धंनजय जाट आष्टा:- जीवन में शिक्षा केवल शिक्षित होने के लिए नही बल्कि जीवन में बदलाव और चरित्र निर्माण के लिए जरूरी है। यह बात स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने सत्य साईं कॉलेज में आयोजित पत्रिका प्रतिभा सम्मान समारोह में कही।
उन्होंने जिले के दसवीं एवं बारहवीं के 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विधायक श्री सुदेश राय, एसपी श्री मयंक अवस्थी, श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी के कुलपति श्री मुकेश तिवारी सहित अभिभावक एवं छात्र-छात्रा उपस्थित थे।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि मुझे गर्व है कि मध्यप्रदेश के विद्यार्थी भी अब दूसरे राज्यो के विद्यार्थियों से कम नही है। प्रतिभाओं का सम्मान होने से निश्चित रूप से दूसरे प्रतिभागियों में भी आगे बढ़़ने की भावना पैदा होती है।
शिक्षा भी सिर्फ पढ़ने लिखने का माध्यम ही नही है अपितु शिक्षा जीने की कला देती है। भारतीय समाज में शिक्षा का एक विशेष महत्व है। शिक्षा मानव जीवन में एक बेहतर बदलाव लाती है। उन्होंने कहा कि इस देश को संघर्ष के साथ खड़ा करने में प्रबोधन का कार्य करने वाले भी शिक्षक है और विद्यार्थियो को पढ़ाने वाले राष्ट्र निर्माता भी शिक्षक है।
मंत्री श्री परमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जानकारी देते हुए कहा कि देश के सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाया गया है। जब हम नए समाज के निर्माण की कल्पना करते है तब शिक्षा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश की छबि में एक उत्कृष्ट बदलाव आया है।
*परिश्रम ही सफलता की कुंजी है- कलेक्टर श्री ठाकुर:-* कलेक्टर श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने छात्रों से कहा कि दसवीं और बारहवीं का परीक्षा परिणाम आपके भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण आधारशिला रखते है। लेकिन जीवन में बेहतर परिणाम के लिए आपको कठिन परिश्रम करना होगा।
सभी छात्र अपनी मेहनत की कला को याद रखें न कि परीक्षा में प्राप्त हुए परिणामों को। भविष्य में आप जितनी मेहनत करेंगे उतना ही सफलता की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मेहनत ही सफलता की कुंजी होती है, इसलिए सभी छात्र निरंतर परिश्रम करते रहे सफलता निश्चित ही मिलेगी।