◼️पंचायत एवं ग्रामीण विकास के संयुक्त मोर्च के प्रदेश अध्यक्ष सहित प्रदेश के पदाधिकारी पहूचे आष्टा
◼️सिंधिया के रंग में रंगे संगठन, बोले वसूला पर आंच आये तो टकराना जरूरी है जिंदा है तो जिंदा नजर आना जरूरी है
◼️18 संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने बुलंद की आवाज, अपनी मांगों को लेकर अड़े है अधिकारी कर्मचारी
◼️11 दिनों से हड़ताल पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास के कर्मचारी
◼️आष्टा जनपद की 134 पंचायतों में डले ताले, 285 गांवो में हो रहा है काम प्रभावित

Updatenews247.com/धनंजय जाट आष्टा:- कोरोना की दूसरी लहर कम पड़ने के साथ ही मध्य प्रदेश में मानों हड़ताली सत्र शुरू हो गया है। जूनियर डॉक्टर, नर्सो के बाद अब प्रदेश के पंचायत व ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर पिछले 11 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। पिछले 11 दिनों से हड़ताल पर बैठे संयुक्त मोर्च के पदाधिकारियों का भी आरोप यही है कि वर्षों से लंबित मांगों पर सरकार ध्यान ही नहीं दे रही है। ऐसे में हड़ताल पर जाना उनकी विवशता बन गई। लेकिन इन कर्मचारियों व अधिकारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से आष्टा तहसील की सभी पंचायतों का सारा कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। दरअसल, इन कर्मचारियों ने इसके पहले भी एक दिन की हड़ताल कर ज्ञापन सोप कर सरकार को चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने कोई बातचीत नहीं की। इसके चलते 19 जुलाई से संयुक्त मोर्च के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी।
इन्ही 18 संगठनों के मिलाकर बने संयुक्त मोर्च के प्रदेश अध्यक्ष शुक्रवार को आष्टा जनपद पंचायत में पहुँचे जहा मोर्च के सदस्यों के साथ विभिन्न मांगों को लेकर धरने पर बैठे सदस्यों की पंचायत के सभागार हाल में बेठक ली ।
इससे पहले लंबित मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चे के कर्मचारी,अधिकारियों ने नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में जनपद पंचायत के सभागार में पहुचे।
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए संयुक्त मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अमला जिसमे 18 संगठन के कर्मचारी, अधिकारी पदस्थ है
जिसमे ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत के कर्मचारी शामिल है।
और पिछले 12 दिनों से अपनी जायज मांगो के लिए धरने पर बैठे है लेकिन प्रदेश की सरकार अपनी हठधर्मिता से बाज नही आ रही है प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास हमसे बात करने तक का समय नही है ।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने आगे कहा कि कर्मचारी इतिहास में पहली बार 18 संगठन इकट्ठा हुए ऐसा मोर्चा बना है जो किसी भी कीमत पर सरकार के कोई भी दबाव या प्रेशर बनाकर तोड़नी की कोशिश करेगा नही टूटेगा।
जब तक हमारी मांगे पूरी नही होगी तब तक पूरी मध्यप्रदेश की पंचायतों में ताले लगे रहेंगे, काम बंद रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार डिवाइड इन रूल बाटो और राजनीति करो कि राजनीति चलाती है हमारे पंचायत के मुखिया जनपद सीईओ मोर्चे में शामिल थे लेकिन सरकार के लोगो ने कुछ कमियां पकड़ कर दबाने की कोशिश कर बोले कि तुम इस मोर्चे में शामिल होंगे तो जांच करवा देंगे। तो इस  तरह का खेल खेला जा रहा है ।
इस दौरान संयुक्त मोर्च के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा राजसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के रंग में दिखाई दिए और उनकी तरह हुंकार भरते हुए बोले कि असूलों पर आंच आये तो टकराना जरूरी है जिंदा हो गर तो जिंदा नजर आना जरूरी है तो हम उनको याद दिलाएंगे की दिल्ली में जाकर की हमारे असूलों पर आंच आ रही है तो आपको सड़को पर आना बहुत जरूरी है दिल्ली जाकर हम उनको  बताएंगे ।

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