धनंजय जाट/आष्टा:- शास्त्री स्मृति विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल में आज त्याग बलिदान परिश्रम संयम उच्च विचार एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी एवं जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिवस मनाया गया।

सर्वप्रथम कार्यक्रम का प्रारंभ दोनों महापुरुषों के समक्ष दीप प्रज्वलन संस्था के छात्र-छात्राओं द्वारा एवं माल्यार्पण विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती सुषमा शर्मा एवं नम्रता माथुर द्वारा किया गया।

मातृभाषा में शिक्षा बुनियादी शिक्षा का अभिन्न अंग है वर्तमान में विश्व के प्राय: सभी देश अपनी अपनी मातृभाषा में ही शिक्षा दे रहे हैं मातृभाषा देश के मूल्य और संस्कारों की वाहक होती है।

गांधीजी इस बात को अच्छी तरह समझते थे कि मातृभाषा से विद्यार्थी ना केवल बढ़िया तरीके से समझ पाएगा बल्कि मातृभाषा में निहित सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्य भी विद्यार्थी जीवन का अभिन्न अंग बन जाएंगे।

इसीलिए महात्मा गांधी मातृभाषा में ही शिक्षा दी जावे इसके लिए प्रयासरत रहे एवं वही वर्तमान शिक्षा प्रणाली जो लागू की गई है वह उन्हीं के विचारों एवं सिद्धांतों को लेकर की जा रही है आज की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बुनियादी शिक्षा पाठ्यक्रम जो गांधी द्वारा चलाया जा रहा था उसी को सम्मिलित किया जा रहा है

जिसको पढ़ कर विद्यार्थी अपना संपूर्ण विकास कर सके क्योंकि बुनियादी शिक्षा पाठ्यक्रम स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर बनाया गया था वही आज वर्तमान शिक्षा प्रणाली भी उसी पाठ्यक्रम पर लागू की जा रही है उक्त बातें संस्था के सुनील शर्मा द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को बताई गई जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान शिक्षा प्रणाली को जोड़कर विद्यार्थियों को संबोधित किया।

वही संस्था के शिक्षक संजीव दीक्षित द्वारा स्वच्छता पर अपने विचार प्रकट किए एवं उन्होंने बच्चों को समझाया कि स्वच्छता हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है हम स्वयं यदि स्वच्छता पर ध्यान देते हैं उसका प्रभाव संपूर्ण समाज पर पड़ता है अतः उन्होंने स्वच्छता की शपथ दिलाते हुए कहा कि हमें अपने आसपास घर पर कूड़ा कचरा न डालना है और ना ही स्वयं को फेंकना है इसके लिए हमें दूसरों को भी प्रेरित करने का संकल्प लेना चाहिए।

वहीं संस्था की शिक्षिका श्रीमती सुषमा शर्मा द्वारा बताया गया कि आज के वर्तमान युग में हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी की आशा है कि विद्यार्थी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएं इसके लिए हमें बेसिक शिक्षा में व्यवसायिक शिक्षा का समावेश करके यह प्रयास किया जाए कि बालकों को शिक्षा के साथ-साथ हस्तशिल्प सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए जिससे हमारा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो सके। इस अवसर पर संस्था के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। अंत में उपस्थित विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी कक्षाओं में स्वयं सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया।

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