आष्टा। शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय, आष्टा में ’’आजादी का अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों अथवा आजादी के गुमनाम नायकों के सम्मान में एक सेमिनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अन्तर्गत कार्यक्रम प्रभारी डॉ. दीपेश पाठक ने आजादी के गुमनाम नायकों के बलिदानों बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को अनावश्यक बातों में अपना ध्यान लगाने के बजाय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को जानने के संबंध में प्रेरित किया। साथ ही सीहोर जिले के स्वतंत्रता सेनानी कुंवर चैन सिंह, महावीर कोठा आदि के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। राजनीति विभाग की प्राध्यपिका डॉ. अपर्णा दुबे ने भी अपने उद्बोधन से नवीन-नवीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में चर्चा की तथा उनकी देश भक्ति के बारें में उद्बुधन में ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में बताया जिनका आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान था पर लोग अभी तक उनसे परिचित नहीं है। उन्होंने अनेको स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसे औंकार प्रसाद बुंदेला, जीरा गौड़, ठाकुर राम, मुंशी गौड़, कालिका किरार, गुलाब सिंह आदि अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदानों की व्याख्या की। औंकार प्रसाद बुंदेला ने सन 1942 के भारत छोडो आंदोलन में हौसले के साथ भाग लिया, जीरा गौड़ के पिता किसान थे, जिन्होंने अग्रस्त क्रांती में भाग लिया तथा 10 माह की कठोर कारावास को सहन किया। इस अवसर पर प्राध्यपिका डॉ. बेला सुराना ने भी अपने उद्बोधन में गुलामी की जंजीरो से मुक्त कराने वाले अनेको स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के महत्व को बताया। कार्यक्रम में अनेको विद्यार्थियों ने श्रोता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज की तथा प्राध्यापक डॉ. ललिता राय श्रीवास्तव, डॉ. सीमा त्रिवेदी, श्री विनोद पाटीदार, डॉ. कृपाल विश्वकर्मा, डॉ. मेघा जैन, श्री जितेन्द्र विश्वकर्मा ने अपने-अपने विचारों से विद्यार्थियों को मार्गदर्शन किया।

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