आष्टा-राजस्थान के माउंट आबु स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी उर्फ दादी गुलजार शिवरात्रि के पावन अवसर पर परमात्मा की गोद में समा गईं थी. 93 साल की आयु में उनका निधन हो गया. दादी हृदयमोहिनी ने करीब 50 साल तक परमात्मा के संदेश को विश्व में फैलाने का काम किया. जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रही थीं।
ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय इकाई की ब्रह्मकुमारी भगिनी और बन्धुओ द्वारा रविवार को उनके आश्रम शांति सरोवर में श्रद्धान्जलि सभा का आयोजन किया गया जहां मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने अपने श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हुए ब्रह्म कुमारी आश्रम द्वारा संचालित सामाजिक गतिविधियों तथा उनके आहार विचार और व्यवहार की सात्विकता पर प्रकाश डाला । कैलाश परमार ने कहा कि विचार और संस्कार का प्रत्यक्ष सम्बन्ध हमारे आहार और जीवन शैली से जुड़ा है । प्रजापति विश्व विद्यालय का साहित्य और आत्म कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सभी को प्रेरित करती है । श्री परमार ने दिवंगत दादी माँ के कुशल प्रशासन और अनुशासन को याद करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर निरन्तर आगे बढ़ने का आव्हान किया। आष्टा केंद्र की मुख्य बहन कुसुम दीदी ने पूज्य हृदयमोहिनी दीदी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें कुशल संघटक, विनम्रता की प्रतिमूर्ति बताया। इस अवसर पर प्रदीप प्रगति ने भी पूज्य गुलजार दादी के समाज को दिए गए योगदान को याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। क्षेत्रीय विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, जनपद प्रधान धारा सिंह पटेल, नीलिमा दीदी, वंदना दीदी, शिल्पा दीदी, डॉक्टर मीना सिंघी, राखी परमार, साधना राय, राय सिंह मेवाड़ा, सुरेन्द्र परमार, रूपेश राठौर, डॉक्टर विजय कोचर, सौभाग्य सिंह मेवाड़ा, रमेश पिपलोदिया, कन्हैंयालाल परमार आदि ने भी शांति सरोवर में पधारकर पूज्य ब्रम्हलीन दीदी के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए।।