के sample के लिए साइट के नेटवर्क को INSACOG द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा और सीवेज निगरानी नेटवर्क के डाटा का मूल्यांकन लोक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के मार्गदर्शन में इसकी प्रभावशीलता के लिए किया जाएगा। सेरो-सर्विलांस वायरस और या टीकाकरण के जोखिम के आकलन करने के लिए एक उपयोगी है। भविष्य में किसी भी सीरो-सर्वेक्षण के लिए निर्णय उस Edit Value के आधार पर लिया जा सकता है जो यह गतिविधि भविष्य की मौजूदा स्थिति में प्रदान करेगी। सीरो-सर्विलांस गतिविधि के लिए दिशा-निर्देश राष्ट्रीय कार्य बल (NTF) द्वारा तय किए जाएंगे। जिलों और राज्यों से दैनिक रिपोर्ट- नए प्रकरणों की संख्या, डिस्चार्ज, रिकवरी, मौतें और अस्पताल में भर्ती कोविड प्ररकण अस्पताल में भर्ती प्रकरणों को ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले आईसीयू और Ventilator support प्रकरणों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।

कोविड-19 प्रकरणों व मृत्यु प्रकरणों की साप्ताहिक Epidemiological Reports जिला और राज्य स्तर पर ILI SARI प्रकरणों का Trends, राज्य स्तर से Whole Genome Sequencing के लिए भेजे गए samples पर साप्ताहिक रिपोर्ट Positivity rate पर प्रयोगशालाओं से साप्ताहिक रिपोर्ट कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश तृतीय लहर के पश्चात् SARS-CoV-2 बीमारी नये चरण में प्रवेश कर गई है। विभिन्न कारकों, जैसे सतत् निगरानी, लक्षित केस प्रबंधन एवं उच्च टीकाकरण कवरेज द्वारा कोविड-19 प्रकरणों में कमी हुई है। न्यूनतम लक्षण वाले कोविड-19 पॉजिटिव प्रकरण निरन्तर कम संख्या में पाये जा रहे है। इन प्रकरणों की चिकित्सालयों में भर्ती दर तथा मृत्यु दर अत्यन्त कम है। वर्तमान में एक निगरानी रणनीति की आवश्यकता है जो प्रकरणों की शीघ्र पहचान एवं बारीकी से निगरानी करने में सक्षम हो।

वर्तमान दिशा-निर्देशों में संदिग्ध और पुष्टि प्रकरणों की शीघ्र पहचान, आइसोलेशन, टेस्टिंग एवं समुचित प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित कर नए SARS-CoV-2 वेरियेंट के आउटब्रेक का पता लगाने, रोकने और मौजूदा वेरिएंट के Trend की निगरानी करने के साथ ही कोविड 19 के एपिडिमियोलॉजिकल Trends की सूक्ष्म निगरानी हेतु प्रयोगशालाओं के INSACOG नेटवर्क के अन्तर्गत स्थापित Genomic Surveillance रणनीति के अनुसार की जाये। आईडीएसपी के वर्तमान सर्विलेंस मैकेनीज्म के अन्तर्गत COVID-19 को पूरी तरह से एकीकृत करते हुये सभी District Surveillance Officers (DSO) को संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय कर सर्विलेंस गतिविधियों पर सतत् कार्य किया जाये।

अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी COVID-19 हेतु अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग अति आवश्यक है। विदेश से आने वाले वायरस और उसके वेरियेंट के प्रवेश का पता लगाने के लिए निम्नलिखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। प्रदेश में आने वाली प्रत्येक उडान में से 2 प्रतिशत यात्रियों का आरटी. पीसीआर द्वारा रेण्डम स्क्रीनिंग की जायें। सभी positive samples को Whole Genome Sequencing के लिए भेजा जाये। इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) की निगरानी के लिए Sentinal सुविधाओं का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क चालू किया जाए। सभी ILI और SARI निगरानी का डाटा IDSP-IHIP के माध्यम से रिपोर्ट किया जाये। ओ.पी.डी. से ILI प्रकरणों को रिपोर्ट करने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओ (IDSP-IHIP के अन्तर्गत ‘P’ Form Reporting units) से रिपोर्टिंग हो एवं DSO द्वारा डाटा का विश्लेषण कर ILI प्ररकणों के अनुपात 20 में से 1 को RT-PCR के माध्यम से कोविड परीक्षण हेतु प्रयोगशाला में भेजा जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!