धंनजय जाट/आष्टाः- आशा का त्यौहार दीयों की चमक, पवित्र मंत्रों की प्रतिध्वनि, हृदय में शांति और आज कल एवम् हमेशा के लिए खुशी का प्रदर्शन करता है।

दिवाली रोशनी का त्यौहार है जो पूरे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में मनाया जाता है। ‘दीपावली’ नाम का शाब्दिक अर्थ है ‘रोशनी की एक सरणी’। छात्रों को दिवाली के महत्व को समझाने के लिए, दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल, आष्टा ने 30 अक्टूबर, 2021 को स्कूल में एक उत्सव मनाया। प्रतियोगिता का आयोजन माननीय एवं सम्मानित निदेशक श्रीमती पायल अली एवं विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती सुनैना शर्मा की उपस्थिति में किया गया। शिक्षकों ने दिवाली के महत्व को समझाया, त्यौहार आध्यात्मिक रूप से अंधेरे पर प्रकाश की जीत, अज्ञान पर ज्ञान, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है।

कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों ने दीयों को रंगों और चमक से सजाया और सभी ने उन्हें खूब सराहा। कक्षा IV से VII तक के विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता के भाग के रूप में सुंदर तोरण तैयार किए और खूब आनंद लिया।

इनके अलावा कक्षा चौथी से नवमी के छात्र छात्राओं के लिए वाद विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की गई यह विभिन्न कक्षाओं के लिए रखी गई थी जिसके विषय निम्न थे, जैसे “स्कूलों में सेल फोन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए”, “स्वस्थ भोजन या स्वादिष्ट भोजन जैसे बच्चों के लिए क्या बेहतर है?” “किस तरह के परिवार में रहना अच्छा होता है?, एकल या एकल?”, “हमारे समाज में वृद्धाश्रम होना चाहिए या नही?”, “क्या सरकार को आरक्षण प्रणाली खत्म कर देनी चाहिए?”।
प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों में मौखिक भाषा कौशल शब्द निर्माण करना वह अपनी बौद्धिक क्षमता का विकास करना सभी ने इस प्रतियोगिताओं बढ़ चढ़कर भाग लिया। अंत में सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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