धनंजय जाट/आष्टा। भाजपा सरकार मे लगातार किसान सहित आम नागरिक परेशान हो रहा है। आए दिन बढ़ती हुई महंगाई किसाने की फसल लगातार किसी न किसी कारण से चौपट हो जाती है। जिससे भारत का अन्नदाता की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। हमेशा किसान और आम जनता के हमदर्द रहे विधानसभा प्रत्याशी गोपालसिंह इंजीनियर लगातार अपने साथीयो के साथ क्षेत्र के दौरे कर किसानो के खेतो में पहुचकर सोयाबीन की वास्तविक स्थिति से शासन प्रशासन के जवाबदार अधिकारीयो को अवगत करा रहे है। उसके बावजूद भी सरकार कुंभकर्णी नींद से जागने का नाम नही ले रही है। गोपालसिंह इंजीनियर क्षेत्र के आंवलीखेड़ा खाचरोद, रामपुरा, खामखेड़ा जत्रा एवं अन्य ग्रामो के दौरे कर खेतो मे खड़ी हुई बांझ बर्बाद फसल को देखने पहुचे वही किसानो को विश्वास दिलाया कि सरकार को आपकी बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देना ही पड़ेगा । पूर्व कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने किसानो की मुआवजा की राशि दो किश्त डाली थी। श्री इंजीनियर ने कहा कि शिवराज सरकार ने बची हुई मुआवजे की किश्त एवं फसल बीमा की राशि आज तक नही दी है। किसानो पर पहले ही कोरोना और महंगाई की मार से पीडि़त है। श्री इंजीनियर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि किसानो की समस्या पर मुख्यमंत्री ने चुप्पी साध ली है। हद तो जब हो गई कि प्रशासन के अधिकारीयो से मिलने जाते हुए किसानो को रास्ते मे रोक रही है। ऐसा लगता है कि यह तानाशाही सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। लोगो के अधिकार छीन रही है। गोपालसिंह इंजीनियर ने शासन से मांग की है कि तत्काल बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराया जाए एवं किसानो को अधिक से अधिक मुआवजा तत्काल दिया जाए। क्योकि फसल 100 प्रतिशत बर्बाद हो चुकी है। किसानो ने 10 हजार रू प्रति क्विंटल बींज खरीदकर सोयाबीन बोया था। जो आज पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। यदि किसानो की बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा राशि नही दी तो किसानो के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। गोपाल सिंह इंजीनियर के साथ महिला जिलाध्यक्ष श्रीमति गुलाबबाई ठाकुर, किसान देवकरण ठाकुर, किसान हरिओम पटेल, नाथूसिंह मालवीय, सुनील कटारा, राहुल जाट, राजेंद्र मेवाड़ा, महेश मेवाड़ा, दीपक बारेला देवली, सुनील बरेला
नोमनिया, आशिक खां झीकड़ी, राजेंद्र दरबार रामपुरा, मुकेश बारेला आदि किसान उपस्थित थे।