धनंजय जाट आष्टा:- मध्य प्रदेश प्रांत में मालवा का गिरनार तीर्थ नाम से प्रसिद्ध आष्टा शहर में बीसवीं सदी के सुप्रसिद्ध जैन आचार्य श्री विजय राम चंद्र शेखर जी महाराजा के समुदाय के तेजस्वी सितारे आध्यात्मिक प्रवचन कार्य जैन आचार्य श्री जय मुक्तिप्रभ सुरीश्वर महाराज साहब, जैन आचार्य श्री विजय अक्षयभद्र सुरीश्वरजी महाराजा, जैन आचार्य श्री विजय पुण्यप्रभ सुरीश्वरजी महाराजा आदि करीबन 50 जैन श्रमण भगवन्तों का आज सुबह 9:00 बजे पदार्पण हुआ जैन आचार्य के मंगल प्रवेश आष्टा नगर के अलीपुर से यह शोभायात्रा अस्पताल चौराहा गल चौराहा, दादावाड़ी महावीर मंदिर बड़ा बाजार से मालव गिरनार तीर्थ किला मंदिर पर पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हुई धर्म सभा का मंगल प्रारंभ जैन आचार्य के मंगलाचरण से हुआ आष्टा श्री जैन संघ की ओर से अध्यक्ष पारसमल सिंह एवं श्री अतुल जैन ने स्वागत व्यक्तव्य दिया।
तत्पश्चात जैन आचार्य विजय मुक्ति प्रभसूरी जी महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि आत्मा एवं परमात्मा दो शब्द संसार में हर कोई व्यक्ति को सुनने को मिलता है लेकिन इन दोनों शब्दों में से हमें ज्यादा पसंद व महत्वपूर्ण शब्द आत्मा नही परमात्मा है परंतु परमात्मा हमें ज्यादा पसंद होने पर भी हम हमारी आत्मा को परमात्मा बनने का प्रयत्न क्यों नहीं करते यह सबसे बड़ा प्रश्न है जैन धर्म कहता है हर आत्मा अपनी आत्मा को परमात्मा बना सकता है अपेक्षित है आत्म पुरुषार्थ!
युवा प्रवचन कार श्री पुण्य रक्षित विजय महाराज ने आष्टा समस्त जैन संघ व समाज की अनुमोदना करते हुए कहा कि श्वेतांबर दिगंबर स्थानकवासी एवं आस्था के प्रत्येक जनमानस में रही हुई गुरु के प्रति श्रद्धा व समर्पण का भाव आज की स्वागत यात्रा में देखने को मिला जो आष्टा तीर्थ की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा उन्होंने प्रवचन में यह भी बताया कि मानव मात्र को जो शरीर मिला है वह “नित्य नहीं किंतु अनित्य है” पुण्य के उदय से जो धन दौलत संपत्ति मिली है वह भी शाश्वत नहीं एवं आप चाहे कितनी भी निरोगी हो युवान हो लेकिन फिर भी मृत्यु कभी भी आ सकती है इसीलिए जीवन में धर्म आराधना अवश्य करती रहनी चाहिये सत्कार्य करने में कभी भी विलंब नहीं करना चाहिए।
पन्यास पुण्यरक्षित विजय जी महाराज साहब के प्रवचन के पश्चात धर्म सभा के समापन के पूर्व आष्टा श्री संघ की ओर से अहमदाबाद से कोलकाता पदयात्रा संघ के आयोजक नंदप्रभा परिवार के सदस्यों का बहू मान किया गया एवं नंदप्रभा परिवार ने भी आष्टा श्री संघ के अध्यक्ष का सम्मान किया श्री संघ की ओर से सकल जैन श्वेतांबर संघ का स्वामी वात्सल्य भी रखा गया था तथा रात को 8:00 बजे मेरा जीवन सुगंधी बने इस विषय पर युवाओं एवं श्रावक भाइयों के लिए भी पूज्य पन्यास श्री पूण्य रक्षित विजय महाराज साहेब के प्रवचन का आयोजन हुआ आष्टा श्री संघ ने जैन आचार्य को चातुर्मास हेतु विनती भी की उपस्थित जैन आचार्यों का संघ अहमदाबाद से कोलकाता की ओर करीबन 2000 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके जा रहा है मालवा प्रदेश के सभी जैन संघो में आचार्यों का स्वागत एवं प्रवचन द्वारा जैन धर्म की बड़ी प्रभाव ना हो रही है इसी कड़ी में कल दिनांक 25 मार्च शुक्रवार को प्रातः 9:00 बजे जैन आचार्य का प्रवचन श्री मानव गिरनार तीर्थ किला मंदिर पर होगा।