धारा-16 म.प्र. वनोपज(व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 एवं धारा-26(1)(च) भारतीय वन अधिनियम 1927
माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय ,श्रीमती अर्चना नायडू बोड़े, रजिला सीह द्वारा अभियुक्त बनवारीलाल आत्मज घिसीलाल, उम्र-45 वर्ष, निवासी- खाती मोहल्ला पेट्रोल पंप के पास, थाना बिलकिसगंज जिला-सीहोर, (म.प्र.), को
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी को धारा-16 म.प्र. वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 5000/- रुपये के अर्थदण्ड, धारा-26(1)(च) भारतीय वन अधिनियम, 1927 में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 1000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी श्रीमती कुमुद सिंह सेंगर द्वारा बताया गया कि-
यह है पूरा मामला-
घटना का संक्षिप्ता विवरण – अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक-13.10.2015 को गोपालसिंह जाटव प्रशिक्षु वन क्षेत्रपाल प्रभारी परिक्षेत्र सहायक बिलकिसगंज को मोबाईल पर मुखबिर द्वारा
अवैध वनोपज संग्रहण की सूचना प्राप्त हुई जिस पर उनके द्वारा अधिनस्थ वन कर्मचारियों का निरीक्षण दल गठन कर हाथी मोहल्ला पेट्रोल पंप के पास आरोपी बनवारीलाल आत्मज घिसीलाल के आवासीय परिसर में छापा मारकर कार्यवाही निरीक्षण कराया गया।
जिसमें आरोपी बनवारीलाल के आवास के पूर्व दिशा स्थित बाड़े में एक स्थान पर रखी हुई लोहे की चादरों को हटाने पर भूमि सतह भुर भुरी और हाल में ही समतल की गई दिखाई देने पर संदेह के आधार पर सुरक्षा प्रतिनिधियों से उस स्थान की खुदाई कराई।
खुदाई कराये जाने पर एक गडडा जिस पर अवैध इमारती सागौन चरपट कुल्हाडी से कटी छिली और गीली गढाकर छिपाकर रखी हुई थी। समस्त अवैध वनोपज निकलवाने पर 17 नग इमारती सागौन चरपट पाई गई जिसका नापतोल करके सूची बनाई गई मौके पर ही आवश्यक विवेचना कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
शासन की ओर से पैरवी श्रीमती रेखा यादव, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला सीहोर द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष दिये गये तर्को से सहमत होकर आरोपी को धारा-16 म.प्र. वनोपज(व्यापार विनियमन ) अधिनियम 1969 में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 5000/- रुपये के अर्थदण्ड, धारा-26(1)(च) भारतीय वन अधिनियम, 1927 में न्यायालय उठने तक का कारावास एवं 1000/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।