राजश्री कॉलेज ऑफ प्रोफेशन स्टडीज आष्टा में अर्न्तराष्ट्रीय
महिला दिवस के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय महिला स्टॉफ एवं बालिकाओं को राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई एवं महाविद्यालय संचालक द्वारा सम्मान में भेंट प्रदान की। महाविद्यालय संचालक श्री बी.एस. परमार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के सम्मान में अपना विचार रखते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता निश्चित ही संतोष प्रदान करती है।

ऐसे में यह भी आवश्यक है कि सुद्वढ समाज और राष्ट्र के हित में महिला, पुरूष के मध्य प्रतिवंद्विता स्थापित नही की जाए वरन सहयोगात्मक संबंध बढाए जांए। नारी का सारा जीवन पुरूष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में ही बीत जाता है। बालिकाओं को कामकाज के साथ पढाई-लिखाई की भी जिम्मेदारी निभानी होती है। देखा जाए तो नारी सदैव पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तो चलती हि है, साथ ही साथ
उनसे भी अधिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करती है। भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया जाता है और कहा जाता है कि जहॉ नारी की पूजा होती है, वहॉ देवता निवास करते है। अंत में यही कहना ठीक रहेगा कि हम हर महिला का सम्मान करें। अवहेलना, भू्रण हत्या और नारी की अहमियत न समझने के परिणाम स्वरूप महिलाओं की संख्या, पुरूषों के मुकाबले कम होती जा है। इंसान को यह नही भूलना चाहिए कि नारी द्वारा जन्म दिए जाने पर ही वह दुनिया में अस्तित्व बना पाया है और यहॉ तक पहुचा है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी, दुर्गा व लक्ष्मी अदि का यथोचित सम्मान दिया गया है अतः उसे उचित सम्मान दिया ही जाना चाहिए। इस मोके पर राजश्री महाविद्यालय संचालक बी.एस. परमार, अजूर्न परमार, सविता बैरागी, रामवती मेवाडा, पुष्पा मेवाडा, पूजा मेवाडा, दीपिका जाधव, दीपिका जैन, नेहा सेन, रीना चौरसिया, मनोज कमलोदिया, राहुल सेन, प्रहलाद मेवाडा, ओमप्रकाश मेवाडा, द्वारका प्रसाद करमोदिया, मनीष सोलंकी, भैयालाल वर्मा, महेश ठाकूर, बहादुर सिंह एवं रवि मेवाडा आदि उपथित रहे।

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