धनंजय जाट आष्टा:- 21 मार्च को अंर्तराष्ट्रीय वन दिवस, 22 मार्च को विश्व जल दिवस एवं 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस के साथ शहीद दिवस मनाया जाता है। महाविद्यालय में आज शहीद दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ.एम.के. तेजराज द्वारा शहीद भगतसिंह के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया।
जिसमें महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं के साथ समस्त स्टॉफ ने भागीदारी की। अर्न्तराष्ट्रीय वन दिवस के बारे में डॉ.कुमकुम अग्रवाल ने छात्र/छात्राओं को वनो एवं वृक्ष का महत्व बताते हुए कहा कि एक वृक्ष 50 साल में 17.50लाख रुपये की ऑक्सीजन उत्पन्न करता है, 35 लाख रुपये की वायु प्रदूषण नियंत्रित करता है, 41 लाख रुपये का पानी रिसायकल करता है ऐसे कई महत्वपूर्ण लाभ बताये गये।
विश्व जल दिवस के बारे में बताते हुए डॉ.कृपाल विश्वकर्मा ने कहा कि जल का महत्व एवं संरक्षण कैसे किया जाये उसकी विधि के रुप में थ्री आर कॉन्सेप्ट (रिसायकल, रियूज, रिड्यूज) बताया। साथ में यह भी बताया कि पर्यावरण से संबंधित कोई भी गतिविधि तीन गुना प्रभाव डालती है। विश्व मौसम विज्ञान दिवस के बारे में डॉ.अबेका खरे ने जलवायु परिवर्तन को समझाते हुए वन, जल और मौसम में सहसंबंध से अवगत करवाया।
शहीद दिवस के उपलक्ष्य में डॉ.बेला सुराणा एवं श्री आदित्य गुप्ता ने विद्यार्थियों को शहीद भगसिंह का जीवन परिचय एवं स्वाधीनता आंदोलन में योगदान के बारे में बताया। आभार प्रर्दशन श्री हिमांशु राय श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ.पुष्पलता मिश्रा, डॉ.एस.आई. अजीज, डॉ.ललिता राय श्रीवास्तव, श्री विनोद पाटीदार, श्री वैभव सुराणा, श्री सतेन्द्र सक्सेना सहित छात्र/छात्राएँ उपस्थित रहें।