updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041 – भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अपनी जान की बाजी लगा कर वीरांगना लक्ष्मीबाई इतिहास में अमर हो गयी । पहले स्वतंत्रता संग्राम में जहाँ कुछ रजवाड़े अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता का अलख जगाए हुए थे, वही कुछ रियासतें अंग्रेजों की मित्र बनी हुई थी। झांसी की रानी का शौर्य और बलिदान हमे सदैव निडरता से लड़ने की प्रेरणा देता रहेगा।
इतिहास हमे वीरांगना लक्ष्मीबाई से गद्दारी करने वाले तत्कालीन ग्वालियर राजघराने से सतर्क रहने की भी हिदायत देता है। यह बात प्रदेश कांग्रेस महासचिव तथा जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी महाराज द्वारा स्थापित प्रभु प्रेमी संघ के संयोजक कैलाश परमार ने रानी लक्ष्मीबाई की जयंती समारोह में कही।
परमार लॉ चेम्बर में आयोजित हुए लक्ष्मी बाई नमन समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी मोहन सिंह अजनोंदिया, समाजसेवी एवम गायत्री शक्ति पीठ प्रमुख रामेश्वरप्रसाद खंडेलवाल, लोकेंद्र बनवट, देवबगश मेवाडा पटवारी, कोक सिंह ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र गंगवाल ने भी रानी लक्ष्मी बाई के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेने की बात कही। लक्ष्मीबाई नमन समारोह में उनके चित्र पर उपस्थितजन ने पुष्पमालाएं तथा पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी विजय देशलहरा, अजित जैन आस्था, आनंद रांका, पूर्व पार्षद शैलेश राठौर, नरेन्द्र कुशवाह, सुभाष नामदेव,बाबूलाल मालवीय, राजेन्द्र जैन, यतेंद्र जैन श्रीमोढ , सुनील प्रगति, संजय जैन, राजू जैन पूर्व पार्षद, सुरेन्द्र परमार, शुभम शर्मा, वीरेंद्र परमार, अंकित जैन गोपी, पूर्व सरपंच मोतीलाल, रामचरण दवा रिया, मुकेश जलवाया, देवकरण सिंह, प्रतीक महाडीक, मुस्ताक पहलवान, संतोष मालवीय आदि मौजूद थे।