पवन यादव पुनः यादव (अहीर) समाज के अध्यक्ष निर्वाचित

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आष्टा नगर में यादव (अहीर) समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक बाबा कारस देव के स्थान पर आयोजित की गई, जिसमें समाज के सभी वरिष्ठजनों एवं गणमान्य सदस्यों की उपस्थिति में श्री पवन यादव को सर्वसम्मति से एक बार फिर समाज का अध्यक्ष चुना गया। बैठक में प्रमुख रूप से प्रेमचंद यादव, सूरज यादव, कैलाश यादव, गुड्डा यादव, नंदकिशोर यादव, संदीप यादव, डॉ. बी.एस. यादव, पंकज यादव, पूर्व पार्षद संजू यादव, दिलीप यादव, शेर यादव सहित समाज के अनेकों वरिष्ठजन उपस्थित रहे।

सभी सदस्यों ने पवन यादव के कार्यों की सराहना करते हुए पुनः अध्यक्ष पद पर चुने जाने पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। बैठक में समाज की एकता, युवाओं के मार्गदर्शन, सामाजिक कार्यक्रमों के संचालन एवं विकास की दिशा में आगे बढ़ने पर भी चर्चा की गई। इस अवसर पर पवन यादव ने समाज के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सभी वर्गों को साथ लेकर समाजहित में निष्ठा से कार्य करते रहेंगे। उन्होंने युवाओं को जोड़ने, शिक्षा को बढ़ावा देने एवं पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम का समापन सामूहिक जयकारों के साथ हुआ। समाज में इस पुनर्निर्वाचन से उत्साह का वातावरण व्याप्त है।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्रावण मास के पावन अवसर पर नगर आष्टा में शिवभक्ति का अद्भुत आयोजन माखनलाल, दिनेश कुमार एवं धर्मेन्द्र सोनी परिवार द्वारा किया जा रहा है। निज निवास, ओमशांति मार्ग, ब्लैक भवन रोड पर चल रहे पार्थेश्वर शिवलिंग निर्माण, पूजन, महाअभिषेक एवं श्री शिव कथा के इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का सफल संचालन पं. अशोककुमार शर्मा आचार्य के सानिध्य में हो रहा है।

आयोजन के तीसरे दिवस में श्रद्धालुजनों को शिव-पार्वती विवाह प्रसंग का सुंदर, भावविभोर कर देने वाला श्रवण कराया गया, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन की पौराणिक कथा को रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया।
आज की कथा में पंडित अशोक शर्मा आचार्य ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह सनातन धर्म की सबसे पवित्र और रोचक कथाओं में से एक है। यह कथा शिव पुराण, स्कंद पुराण व रामचरितमानस आदि ग्रंथों में वर्णित है।

सती का आत्मदाह और शिवजी का विरक्त होना:

दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शिव का अपमान हुआ, जिससे दुखी होकर सती ने यज्ञ कुण्ड में आत्मदाह कर लिया,सती के वियोग में शिवजी ने सारा संसार छोड़कर तपस्या में लीन होने का संकल्प लिया।

पार्वती का जन्म:

हिमालय प्रदेश के राज परिवार सती ने पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया।
पार्वती बचपन से ही भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं।
पार्वती की कठोर तपस्या:
भगवान शिव को पुनः पाने के लिए पार्वती जी ने हिमालय की गुफाओं में कठोर तप किया।
कई वर्षों तक निर्जल, निराहार तपस्या करने के बाद उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव प्रकट हुए।
कामदेव का दहन:
पार्वती के तप से चिंतित देवताओं ने शिवजी का ध्यान भंग करने के लिए कामदेव को भेजा।
शिवजी की तीसरी आंख से कामदेव जलकर भस्म हो गए।
यह घटना बताती है कि ईश्वर को पाने के लिए केवल भक्ति और तप ही मार्ग है।

शिव-पार्वती संवाद और विवाह प्रस्ताव:

शिवजी ने पार्वती की भक्ति की परीक्षा ली और अंततः विवाह हेतु सहमत हुए।
नारद मुनि के माध्यम से यह शुभ समाचार हिमालय राज परिवार को प्राप्त हुआ।

विवाह की तैयारियाँ और शिव बारात:

पर्वतराज हिमालय ने भव्य विवाह समारोह की योजना बनाई।
भगवान शिव की बारात में भूत, प्रेत, गण, योगी, नाग, और विविध विचित्र रूप वाले गण शामिल हुए।
माता पार्वती की सखियाँ शिव बारात को देखकर डर गईं, पर पार्वती ने कहा – “मेरे लिए यही सर्वश्रेष्ठ हैं।”
शिव-पार्वती विवाह का दिव्य मिलन:
ब्रह्मा जी ने विधिवत विवाह के मंत्रों से विवाह सम्पन्न करवाया।
देवताओं, ऋषियों, गंधर्वों ने विवाह में उत्सव मनाया।
यह विवाह तप, प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया।

शिव विवाह का महत्व:

यह कथा दर्शाती है कि सच्ची भक्ति और निष्ठा से ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।

शिव-पार्वती का विवाह संसारिक विवाह का आध्यात्मिक स्वरूप भी है, जिसमें तपस्या, आत्मा का मिलन और पूर्ण समर्पण होता है।
सांसद सभा के मुख्य द्वार पर नंदी विराजमान करने का महत्व
आज की कथा में संसद भवन के मुख्य द्वार पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा नंदी की स्थापना के महत्व के बारे में भी बताते हुए आचार्य पं अशोक शर्मा ने कहा नंदी धर्म का अवतार है जहां धर्म विराजमान हो जाता है वहां धर्म नहीं हो सकता और इसके ऊपर स्वयं शिव विराजमान है वह कदा भी अन्याय नहीं हो सकता एवं नंदी जहां विराजमान हो जाते हैं वहां धन-धान्य व धर्म सदा विराजमान रहता है।


यह आयोजन श्रद्धा, भक्ति और धार्मिक वातावरण से परिपूर्ण है, जिसमें नगरवासी बड़ी संख्या में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। आयोजक परिवार द्वारा नगर के श्रद्धालुजन एवं भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थिति की अपील की गई है। आज शिव पार्वती विवाह को अभिजीत संग पायल ने सजीव चित्रण कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।इस अवसर पर मोहित भाग्यश्री सोनी, राज रुपाली सोनी, अभिजीत पायल सोनी, नंदिनी सोनी, श्रुति सोनी, रुद्र सोनी, मिराँश सोनी, दिशा सोनी सहित भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश सुराणा, होटल व्यापारी संघ मेन अध्यक्ष सौरभ शीतल, विधायक प्रतिनिधि उत्थान धरवा, श्रीमती मंजू सोनी, सोनू गुणवान,मंडल अध्यक्ष अंजनी विशाल चौरसिया,रवि शर्मा,रूपेश राठौर सहित बड़ी संख्या में शिव भक्त मौजूद थे

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