धनंजय जाट/आष्टा- आदिम जाति कल्याण विभाग वृत आष्टा में पदस्थ सुरेंद्र कुमार जैन छात्रावास अधीक्षक की सेवा पूर्ण होने पर सेवा निवृत्ति हुई। जैन अपनी कर्तव्य निष्ठा और सहज व्यवहार से क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है उन्होंने नगर में मंडल कार्यालय संचालन, आश्रम शाला के प्रधान पाठक तथा आश्रम व छात्रावास अधीक्षक पदों पर लंबी सेवाए प्रदान की है। रीजनल कॉलेज से शिक्षण प्रशिक्षण तथा शासकीय फिज़िकल कॉलेज शिवपुरी से इनके क्रीड़ा प्रशिक्षित होने का लाभ छात्रों को मिला है उत्तम परीक्षा परिणामो के साथ खेल के क्षेत्र में बीसियों खिलाड़ी राज्यस्तर तक उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके है। आप की अगुवाई में कन्या आश्रम परिसर में श्रमदान द्वारा खोदा गया कूआ आज दो छात्रावास भवनों में जल आपूर्ति कर रहा है। कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं के इस साहसिक प्रयास को देखकर क्षेत्र के प्रथम विधायक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंदनमल जी बनवट की आखों से खुशी की अश्रु धारा बह गई थी उन्हें आज़ादी की लड़ाई में एक जुटता का मंजर याद आ गया, उनदिनों यह व्रतांत मीडिया में काफी चर्चित हुआ था।
सेवा निवृति विदाई समारोह सी.ओ. संजय त्रिवेदी की अध्यक्षता में सम्पन हुआ। उन्होंने कहा कि जैन मृदु भाषी, कर्तव्यनिष्ठ, समर्पित शासकीय सेवक रहे है आप एक कुशल मंच संचालक है सामाजिक धार्मिक मंचो के अलावा नगर में आयोजित समस्त शासकीय कार्यक्रमो के मंच संचालन आपके द्वारा किये जाते है, एक कवि के रूप में आपकी ख्याति है पानी बचाओ अभियान व बेटी बचाओ जैसे अभियानों में आपकी कविताए सम्मानित हुई है साहित्यिक व सांस्कृतिक प्रतिभा का पूरा प्रभाव आपकी कार्य शैली में दिखाई देता है जो अनुकरणीय व प्रेरक है यही कारण है कि आने वाला प्रत्येक हितग्राही संतुष्ट होकर जाता है छात्रों व पालकों में जनप्रिय होने का भी यही कारण है। में आपके स्वास्थ्य व दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ आप भरपूर देशाटन करे तथा समाज सेवा में रत रहे।
इस अवसर पर जैन दम्पत्ति को शाल श्रीफल व उपहार भेट किये गए स्नेह भोज का आयोजन भी हुआ कार्यक्रम में बी.आर त्यागी,डी.बी मालवीय, सहजु जमरा, ए. एल मालवीय, समता शर्मा, रमेश मालवीय, शीला सूर्यवंशी, जगदीश सोलंकी, ओ.पी शर्मा,सविता मालवीय, अनिल गिरि, विकास परमार, डी.एस मालवीय, ए.एल बगाना, व इंदर सिंह आदि कर्मचरियों ने बधाई दी। अंत मे सेवा निवृत्त हो रहे सुरेंद्र जैन द्वारा अपने सहकर्मी साथियों के आदर व स्नेह भावों को नमन करते हुए एक परिवार के अग्रज सदस्य के रूप में हमेशा समर्पित रहने का वादा किया व आभार माना।

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