धनंजय जाट/आष्टा:- छोटे शहरो एवं कस्बाई क्षैत्रो के विधार्थी प्रतिस्पर्धां के इस दौर में बेहतर तैयारी करें तभी शैक्षणिक प्रतिस्पर्धां के इस युग में अच्छे मुकाम को हासिल कर सकते हैं। छोटे, कस्बाई एवं ग्रामीण क्षैत्र की पृष्ठभूमि के विधार्थियो को मैट्रो एवं बडे शहरो के विधार्थियो से राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओ एवं नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धा करना होती हैं। इसलिऐ वे भरपूर मेहनत करें तथा अपनी पढ़ाई के साथ साथ सामान्य ज्ञान का विशेष अध्ययन करें। शैक्षणिक रूप से समृद्व राज्यो की तुलना में हमारा प्रदेश उतना समृद्व नही हैं, जितना अन्य राज्य हैं। दिल्ली विश्वविधालय में 95 प्रतिशत से कम अंक के विधार्थियो को अच्छे कालेजो में प्रवेश नही मिलता हैं, यह उस प्रदेश की प्रतिस्पर्धी शैक्षणिक अधोसंरचना के कारण हैं, इसलिए छोटे शहरो के विधार्थी भी अपने आप को शिक्षा जगत के इस प्रतिस्पर्धी युग में तैयार करें। आज जहां शासकीय एवं प्रायवेट नौकरी प्राप्त करने में प्रतिस्पर्धा हैं, वही छात्रों को कौशल विकास पर भी ध्यान देना होगा। चर्तुथ श्रेणी की सेवा के लिए उच्च डिक्री प्राप्तधारको को लाईन में लगना पड रहा हैं। उक्त आशय के उद्गार पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश परमार ने सेज युनिर्वसिटी द्वारा उच्च शिक्षा पर आयोजित एक सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। कार्यक्रम में शिक्षाविद् भोलू सिंह ठाकुर ने विधार्थियो को दूरदर्शी होकर सही विषय के चयन करने का परामर्श दिया। शिक्षाविद् हीरा चंदानी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में विधार्थियो को वैश्विक रोजगार की मांग को देखते हुए विषयो का चयन करना चाहिए। शिक्षा फेयर की सफलता को देखते हुए सेज ग्रुप चांसलर इंजीनियर संजय अग्रवाल, वाईस चांसलर डॉ. प्रंशात जैन, ईडी शिवानी अग्रवाल, साक्षी अग्रवाल एवं सेज विश्वविद्यालय के डिप्टी डायरेक्टर डीके मुदया ने इस कार्य की एवं छात्र छात्राओं की सराहना की। इस अवसर पर सेज युनिवर्सिटी के राजीव सक्सेना, कमलेश वर्मा एवं आष्टा क्षेत्र से जीतेन्द्र वर्मा, सौभाल सिंह परमार आदि उपस्थित थे।

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