धंनजय जाट/सीहोर। लोग अक्सर किसी की बाहरी सुंदरता को ही देखते हैं। आंतरिक सुंदरता की उपेक्षा कर देते हैं। जबकि तन से कहीं ज्यादा मन की सुंदरता जरूरी होती है। क्योंकि हमारा चित्त और मन जैसा सोचता है वही चीज हमारे व्यवहार में भी उतरती है।
हमारी सोच अच्छी रहती है तो व्यवहार भी अच्छा रहता है। इस नाते हमें किसी व्यक्ति की तन की नहीं बल्कि मन की सुंदरता देखनी चाहिए। उसी के आधार पर उसका मूल्यांकन करना चाहिए।
उक्त विचार अंतर्राष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन महिला इकाई के तत्वाधान में शहर के सोया चौपाल के समीपस्थ श्री राधेश्याम विहार कालोनी में सावन सुंदरी प्रतियोगिता का आयोजन के दौरान नगर सचिव रजनी बाहेती ने कहे।
इस मौके पर सावन सोमवार पर आयोजित इस प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में महिलाओं और युवतियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर यहां पर मौजूद महिलाओं और युवतियों के द्वारा अनेक प्रश्नों का उत्तर दिया गया।
उन्होंने बताया कि सावन सुंदरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान उषा राठौर, दूसरा स्थान निधि अग्रवाल, तीसरा स्थान निशा राठौर ने हासिल किया। नगर सचिव श्रीमती बाहेती ने कहा कि एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें परम्परागत रूप से प्रतियोगियों के शारीरिक गुणों के के मापन के आधार पर उनकी रैंकिंग की जाती है,
किन्तु अब अधिकांश सौन्दर्य प्रतियोगिताओं में व्यक्तित्व, बुद्धि, प्रतिभा तथा निर्णायक के विभिन्न विषयों के प्रश्नों का उत्तर देने की क्षमता आदि विशेषताओं को भी सम्मिलित कर लिया गया है। सौन्दर्य प्रतियोगिता मुख्यत: स्त्रियों की प्रतियोगितां हैं। इस प्रतियोगिता में महिलाओं और युवतियों के ज्ञान के आधार पर इसका मूल्यांकन किया जाता है।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष ममता पितलिया कोषाध्यक्ष जय श्री चौरसिया, अंजू अग्रवाल, शालिनी माहेश्वरी संध्या मोदी संध्या विजयवर्गीय रानू अग्रवाल रजनी राठौर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया उन सभी का आभार जिलाध्यक्ष ज्योति अग्रवाल एवं शोभा चांडक के द्वारा किया गया।