प्राचीन जीर्णोद्धारित शीतला माता मंदिर में माता रानी की चल प्रतिमा का कराया गया स्थान परिवर्तन

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आष्टा नगर के प्राचीन शीतला माता मंदिर का जीर्णोद्धार निर्माण कार्य विगत कई दिनों से निरंतर माता शीतला की कृपा दृष्टि व भक्तों के सेवा संकल्प में किया जा रहा हैं। ज्ञात रहे यह मातारानी का मंदिर सम्पूर्ण आष्टा क्षेत्र में अतिप्राचीन एवं भक्तों की श्रद्धा का केंद्र हैं। इस मंदिर में पूर्व में स्थापित मूर्तियों का स्थान परिवर्तन कराकर मंदिर का कार्य निर्माणाधीन हैं, किंतु पुनः मंदिर में मातारानी के गर्भगृह के निर्माण को गतिमान होने के कारण मूर्तियों के चल स्वरूप को वैकल्पिकरूप में

नवनिर्मित भवन में स्थापित किया इस हेतु आज गुप्त नवरात्रि के पावन दिवस भड़लिया नवमी पर मातारानी का देवीसूक्त मंत्रों से वैदिक पूजन कर महाअभिषेक विधि विधान के साथ नगरपुरोहित पं मनीष पाठक एवं डॉ पं दीपेश पाठक के मार्गदर्शन में समिति के अध्यक्ष दिनेश जी सोनी ने सपत्निक सहित समस्त समिति सदस्यों की उपस्थिति में संपन्न किया। पश्चात आरती कर मातारानी के जयघोष कर ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य आदि कर प्रसाद का वितरण किया गया।

इस अवसर पर शीतला माता मंदिर पुजारी प्रेमनारायण जी मालवीय, शीतला माता मंदिर समिति के सदस्य गोविंद सोनी, विनोद जसाठी, जितेंद्र सोनी, प्रमोद शर्मा, मनोज पाठक, लाली मोटवानी, सुधीर जोशी, हरिओम सोनी (पटेल), राजेन्द्र साहू, मनीष नागौरी, जगदीश राठौर, राकेश सोनी, प्रकाश मेहलवार,अशोक साहू, रूपेश सोनी, मनोज दादलानी, संदीप जैन, राजेश जैन, राज सोनी, देवानंद भोजवानी,कैलाश सोनी पांचम,अनिल रेकवाल एवं नगरवासी सहित माताएं- बहने उपस्थित रही।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आज होगा विशाल भंडारा। आष्टा नगर के वार्ड नंबर 13 में स्थित नवनिर्मित लाल बिजासन माता मंदिर में आषाढ़ गुप्त नवरात्र में पंचकुंडीय यज्ञ व प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन कर मातारानी की प्रतिमाओ की प्राण प्रतिष्ठा की गईं गुरुवार शुभ मुहूर्त में नगरपुरोहित पँ मनीष पाठक, डॉ पं दीपेश पाठक सहित विप्रो ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमाओं की स्थापना नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में कराई गई इस मौके पर समस्त नगरवासी सहित बाहर से पधारे भक्तगणों ने

मातारानी के दर्शन लाभ लिए रात्रि में विशाल संगीतमय सुंदरकांड का संपन्न हुआ शुक्रवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
हुए संस्कार- मूर्ति प्रतिष्ठा में यह मुख्य संस्कार है पँ पाठक ने बताया कि मूर्तियों को पीताम्बर से ढक कर धातु की शलाका को घृत मधु मर डुबोकर प्रतिमा के नेत्र खोले गए नेत्रोंमिलन के समय नेत्रों के सामने कुमारी कन्या से मातारानी की प्रतिमाओं को दर्पण दिखाया गया उसके बाद काजल संस्कार सहित सभी वैदिक कार्य पूर्ण कर प्राण प्रतिष्ठा की गई

भक्तो ने लिया दर्शन लाभ नवीन प्रतिमाओं की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा के बाद पट खोले गये और महाआरती की गई जिसका लाभ उपस्थित धार्मिकजनो ने प्राप्त किया उसके उपरांत मातारानी के जयघोष के साथ यज्ञ की पूर्णाहुति कर धार्मिक कार्यों का समापन हुआ।
आज नवमी पर होगा विशाल भंडारा
मातारानी की स्थापना के पश्चात आज शुक्रवार भड़लिया नवमी पर विशाल भंडारे का आयोजन होगा जिसमें मंदिर समिति ने सभी नगरवासियों से भंडारे में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर प्रसादी ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त करे।

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