दुर्गति नाशिनी दुर्गा जय-जय, काल विनाशनी काली जय-जय
धनंजय जाट/आष्टा। लाखों नागा साधुओं के आचार्य भारत माता मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अवधेषानंद गिरिजी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभुप्रेमी संघ का मासिक सत्संग कोैशल्या देवी, ओमप्रकाश सोनी, राजेन्द्र सोनी, नरेश सोनी, शीला सोनी, ललिता सोनी, रानू सोनी परिवार द्वारा संस्कृति स्कूल प्रांगण सुभाष नगर आष्टा में आयोजित किया गया।
इस दिव्य सत्संग में नगर के प्रख्यात भजन गायक श्रीराम श्रीवादी, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, ज्ञानसिंह ठाकुर, सुमित चौरसिया, जीवनराज, रमणीक श्रीवादी, गुलाबसिंह विश्वकर्मा द्वारा सुमधुर भजनों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई, जिनका साथ तबले, ढोलक, आक्टोपस पर शिव श्रीवादी, संदीप प्रजापति, मुकेश भूतिया द्वारा दिया गया।
देर रात्रि तक चले इस दिव्य धार्मिक समारोह में नगर के अनैक श्रद्धालु मौजूद थे। सत्संग में भजन गायकों ने फसी भंवर में थी मेरी नैया, चलायी तो तूने चल पड़ी है …., क्षमा करो मेरे प्रभुजी अब तक के सारे अपराध …., सजादो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आये है…. जैसे भावप्रिय भजन की प्रस्तुति दी गई।
श्रृंगार रस, वीर रस, ओझ रस से ओतप्रोत इस भजन संध्या में भजन गायकों ने गणेश वंदना से सत्संग की शुरूआत की। सत्संग में गायको ने मानसून की विदाई के बीच और नवरात्री पर्व के आगमन की बेला में मॉ दुर्गा, मॉ सरस्वती, मॉ लक्ष्मी की अराधना भी भजनो के माध्यम से की।
भजन गायको ने महिमा तेरी अमृत कितनी अपार है जय-जय कार है तेरी मॉ जय-जय कार है …., दुर्गति नाशिनी दुर्गा जय जय, काल विनाशनी काली जय जय, उमा-रमा ब्रम्हाणी जय जय भुवनेश्वरी भवानी जय जय, राधा रूकमणी सीता जय जय, अम्बे जय जय माते जय जय …. जैसे नौदुर्गा की भक्ति से ओतप्रोत भजनो की भी श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुतियां दी गई और पहाड़ो पर विराजित मॉ अम्बे के आलोकिक श्रृंगार को भी भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थितजनो ने खूब सराहा।
कार्यक्रम की शुरूआत आयोजनकर्ता परिवार द्वारा स्वामीजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर की गई। आचार्यश्री की चरण पादुका पूजन धर्माधिकारी गजेन्द्र शर्मा की उपस्थिती में सभी श्रद्धालुओं द्वारा कतारबद्ध होकर की गई। इस दौरान विषेष रूप से गुरूमंत्र, गायत्रीमंत्र, ओमनाद्, महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया।
अंत में महाआरती संपादित कर आयोजक परिवार की ओर से प्रसादी का भी वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रभुप्रेमी संघ के पदाधिकारीगण के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूूूूद थे।