

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के श्री महावीर स्वामी श्वेताम्बर जैन मंदिर, गंज में चातुर्मास हेतु साध्वीमण्डल मंदिर के उपाश्रय में विराजमान है। साध्वीमंडल में ढंक तीर्थोद्धारिका प.पू. साध्वी. श्री चारूव्रताश्रीजी म.सा. की शिष्या प.पू. साध्वी श्री नम्रव्रता श्री जी म.सा., मग्नव्रताश्रीजी म.सा. और मीतव्रता श्री जी म.सा. शामिल हैं। साध्वीवर्या की पावन निश्रा में धर्मानुरागी जन बढ़-चढ़कर तपस्या में भाग ले रहे है और 45 दिनो के सिद्धितप गतिमान हैं। जिनका समापन 29 अगस्त को तपस्वियों की शोभायात्रा तथा मानस भवन में बहुमान समारोह के साथ किया जायेगा।

नगर के मानस भवन में इन्हीं तपस्वियों की अनुमोदना करते हुये इनके स्वागत, सत्कार के साथ सभी के तप वधामणा का आयोजन किया गया। जिसमें इन्दौर से पधारे संगीतकार और भजनगायक विवेक कुमार भंडारी नें अपने भक्तिमय भजनो से चार चांद लगा दिये। सिद्धितप के इन सभी 14 तपस्वियों का उपवास होते हुये भी उनका चेहरा तेजस्वी था और नाचते हुये उन्होंने पूरी सभा के सामने मंच पर प्रवेश किया फिर चावल की वर्षा के साथ परिवारजनो, इष्ट मित्रो एवं समाजजनों नें उनका स्वागत करते हुये उनके तप का अनुमोदन किया। पिछले दिनों क्षेत्र के विधायक गोपालसिंह इंजीनियर भी अपनी पूरी टीम के साथ इन तपस्वियों का बहुमान करने प्रत्येक तपस्वी के घर पहुंचे थे।

सिद्धितप तपस्वियों में नूरांश श्रीश्रीमाल, यश मेहता, पराग धाड़ीवाल, उमेश श्रीश्रीमाल, कु. नेहल सुराणा, कु. कृति वोहरा, श्रीमती सोनम देशलहरा, श्रीमती शेफाली देशलहरा, श्रीमती प्रमिला श्रीश्रीमाल, श्रीमती हीरा ललवानी, श्रीमती साधना वेदमुथा, श्रीमती संगीता सुराणा, श्रीमती सुनीता कटारिया तथा श्रीमती अरूणा कोचर सम्मिलित है। साध्वीवर्या की प्रेरणा से प्रति रविवार जो एकासने की तपस्या चल रही है उसका इस बार का लाभार्थी परिवार श्रीमान मनोहरलाल पवन कुमार श्रीश्रीमाल परिवार रहा। साथ ही 29 अगस्त को इन सभी तपस्वियों के मानस भवन में आयोजित भव्य आयोजन में पारणा कराने का लाभ

श्रीमान प्रकाशचंद सिरेमल वोहरा परिवार को प्राप्त हुआ वहीं सोने की गिन्नी के साथ बहुमान करने का लाभ श्रीमान चांदमल सुरेशचंद धाड़ीवाल परिवार को मिला। साध्वीवर्या द्वारा बच्चो में संस्कारो को बीजारोपण करने हेतु शिविर भी लगाया जा रहा है जिसका लाभार्थी परिवार श्रीमान बागमल प्रेमचंद वेदमुथा परिवार रहा। श्री जैन श्वेताम्बर श्रीसंघ, महावीर स्वामी गंज मंदिर ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति के पदाधिकारी नगीन वोहरा एडवोकेट, पवन सुराणा, प्रदीप धाड़ीवाल, देशचंद वोहरा, भावना वोहरा, चंदा वोहरा, पवन श्रीश्रीमाल, अतुल सुराणा, मनोज ललवानी द्वारा सभी लाभार्थियों का पगड़ी पहनाकर एवं मोतियो की माला के साथ बहुमान किया गया। आयोजन में जैन श्वेताम्बर समाज के समाजजनो की भारी संख्या में उपस्थिति रही।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां नगर के सभी मंदिरों में अंतिम स्तर पर चल रही है।श्रीराधाकृष्ण की पोशाके भी तैयार हो चुकी है। श्रीजगदीश्वर धाम स्थित देव भवन में विराजमान श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार इस बार जन्माष्टमी पर ‘श्रीकुरुविंद’ पोशाक धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिव्य पोशाक का निर्माण सिल्क, जरी, रेशम,रत्न,मोती आदि सामग्रियों से किया गया है। श्रीकुरुविंद पोशाक में ठाकुरजी को ‘रक्तश्वेत’ दृश्य क्षेत्र के बीच विराजमान किया जाएगा।

श्रीजगदीश्वर धाम व्यवस्थापक नगरपुरोहित पं मयूर पाठक ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण का जन्ममहोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी 16 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा। हमारे यह वर्षों से यह परंपरा हैं कि जन्माष्टमी के पर्व के पूर्व श्रावण एकादशी भगवान श्री कृष्ण के विभिन्न संस्कार प्रारंभ होकर सवा माह तक संपन्न होते हैं। एकादशी पर से विभिन्न धार्मिक संस्कार प्रारंभ हो चुके है। इस खास अवसर पर श्रीजगदीश्वर धाम की साज-सज्जा, श्रीराधा कृष्ण जी की पोशाक, श्रृंगार नयनाभिराम होंगी।

इस दौरान भक्तों को अद्भुत छटा की अनुभूति होगी। भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य उत्सव को मनाने के लिए गर्भ गृह को सजाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर ठाकुरजी श्रीकुरुविंद’ पोशाक धारण करेंगे। इस पोशाक में रत्न व मोतियों से फूल की आकृति उकेरी गई हैं। प्रारंभ हुए संस्कार:- पं मनीष पाठक ने बताया कि विगत सात पीढ़ियों से परंपरानुसार जन्माष्टमी से पूर्व श्रावण शुक्ल एकादशी से विभिन्न संस्कार प्रारंभ हो जाते है।इस वर्ष जगदीश्वर धाम में हिंदू संवत्सर नाम के आधार पर पोशाक धारण कराई जाती हैं इस वर्ष 2082 सिद्धार्थी संवत्सर का नाम हैं इसलिए इस वर्ष कान्हा जी को अहमदाबाद से लाई गई

नवीन पोशाक संवत्सर के अनुसार आकर्षक स्वरूप की धारण करेंगे।जिसका मूल उद्देश्य यह होता हैं कि संपूर्ण संवत्सर अर्थात वर्ष नगर समाज हित के लिए मंगल,समृद्ध, एवं वैभवशाली रहे। श्रीयुगल किशोर को पहनाई जाने वाली पोशाक के संस्कार अंतिम दौर में है।वस्त्र जुलाहा संस्कार,विश्वकर्मा संस्कार,मोर पंख संस्कार,सप्त तीर्थ जल संस्कार,आदि संपन्न कर दस दिग्पाल के संरक्षण में मंत्र जाप कर शुद्धिकरण किया जा रहा हैं।जो जन्माष्टमी पर पूर्ण होगा।पोशाक आकर्षक लगे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।पोशाक के साथ साथ ही गर्भगृह में लगने वाले।वस्त्र सहित अन्य समान का ध्यान विशेष रूप से रखा जाता हैं।

इस वर्ष पीली सरसों से होगा अभिषेक- पंडित डॉ दीपेश पाठक ने बताया कि जगदीश्वर धाम में प्रतिवर्ष अलग अलग साधनों से भगवान लड्डू गोपाल का महाभिषेक विभिन्न पदार्थों से किया जाता है इस वर्ष पीली सरसों से भगवान बाल गोपाल का अभिषेक किया जाएगा।यदि कोई भक्त नकारात्मकता,शत्रु की भयावहता,कार्य में रुकावटें,आर्थिक तंगी,बुरी शक्तियां आदि परेशानियों से पीड़ित हैं तो वह पीली सरसों से अभिषेक कर इन कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त कर सकता हैं।श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त कर आनंद एवं समृद्धि प्राप्ति के लिए पीली सरसों से अभिषेक किया जाएगा।साथ पंचमेवा,तुलसी दल,पुष्प फल आदि का भी अर्चन होगा।

रात्रि को मध्यान्ह समय 12 बजे महाआरती के उपरांत अभिमंत्रित सरसों भक्तों को वितरित की जाएगी। ऐसे की जाएगी जन्माष्टमी की पूजा- जन्माष्टमी के अवसर 16 अगस्त की प्रातः कालीन शंख से श्रीकृष्ण की आरती की जाएगी. सुबह 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण का पीली सरसों पंचामृत व पंचमेवा से अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद 10 बजे के करीब पुष्पांजलि और अमृतभोग का कार्यक्रम होगा. मध्यकाल उपरांत पुनः श्रृंगार संध्या 07 बजे महिलाओं द्वारा दिव्य भजनों का गायन रात्री 08 बजे श्रीतुलसी मानस मंडल के द्वारा भजनों के माध्यम से बालगोपाल को वंदन किया जायेगा रात्री 12 बजे महाआरती व श्रीकृष्ण की जन्म पत्रिका का वाचन होगा

