शनिदेव न्याय के देवता, कर्मानुसार फल प्रदाता- कैलाश परमार

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- शनिदेव न्याय के देवता हैं उनके प्रति श्रद्धा हमे खुद ही अपने अच्छे बुरे कर्मो का आकलन करने की शक्ति देती है । हमारी सनातन मान्यताओं में कर्म के अनुसार ही फल मिलता है । आज शनि जयन्ति के अवसर पर हम सभी को सद्कर्म करते रहने और बुराइयों से बचने का संकल्प लेना चाहिए । यह उद्गार पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने भक्तों के साथ प्राचीन खेड़ापति स्थित शनि मंदिर एवम पपनाश नदी किनारे स्थित शनि मंदिर में पूजा अर्चना के बाद व्यक्त किये ।

उनके साथ पार्षद प्रतिनिधि सुभाष नामदेव , मां पार्वती गौशाला के अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाह लोकेंद्र धारवां , मोंटी कोरी, जितेंद्र चौहान आदि ने भी पूजन की।विशाल जनसहभागिता- आज शनि जयंती के पावन अवसर पर नगर के खेड़ापति स्थित शनि मंदिर पपनाश नदी किनारे स्थित प्राचीन शनि मंदिर , बड़ा बाजार आदि मन्दिरो में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने विधि विधान से शनि देव का पूजन किया और भंडारे में भाग लेकर पुण्य लाभ कमाया। पूरे दिन मंदिर परिसरों में शनि चालीसा, आरती एवं भजन की गूंज से वातावरण भक्तिमय बना रहा।

श्रद्धालुओं ने तेल अर्पण, दीप दान व नीले फूल चढ़ाकर न्याय के देवता शनि महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।मान्यता है कि शनि देव कर्म के अनुसार फल देने वाले देवता हैं। वे न केवल दंड देने वाले हैं, बल्कि न्यायप्रिय और दयालु भी हैं। व्यक्ति यदि सत्य और धर्म के मार्ग पर चले तो शनि देव कृपा अवश्य करते हैं। शनि जयंती पर की गई पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है और इससे शनि दोषों का निवारण होता है। इस मौके पर स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों ने भी भंडारों में सेवा दी। आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन हर

वर्ष शनि जयंती पर किया जाता है ताकि समाज में सेवा, श्रद्धा और अनुशासन का संदेश फैले।मन्दिर परिसर में पुजारी मनीष गौस्वामी एवम सतीश जोशी का पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार , सुभाष नामदेव , नरेंद्र कुशवाह ने साफा बांध कर सम्मान किया । साथ ही श्रद्धालुओं का भी दुपट्टों से स्वागत किया । इस अवसर पर समाजसेवी लोकेंद्र धारवां , जितेंद्र चौहान , मोंटी कोरी ,महेंद्र परमार , गजेंद्र टेलर , गौरव सोनी, मनोज जैन, संग्राम सिंह मेवाड़ा , दशरथ सिंह राजपूत आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन रामचन्द्र बैरागी ने किया ।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के खेड़ापति कमल तालाब एवं पुराना इंदौर-भोपाल राजमार्ग स्थित प्राचीन शनि मंदिर में शनि जयंती के अवसर पर प्रातः से ही भक्तों का तांता लगा रहा। पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ के साथ ही दोनों मंदिरों में भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर प्रसादी ग्रहण की। शनि जयंती के अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा अपने साथियों के साथ दोनों ही मंदिरों में दर्शनार्थ पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान शनि की पूजा-अर्चना की, वहीं हवन में आहूतियां छोड़ी। साथ ही भंडारे के दौरान प्रसादी ग्रहण करने पहुंची नन्हीं कन्याओं को तिलक लगाकर व पूजा कर प्रसादी परोसी।

इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्री मेवाड़ा ने समिति द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले विशाल भंडारे के लिए बधाई दी, वहीं भगवान शनि से प्रार्थना की कि समिति सदस्यों सहित श्रद्धालुओं के भंडार भगवान शनि देव हमेशा भरते रहे, उनकी पीड़ा, तकलीफ को हरते रहे। श्री मेवाड़ा ने आगे कहा कि ज्योतिष में भगवान शनि को न्यायाधिकारी माना गया है, अच्छे-बुरे कर्म के आधार पर व्यक्ति को फल प्रदान करते हैं। यह भी मान्यता है कि शनि देव की साढ़ेसाती और ढैय्या से कोई नहीं बच सकता है, लेकिन शनि जयंती पर शनि देव की विशेष पूजा, दान पुण्य करने से शनि देव की महादशा के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

भगवान शनि एक तंत्र के रूप में पूजनीय हैं जो शनि ग्रह पर शासन करते हैं और माना जाता है कि वे अपनी अनूठी ऊर्जा के माध्यम से लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। जबकि वह अक्सर कठिनाइयों और चुनौतियों से जुड़े होते है। भगवान शनि को न्याय के निर्माता और अनुशासन एवं आत्म-अनुशासन का अग्रदूत भी माना जाता है। इस अवसर पर नपाध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह मेवाड़ा के साथ पार्षद रवि शर्मा, तेजसिंह राठौर, सुभाष नामदेव, रामचरण बैरागी, पुजारी मनीष गिरी, महेश गिरी, गौरव सोनी, मनोहर बैरागी, संजय प्रजापति, विजय मेवाड़ा सहित बड़ी संख्या में भक्तगण, श्रद्धालुजन मौजूद थे।

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