आष्टा युवा संगठन द्वारा लगाया गया नि शुल्क स्वास्थ शिविर

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर की सामाजिक संस्था आष्टा युवा संगठन के तत्वाधान में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन रखा गया, जिसमें भोपाल के सुप्रसिद्ध डॉक्टर हैदर मोहम्मद खान एमबीबीएस एम एस ऑर्थोपेडिक्स हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ के द्वारा 70 से अधिक मरीजों की बीमारियों की जांच निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में की गई

आष्टा युवा संगठन संस्था द्वारा हैदर मोहबत खान का स्वागत सम्मान पत्र के साथ सम्मानित किया, इस अवसर पर संस्था प्रमुख आनंद गोस्वामी,रोहित तोमर ,नरेश राजपूत ,पवन रांका ,भविष्य राठौर, राकेश मेवाड़ा, जितेंद्र ठाकुर, सुनील परमार ,दीपक ठाकुर उपस्थि थे

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्रद्धा से किया हुआ हर कार्य श्राद्ध है। श्रद्धावान व्यक्ति को ही ज्ञान प्राप्त होता है। श्रद्धावन लभते ज्ञानम, और सनंसय आत्मा विनश्यति। माता-पिता, गुरु, भगवान और शास्त्र में श्रद्धा रखें । जीवन में हमेशा परोपकार करते रहें। तुलसी बाबा कहते हैं।परहित सरिस धर्म नहीं भाई। पर पीड़ा सम नहीं अधमाई। परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं है। और दूसरे को दुख पहुंचाने के समान कोई दूसरा पाप नहीं है। परमार्थ के कारण मांसाहारी पक्षी गिद्धराज जटायू को भगवान की गोदी प्राप्त हुई। क्योंकि सीता जी को छुड़ाने के लिए जटायु रावण से भी लड़ गए।

प्राण चले गए पर अपना धर्म नहीं छोड़ा। वही परम भागवत पितामह भीष्म को संकट काल में द्रोपती की सहायता नहीं करने के कारण बाणो की सैय्या पर लेटना पड़ा। दूसरों की पीड़ा को समझो। संत कहते हैं।वैष्णव जन तो उनको कहिए, जो पीर पराई जाने रे। क्योंकि गरीब की हाय लग गई तो आपका सर्वस्व नष्ट हो जाएगा। रहीम जी लिखते हैं। गरीब को मत सताइए, वाह की मोटी हाय। मरे पशु के चृम से, लोह भस्म हो जाय। प्रत्येक जीव में भगवान के दर्शन करना है। समस्त जीवों के प्रति दया की भावना रखने चाहिए।दया धर्म को मूल है, पाप मूल अभिमान। तुलसी दया ना छोड़िए जब लगी घाट में प्राण।

उपरोक्त बहुत ही अनुकरणीय प्रवचन प्रभात फेरी, खत्री समाज महिला मंडल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन मालवा माटी के सुप्रसिद्ध कथा वाचक संत श्री मिट्ठू पुरा सरकार ने अपनी मधुर वाणी से श्रवण कराये। आगे पूज्य महाराज श्री द्वारा भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी जी के विवाह की मंगल कथा को बड़े विस्तार से सुनाया। रुक्मणी जी के विदाई पर गए हुए सुंदर भजनों को सुनकर सारे श्रोताओं के आंखों से आंसू झरने । भगवान की कथा से हमारे जीवन की व्यथा मिटती है। भगवान की कथा जीव को मृत्यु के भय से मुक्त करती है। कथा के मध्य महाराज श्री द्वारा गाए हुए

मधुर भजनों पर सब ने झूम झूम कर नृत्य किया। आज कथा के समापन अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस अवसर महेंद्र सिंह इंजीनियर, श्रीमती गुलाबई ठाकुर, श्रीमती मधु गौतम,श्रीमती ललिता ठाकुर,, नरेंद्र सिंह भाटी, अकबर सिद्दीकी, अशोक गौतम,बबलू खत्री, लोकेंद्र पिपलोदिया,अशोक खत्री, सवाई सिंह ठाकुर, रमेश खत्री, सागर खत्री, कैलाश महाराज, गणेश नामदेव, वेद प्रकाश पिपलोदिया, दिनेश डोंगरे,जुगल पटेल, अशोक डोंगरे, चंदू खत्री सोनू निगम, राधेश्याम दाऊ,सहित बड़ी संख्या में भक्तगण पधारे।

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