सीवन तट पर किया जा रहा भव्य शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान- 501 से अधिक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर लिया रुद्राभिषेक

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- शहर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव के अंतर्गत सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के द्वारा 501 से अधिक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर रुद्राभिषेक किया। मंगलवार को यज्ञाचार्य पंडित पवन व्यास और पंडित कुणाल व्यास के मार्गदर्शन में सुबह भगवान शिव की पूजा अर्चना के साथ ही दोपहर में हनुमान चालिसा, सुंदरकांड और राम चरित्र मानस पाठ आदि का आयोजन किया जाएगा।

पंडित श्री व्यास ने सोमवार को बताया कि रुद्राभिषेक करना शिव आराधनाओ में सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है। रुद्राभिषेक के रुद्राष्टक अध्यायी पाठ के मंत्रों का वर्णन ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में आया है। रुद्र का मतलब होता है कि जो संसार के जीवों के कष्टो को देखकर जिसका हृदय द्रवित हो जावे, उसे रूद्र कहते हैं। संसार में भगवान शिव इतने भोले भंडारी हैं कि वह अपने भक्तों का दुख कष्ट देख नहीं सकते इसीलिए शास्त्रों में उनका नाम रूद्र रखा है ऐसे रुद्र का अभिषेक पूजन मनुष्य के लिए अत्यंत कल्याण कारी होता है रुद्राभिषेक का मतलब है, भगवान रुद्र के ऊपर जल की

धारा लगाकर रुद्राष्टक अध्यायी के मंत्रों से किसी भी वस्तु में भगवान शिव को अभीषिक्त करना, जिससे वह कल्याण करने के लिए भक्तों के सामने प्रकट हो जावें और उन्हें अभी अविचल भक्ति प्रदान कर उनके कष्टों का निवारण करें। रुद्राष्टाध्यायी द्वारा भगवान शिव के ऊपर जो धारा गिरती है। रुद्राभिषेक में शिवलिंग को अनेक वस्तुओं से जैसे दूध, दही, शहद, शक्कर, घी, फल का रस,भांग मिश्रित जल, भस्म मिश्रित जल तथा औषधीय के मिश्रण से बने जल से पवित्र स्नान कराकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। कथा दूध और जल के मिश्रण से धारा लगाकर रुद्राभिषेक किया जाता है

शिवलिंग का अभिषेक आशुतोष शिव को शीघ्र प्रसन्न करके साधक को उनका कृपापात्र बना देता है। तथा रुद्राभिषेक से मनुष्य के सारे पाप-ताप धुल जाते हैं। भगवान श्री राम ने लंका पर कूच करने से पहले भगवान शिव की पार्थिव पूजा की थी। कलयुग में भगवान शिव का पार्थिव पूजन कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने किया था। शनिदेव ने अपने पिता सूर्यदेव से शक्ति पाने के लिए काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन किया था। माता पार्वती ने भी भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर ही पूजन किया था। भगवान चंद्रमा ने अपने ससुर दक्ष प्रजापति के द्वारा दिए गए श्राप को मिटाने के लिए पार्थिव शिवलिंग का ही निर्माण पूजन किया था।

इस पार्थिव शिवलिंग से सौराष्ट्र में सोमनाथ शिवलिंग ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात है घुष्मा नाम की ब्राह्मण पत्नी ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन किया था उसी से घुश्मेश्वर महादेव प्रकट हुए जो की ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात है। नर नारायण ने भारतीय शिवलिंग बनाकर पूजन किया इस पारसी से केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ। अत रुद्राभिषेक परमात्मा को सन्मुख प्रकट कर उनकी भक्ति प्राप्त करने का एकमात्र उपाय है। आज किया जाएगा हनुमानाष्टक का पाठ- शिव प्रदोष सेवा समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि मंगलवार को राम चरित्र मानव, सुंदरकांड के अलावा हनुमानाष्टक का पाठ किया जाएगा। संकट मोचन हनुमानजी की भक्ति में हनुमानाष्टक का पाठ करते हैं हनुमानजी उनकों संकट से पार लगा देते हैं।


updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- शहर के चर्च मैदान पर ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता के अलावा निशुल्क फुटबाल प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत बड़ी संख्या में इच्छुक खिलाड़ी यहां पर आते है और उनके जिला फुटबाल एसोसिएशन के सचिव मनोज कन्नोजिया और प्रभारी आनंद उपाध्याय द्वारा शामिल प्रशिक्षकों के द्वारा खेल की बारीकियों से अवगत किया जा रहा है। सोमवार की शाम को हुए मैच में सीहोर क्लब ने सीहोर चिल्ड्रन को 2-1 से हराया।

सोमवार को खेले गए इस मैच में सीहोर क्लब की ओर से तरुण-वंश ने एक-एक गोल किया था, वहीं एक मात्र गोल सीहोर चिल्ड्रन की ओर से अनमोल ने किया। वहीं रविवार को खेले गए मैच में सीहोर गर्ल्स टीम ने सीहोर ब्लू को 2-1 से हराया। इस मैच में माया गौर-श्रेया ने एक-एक गोल किया और सीहोर ब्लू की ओर से वेदांश ने एक गोल किया। एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि मंगलवार को सीहोर बाइज और सीहोर गर्ल्स के मध्य शाम को मैच खेला जाएगा। 

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- सीहोर जिले शाहगंज निवासी दिनेश साहू की शिकायत पर शाहगंज के ग्राम बांसगहन में बिना अनुमति के बोरवेल खनन करने पर मशीन चालक प्रभुराम, सुपरवाईजर बालाजी एवं शाहगंज के ग्राम बांसगहन निवासी देवेंद्र सिंह के विरूद्ध शाहगंज थाने की बकतरा चौकी में बीएनएस की धारा 223 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही बोरवेल मशीन को जब्त कर लिया गया है। शिकायत प्राप्त होने पर शाहगंज के नायब तहसीलदार श्री री‍तेश जोशी, पटवारी एवं पुलिस बल के साथ ग्राम बांसगहन के किसान देवेन्द्र सिंह के खेत पर पहुंचे और खेत पर बोरवेल मशीन चलती हुई पायी गयी। अधिकारियों द्वारा

बोरिंग मशीन के ग्रामीण सीमा में प्रवेश और बोरवेल खनन की अनुमति के बारे में पूछने पर पता चला कि बोरवेल मशीन के प्रवेश एवं बोरवेल खनन के लिए कोई अनुमति नही ली गई है। बिना अनुमति के बोरवेल खनन करने तथा ग्रामीण सीमा मे प्रवेश करने पर बोरवेल मशीन जब्त कर बकतरा पुलिस चौकी भेजी गयी है। इसके साथ ही रतलाम जिला निवासी बोरवेल मशीन चालक प्रभुराम, तमिलनाडु राज्य निवासी सुपरवाईजर बालाजी तथा ग्राम बांसगहन निवासी देवेन्द्र सिंह के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री बालागुरू के ने गिरते भूजल स्तर एवं पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए जिले की सीमा में बोरवेल मशीन के बिना अनुमति प्रवेश करने तथा बिना अनुमति बोरवेल खनन करने पर प्रतिबंध लगाया है।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- सभी शालाओं में 22 अप्रैल 2025 मंगलवार के दिन पृथ्वी दिवस का आयोजन किया जायेगा। इस आयोजन के संचालन के लिए संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने समस्त जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये हैं। विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘’इको क्लब फॉर मिशन लाइफ’’ कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां की जा रही हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए विद्यालयों में इको क्लब का गठन भी किया गया है।

विद्यालयों में गठित इको क्लब से “फ्लोरा (वनस्पति) के लिए क्यूआर कोड” नामक एक शैक्षिक पहल की शुरूआत की गई है। इसका प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों में तकनीकी कौशल का विकास करना, क्यूआर कोड निर्माण और डिजिटल जानकारी प्रदान करना है। पृथ्वी दिवस के आयोजन में विद्यालय द्वारा ‘’इको क्लब फॉर मिशन लाईफ’’ पोर्टल पर पंजीयन किया जायेगा। विद्यालय के इको क्लब प्रभारी द्वारा विद्यार्थियो के समूह बनाएँ जाकर स्कूल परिसर एवं आस-पास के बाग बगीचों इत्यादि में उपलब्ध पेड़-पौधों का सर्वेक्षण कर सूची तैयार की जायेगी।

विद्या‍र्थी सूची अनुसार पेड़-पौधों से संबंधित जानकारी एकत्रित कर डिजिटल डेटाबेस भी तैयार करेंगे। इसके आधार पर प्रत्येक पेड़-पौधों के लिए स्थिर (स्टेटिक) क्यूआर कोड बनायेंगे। क्यूआर कोड वाले लेबल को विद्यार्थियों द्वारा संबंधित पेंड़ पौधों के समक्ष प्रदर्शित किया जायेगा, जिससे अन्य विद्यार्थी एवं जन सामान्य भी उस पेड़ पौधे से संबंधित जानकारी सहजता से प्राप्ते कर सकेंगे। क्यू्आर कोड में उस पेड़ पौधे से संबंधित जानकारी यथा पेड़ (फ्लोरा) का नाम एवं स्थानीय नाम, पेड़ का वैज्ञानिक नाम, पेड़ का प्रकार, फलदार / औषधि / सजावट / अन्य, वनस्पति के बारे में जानकारी जैसे पोषण मूल्य, लाभ, उपयोग आदि भी उपलब्ध होगी।

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