
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शिव स्वराज्य युवा संगठन आष्टा द्वारा सेवा बस्तियों में जाकर निर्दन परिवारों एवं बच्चो के साथ मिलकर दीपावली का पावन पर्व मनाया गया एवं उन्हें भेट स्वरूप मिठाई,फटाके,कंबल,दीपक जैसी अनेक सामग्री 100 से ज़्यादा पैकेटों में पैक करके दी गई। संगठन द्वारा mpeb के पीछे ,हरिओम होटल के पीछे,नवीन मंडी परिसर ,महात्मा गांधी कालेज के पास इन सभी सेवा बस्तियों में

जाकर निर्धन परिवारों एवं बच्चो के साथ मिलकर दीपावली का पावन पर्व मनाया एवं अपनी शुभकामनाए प्रदान कि संगठन के रजत कुमार सोनी,हर्षद जैन,अंकुश सोनी,हर्ष राठौर,मयंक भोजवानी,निमित जैन,बाला शर्मा,प्रियांश सोनी,शिवांश परसाई,मनोयन जैन,शानू विशिष्ट,यश सोनी,आदित्य जैन,अमन सुराना,प्रभा ददलानी,डोली तिवारी एवं समाज सेवी कुशलपाल लाला उपस्थित रहे।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- छटे तीर्थंकर श्री पदम प्रभु भगवान का जन्म और तप कल्याणक महामहोत्सव मनाया, मंदिरों में भगवान के अभिषेक शांति धारा कर पूजा- अर्चना की,भगवान महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण कल्याणक व दीपावली महा महोत्सव 21 कार्तिक कृष्ण अमावस्या को मनाएंगे, आत्मा को परमात्मा बनाने वाली धन्य तेरस है – मुनिश्री सानंद सागर। राग -द्वेष में पढ़ें हो तो पुण्य का संचय कैसे होगा- मुनिश्री सजग सागर। चातुर्मास को दो दिन बचे हैं, हमारा चातुर्मास का बंधन समाप्त हो जाएगा। भगवान महावीर स्वामी ने अमावस्या को मोक्ष प्राप्त किया था, हमें भी अपना कल्याण करने के लिए उनके बताए हुए मार्ग पर अग्रसर होना होगा।

आप राग -द्वेष में पढ़ें है तो पुण्य का संचय कैसे होगा, कर्मों की निर्जरा कैसे होगी। भगवान महावीर ने हर पर्याय को धारण किया और आत्म कल्याण कर मोक्ष प्राप्त किया।मारीच जैसे मत भटको,अच्छी गति चाहिए तो पुरुषार्थ करें। भगवान महावीर ने संयम के मार्ग पर अग्रसर होकर अपना कल्याण कर लिया,आप भी अपना कल्याण करें। किसी से मोह नहीं जगाए, आत्मा के अलावा आपका कोई नहीं,यह नश्वर शरीर भी आपका नहीं है। पंचकल्याणक में देखते हैं कि मरुदेवी माता भी आदिनाथ जी को संयम के मार्ग पर जाने से रोकती है,इसी प्रकार परिवार वाले भी आपको संयम के मार्ग पर अग्रसर होने से रोकते हैं। आपका पुण्य तो बहुत है ,लेकिन पुरुषार्थ करना होगा। सभी मोक्ष गामी जीव बनें,यही कामना भगवान से करते हैं।

महावीर स्वामी तो मोक्ष पहुंच गए आप भी पुरुषार्थ कर मोक्ष प्राप्त करें।वैय्यावृति करते हो तो संयम के मार्ग पर अग्रसर हो। दूसरे के संयमी बनने में बाधक नहीं सहयोगी बनों ।आत्मा को परमात्मा बनाने वाली धन्य तेरस है।
उक्त बातें नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर चातुर्मास हेतु विराजमान आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सजग सागर जी एवं सानंद सागर मुनिराज ने आशीष वचन देते हुए कही।मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने कहां भगवान महावीर स्वामी की वाणी खिरी, गौतम गणधर ने भी अपना कल्याण कर लिया।समोशरण का विघटन हो गया । संसार रुपी स्वार्थ दुःख का कारण, आत्मा को परमात्मा बनाने का उपदेश दिया।

गौतम गणधर को महावीर भगवान से स्नेह था,इस लिए केवल्य ज्ञान नहीं हुआ और महावीर भगवान को मोक्ष होते ही गौतम गणधर को केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ।नकल नहीं अकल से काम करों।हे भगवान आपके माध्यम से जो मार्ग मिला है हम उस पर चलकर आप जैसे बने,यह भावना भाएं। भगवान महावीर स्वामी को मानते हैं ,लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं।महावीर के रघुनंदन कहलाओगे।आपकी दशा और दिशा बदल जाएंगी भगवान महावीर की वाणी पर अमल करोंगे तो।मोक्ष रुपी शास्वत सुख प्राप्त हो गया उसकी प्रति कृति बना कर मोक्ष फल निर्वाण लाडू चढ़ाया जाता है। शास्वत सुख की प्राप्ति हेतु भगवान महावीर स्वामी को याद कर रहे हैं।तप के बिना सोना भी शुद्ध नहीं,उसी प्रकार बिना तप के कल्याण नहीं।मूल गुणों को प्राप्त करें,

कुलाचार का पालन महावीर ने नहीं किया होता तो महावीर नहीं बनते। धर्म में मनमानी नहीं करें। धर्म को मान रहे हो तो एक दिन महावीर बन सकते हो। बिना वृत्ति बने आत्मा का कल्याण नहीं और न ही महावीर बन सकते हो। आजकल खाद और राशन की दुकानों पर लाइन लग रही है लेकिन मोक्ष की लाइन में नहीं। संसार को तोड़ना है तो सम्यकदर्शन प्राप्त करना होगा।पाठशाला के बच्चों को पुरस्कृत किया गया। 19 अक्टूबर रविवार को बच्चों की सामूहिक पूजन किला मंदिर जी में मुनिराजजी के ससंघ सानिध्य में आचार्य विद्यासागर प्रामाणिक पाठशाला के बच्चों ने भक्ति भाव से की।बालक -बालिकाओं का स्वल्पाहार श्रीमती रेशम देवी,संजय कविता जैन ,विजय मोनिका जैन ,अभिनव, पायल, श्रुति ,पीहू,वर्धन ,अव्यान ,सात्विक परिवार ने करवाकर पुरुस्कृत किया।

जैन समाज 21 को मोक्ष फल चढ़ाएंगे- श्री दिगम्बर जैन समाज मंगलवार 21 अक्टूबर को वर्तमान शासन नायक 1008 भगवान महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाण कल्याणक व दीपावली पर्व बड़े ही धूमधाम एवं भक्ति भाव के साथ किला मंदिर पर विराजित मुनि संघ परम पूज्य मुनि श्री सजग सागर जी, मुनि श्री सानंद सागर जी मुनिराज ससंघ के पावन सनिध्य में भव्य रूप से मनाएंगे।21 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण अमावस्या को प्रातः 7 बजे से सामूहिक नित्य अभिषेक ,शांतिधारा, भगवान महावीर स्वामी व दीपावली पूजन व निर्वाण लाडू समर्पित किया जाएगा।प्रातः 9 बजे पूज्य मुनिश्री के आशीष वचन के पश्चात चातुर्मास कलश निष्ठापन जुलूस प्रातः 10 बजे किला मंदिर से प्रारम्भ होकर बड़ा बाजार,ओम शांति मार्ग,खंडेलवाल चौराहा,सिद्धार्थ हॉस्पिटल चौराहा से पुनः बुधवारा मेन रोड,चौरसिया टीवी के पास से काछीपुरा, साईं कॉलोनी ,बजरंग कॉलोनी जाएगा।
