61 युवाओं के द्वारा किया गया रक्तदान- आष्टा युवा संगठन संस्था द्वारा सिविल अस्पताल में लगाया रक्त दान शिविर 61 यूनिट किया दान

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आज सिविल हॉस्पिटल आष्टा में महा रक्तदान शिविर का आयोजन नगर की सामाजिक संस्था आष्टा युवा संगठन के द्वारा किया गया जिसमें मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी आष्टा बीएमओ अमित जी माथुर के मार्गदर्शन में हुआ । शिविर आष्टा युवा संगठन के द्वारा आयोजित किया गया था इस शिविर में जिला चिकित्सालय की टीम का विशेष योगदान रहा है इस टीम के युवाओ का रक्त परीक्षण के पश्चात रक्त का दान किया गया इस शिविर में आष्टा युवा संगठन के युवा एवं गणमान्य लोग उपस्थित हुए ,आज 61 युवाओं के द्वारा रक्तदान किया गया जो कई जीवन को रोशनी देगा और उन्हें नया जीवन प्रदान करेगा

इस युवा टीम के द्वारा हमेशा इस प्रकार की जीवन दायनी पहल समय-समय पर आयोजित करते रहते हैं संस्था प्रमुख अध्यक्ष आनंद गोस्वामी ने कहा कि संघठन द्वारा समय समय पर सामाजिक आयोजन किये जाते है और आगे भी इस तरह के आयोजन किये जायेंगे उन्हने सभी का धन्यवाद भी अर्पित किया इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रायसिंह जी मेवाड़ा,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री मति मिना जी सिंगी,महा संघ के अध्यक्ष रूपेश राठौर ,भाजपा नेता संजीव सोनी पंचम,पार्षद रवि शर्मा ,राजीव जी गुप्ता ,विधायक प्रति निधि उत्थान धरावा,विपिन सिंगी ,सीए महेंद्र ठाकुर सहित रक्त वीर उपस्थित हुए ,जिनके द्वारा रक्तदान दाताओं को स्वल्पाहार लिक्विड जूस पाइनएप्पल,

मोसंबी, संतरा, जूस दिया गया और साथ में ही उन्हें मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अमित गणेश माथुर के द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए इस आयोजन को सफल बनाने मेंआष्टा सिविल अस्पताल की टीम और आष्टा युवा संगठन के सभी सदस्यों जो हमेशा सेवाभाव अग्रणी रहते है उनका सराहनीय योगदान रहा आष्टा सिविल अस्पताल प्रबंधक जितेंद्र वर्मा, मोहन श्रीवास्तव, सुरेश सेन,रवि गोस्वामी ,डॉ संतोष कारंजा, अम्बर मालवीय ,रविकांत मालवीय, डॉ प्रियंका रघुवंशी,जितेंद डाबरिया,आशु आर्य प्रमोद परमार, चेतन पाठक,दानिश मंसूरी का विशेष योगदान से आयोजन सम्पूर्ण रूप से सफल हुआ आगे भी संघठन इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा।

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- श्री राम मंदिर धर्मशाला भीलखेड़ी बरामद में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन संत श्री मिट्ठूपुरा सरकार ने बताया कि, कर्म का फल तो हम सबको भोगना पड़ेगा ।कर्म के फल से तो भगवान और बड़े-बड़े ऋषि मुनि महात्मा भी अछूते नहीं रहे ।काहु ना कौई सुख-दुख कर दाता।निज कृत कर्म भोग सब भ्राता। इसी क्रम में गुरुदेव द्वारा माडंव्य ऋषि की कथा सुनाते हुए बताया कि, एक बार एक राजा के महल मे चोर चोरी कर के भाग ।पीछे पुलिस लगी हुई थी।पुलिस के डर से चोर भागते हुए ऋषि के आश्रम में छुप गया।

पीछे पुलिस ने जब आश्रम की तलाशी ली तो चोर और चोरी का सारा धन आश्रम से ही बरामद हो गया । पुलिस चोर के साथ ऋषि को भी गिरफ्तार कर राजा के पास ले गये।राजा ने भी बिना विचार के चोर के साथ ऋषि को भी सूली पर चढ़ा दिया।चोर तो थोड़ी देर में मर गया।पर महात्मा 40 दिन तक सूली पर टंगे रहे ।तब राजा घबराया ,कि मेने महान संत का अपराध कर दिया है। महात्मा तो निर्दोष है।तुरंत महात्मा से क्षमा मांगी ।सुली से उतारा अब महात्मा ने राजा से तो कुछ नहीं कहा।और सीधे यमराज के पास पहुंचे,और यमराज से कहा कि मैं मेने जीवन में कभी कोई पाप नहीं किया।फिर किस अपराध की सजा मुझे मिली तब यमराज ने उनके जीवन का खाता निकला तो उसमें लिखा था।

की ऋषि ने 5 साल की उम्र में एक कीड़े को कांटा चुभाकर मारा था ।उसी पाप के कारण आपको यह सजा मिली ।महाराज समझ गए ।की अपराध कोई भी करें ,कभी भी करें उसकी सजा जरूर .मिलती है।भले ही देर से मिले पर मिलती अवश्य है ।कथा से पूर्व मुख्य यजमान विश्राम सिंह ठाकुर द्वारा पूज्य गुरुदेव का शाल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। कथा में गुरुदेव द्वारा गाए हुए भजनों पर सभी श्रोताओं ने झूम झूम का नृत्य किया। कल कथा में भगवान श्री कृष्ण रुक्मणीजी का विवाह संपन्न कराया जाएगा ।इस अवसर पर घीसुलाल भगत जी,मांगीलाल ,फूल सिंह,जगन्नाथ सिंह,अके सिंह,बहादुर सिंह,सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

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