updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के काला तालाब स्थित प्राचीन सी बड़ा खेड़ापति मंदिर परिसर में 21 नवंबर 2023 मंगलवार को परिवार की सुख समृद्धि के लिए आंवला नवमी पर महिलाओं द्वारा आंवला पौधे की परिक्रमा लगाकर पूजा-अर्चना की गई। आंवला के पास घर से बना कर लाए गए पकवानों का भोग लगाया और उन्हीं पकवानों से अपना व्रत खोला। मंदिर परिसर में लगे आंवला वृक्ष के नीचे सामूहिक रूप से महिलाओं द्वारा पूजा-अर्चना की गई।

कार्तिक माह की नवमी आंवला नवमी के रूप में मनाई गई। श्रीमती शारदा गोस्वामी द्वारा विधि विधान से महिलाओं को पूजन कराई गई। वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए महंतश्री श्री महेश गोस्वामी ने बताया कि इस अवसर पर महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजन, वृक्ष परिक्रमा सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धा पूर्वक संपन्न किए गए। इस दौरान महिलाओं ने आंवला की 108 परिक्रमा लगाकर पूजा की। इस दौरान महिलाओं द्वारा घर से बनाकर लाई गई भोजन सामग्री को सामूहिक रूप से बैठकर ग्रहण किया गया।

आंवला नवमी के चलते महिलाओं ने आंवले के पेड़ की पूजा की। सूर्योदय के साथ ही महिलाओं द्वारा आंवले के पेड़ की पूजा शुरू की गई। कार्तिक स्नान कर महिलाओं ने आंवले के तने की कपूर और घी का दीपक जलाकर पूजा की। आंवला नवमी की कहानी सुनी। पेड़ ग्यारह परिक्रमा कर पति और पुत्र की लंबी उम्र की कामना की। इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण, दान का विशेष विधान है। महिलाओं ने पूजन, तर्पण, दान करके अक्षत फल की प्राप्ति की कामना की। प्रतिवर्ष अनुसार मंदिर में आंवला नवमी पर्व क्षेत्र भर में धूमधाम के साथ मनाया गया।

सुहागिन महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना एवं वृक्ष की परिक्रमा कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने की कामना की। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। महिलाओं द्वारा सुबह से ही आंवले के वृक्ष के पूजन की तैयारी की गई। आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चना करती देखी गई। महिलाओं ने वृक्ष की परिक्रमा की एवं वृक्ष के चारों और मनोकामना पूर्ति के लिए कच्चा धागा बांधा, एवं आंवले की जड़ में दूध भी चढ़ाया गया। समिति के द्वारा भी आंवला नवमीं के दिन दो दर्जन से अधिक आंवले के पौधों का वितरण भी किया गया।

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