आष्टा। लाखों नागा साधुओं के आचार्य भारत माता मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित स्वामी अवधेषानंद गिरिजी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभुप्रेमी संघ का मासिक सत्संग सुरेशचन्द्र सेन, चन्द्रशेखर सेन, लोकेश सेन परिवार द्वारा बजरंग कालोनी में आयोजित किया गया।
इस दिव्य सत्संग में नगर के प्रख्यात भजन
श्रीराम श्रीवादी, ज्ञानसिंह मेवाड़ा, ज्ञानसिंह ठाकुर, नर्मदाप्रसाद मालवीय, सुमित चैरसिया, कौशिकी श्रीवादी द्वारा सुमधुर भजनों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई, जिनका साथ तबले, ढोलक, आक्टोपस पर शिव श्रीवादी, धर्मेन्द्र वर्मा, मुकेश भूतिया द्वारा दिया गया।
देर रात्रि तक चले इस दिव्य धार्मिक समारोह में नगर के अनेक श्रद्धालु मौजूद थे। सत्संग में भजन गायकों ने मैं कितना अधम हूॅ तुम ही जागो…., भंवर मे फसी मेरी नैया …., प्रभुजी मेरी लागी लगन मत तोड़ना …., जैसे भावप्रिय भजनों की प्रस्तुति दी गई। श्रृंगार रस, वीर रस, ओझ रस से ओतप्रोत इस भजन संध्या में भजन गायकों ने गणेश वंदना से सत्संग की शुरूआत की। सत्संग में गायको ने रिमझिम फुआरों के बीच श्रावण मास की पुण्य बेला मेें भगवान शिव को समर्पित निराकार परब्रम्ह की स्तुति भी की। इसी के साथ हीरा जनम तेरा बड़ा है अनमोल, शिव शिव बोल प्यारे सदा शिव बोल जैसे शिव भक्ती से ओतप्रोत भजनो की भी श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुतियां दी गई। गुरू भक्ती, शिव भक्ती के साथ ही अयोध्या में विराजे श्रीराम के दरबार के आलोकिक श्रृंगार को ऐसे है मेरे राम …. जैसे भजन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थितजनो ने खूब सराहा। भारत मां की वंदना करते हुए देश पर अपने सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर शहीदो को याद करते हुए ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी, कुछ याद उन्हे भी कर लो जो लौट कर घर न आये … जैसे देश भक्ती गीत की भी प्रस्तुती दी गई।
कार्यक्रम की शुरूआत आयोजनकर्ता परिवार द्वारा स्वामीजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर की गई। आचार्यश्री की चरण पादुका पूजन धर्माधिकारी गजेन्द्र शर्मा की उपस्थिती में सभी श्रद्धालुओं द्वारा कतारबद्ध होकर की गई। इस दौरान विषेष रूप से गुरूमंत्र, गायत्रीमंत्र, ओमनाद्, महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया गया एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। अंत में महाआरती संपादित कर आयोजक परिवार की ओर से केसर दूध प्रसादी का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन गोविंद शर्मा ने किया। इस अवसर पर प्रभुप्रेमी संघ के पदाधिकारीगण के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे।