धंनजय जाट/आष्टा। अहंकार में तीन गए धन वैभव और वंश। ना मानो तो देख लो रावण कौरव कंस। अभिमान व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है। कौरव कंस और रावण का अहंकार ही स्वयं के पतन का कारण बना
उक्त विचार अदालत रोड स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर परिसर में प्रभात फेरी महिला मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ के पांचवे दिन व्यास पीठ पर विराजित सुप्रसिद्ध भागवत कथा कार संत श्री मिट्ठू पुरा सरकार ने व्यक्त किए।
आगे पूज्य गुरुदेव ने बताया कि मथुरा का राजा कंस जो कि भगवान श्री कृष्ण का मामा लगता था। अति महत्वकांक्षी अभिमानी व्यक्ति था। उसने भगवान कृष्ण को मारने के लिए अनेक प्रयास किए। और जब उसके पाप का घड़ा भर गया तो भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध कर दिया।
और महाराज उग्रसेन को मथुरा का राजा बना दिया। और स्वयं अपने भाई बलराम जी के साथ उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में आकर शिक्षा ग्रहण की यहीं पर भगवान की मित्रता सुदामा जी से हुई। इसके पूर्व भगवान श्री कृष्ण की समस्त बाल लीलाओं का बड़े विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि
श्री कृष्ण जब 6 दिन के थे उसी समय पूतना नाम की राक्षसी अपने वक्ष स्थल पर जहर लगाकर भगवान को मारने के लिए आई तो भगवान ने पूतना का वध किया इसके अलावा भी अनेक राक्षसों जैसे अघासुर सकटासूर धेनुकासुर कालिया नाग सभी का मान मर्दन किया। इंद्र के घमंड को नष्ट किया।
और गोवर्धन पर्वत की पूजा करवाई। कथा के मध्य रासलीला और गोपी गीत का बहुत ही मार्मिक प्रसंग सुनाया। जिसे सुनकर सभी श्रोता भाव विभोर हो गए। कल कथा में भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का दिव्य आयोजन होगा। जिसमें विवाह की सजीव झांकी प्रस्तुत की जायगी।
आज प्रभात फेरी मंडल एवं सोलंकी परिवार की ओर से पूज्य गुरुदेव मिट्ठूपुरा सरकार का स्वागत शाल श्रीफल और साफा बांधकर किया गया। कथा श्रवण के लिए रमेश चंद भूतिया गोपाल दास राठी नरेंद्र सिंह भाटी गोविंद शर्मा मानसिंह जयसवाल सुरेश डोंगरे मेहरबान जयसवाल प्रेम नारायण शर्मा राजेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए।