
updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- आष्टा विधानसभा क्षेत्र में यू तो कई स्थल ऐसे है जो अपने गर्भ में एक इतिहास दबाये हुए है,कई स्थानों पर दबा इतिहास जमीन ने खुदाई के दौरान उगला भी है । ऐसा ही एक स्थल है प्राचीन पुरातत्वीय महत्व का स्थल देवबड़ला । उक्त प्रसिद्ध धार्मिक स्थल देवबड़ला अब धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित हो रहा है। यहॉं आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देवबड़ला जो की नेवज नदी के उदगम स्थल और घने जंगलों में होने के कारण यहां का प्राकृतिक वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा हैं

अब इसके समुचित विकास के लिये आष्टा विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर ने बीड़ा उठाया है एवं विकास कार्यो की शुरुआत की है । पहले जब श्री गोपालसिंह इंजीनियर जिला पंचायत के अध्यक्ष थे तब इस स्थल के पहुच मार्गो पर करीब 30 लाख की लागत से कई पुलियाओं का निर्माण कराया था । विधायक बनने के बाद उक्त स्थल तक पहुचने के लिये पक्का रास्ता नही होने से शिव भक्तों,पर्यटकों को जाने आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था । इस समस्या को दूर करने के लिये विधायक गोपालसिंह इंजीनियर ने शासन स्तर पर

विशेष ठोस प्रयास किये और बिलपान से देवबड़ला तक की सड़क के लिये 2 करोड़ 80 लाख रुपये स्वीकृत कराये, जिससे रोड निर्माण का कार्य जारी है । देवबड़ला सीहोर जिले की जावर तहसील के ग्राम बीलपान के घने जंगलों की बीच विंध्याचल पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। देवबड़ला का मालवी में अर्थ है जंगल, अर्थात घने जंगलों में देवों की भूमि। पुरात्व की दृष्टि से यह क्षेत्र अमूल्य धरोहर वाला क्षेत्र है। देवबडला में खुदाई के दौरान 11वीं 12 शताब्दी के परमार कालीन शिव मंदिर और अन्य मंदिर मिले हैं। खुदाई में शिव मंदिर के साथ ही 20 से अधिक प्रतिमाएं भी मिली हैं।

इनमें मूर्तियों में ब्रह्मदेव, विष्णु, गौरी, भैरव, नरवराह, लक्ष्मी, योगिनी, जलधारी, नंदी, और नटराज की प्रतिमाएं शामिल हैं। इस अमूल्य धरोहर को सहेजने का कार्य किया जा रहा है। कई दिनों से यहां चल रहे निर्माण कार्य बन्द पड़े हुए है । जब यह बात विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर के संज्ञान में आई तब वे कल भोपाल पहुचे ओर मप्र शासन के संस्कृति, पर्यटन,धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के माननीय मंत्री श्री धर्मेंद्र लोधी जी से मिले और एक मांग पत्र सौपा । विधायक ने मंत्री श्री धर्मेन्द्र लोधी जी को बताया कि विगत कई दिनों से देवबड़ला में चल रहे निर्माण कार्य बन्द पड़े है ।

अधूरे पड़े मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य दर्शनार्थियों के लिये परेशानी का कारण बने है । विधायक ने मांग पत्र सोप कर अधूरे बन्द पड़े निर्माण कार्यो को जल्द शुरू कराये जाये । चर्चा के दौरान विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर ने देवबड़ला के प्राचीन एवं पुरातत्वीय महत्व की भी विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि देवबड़ला में पुरातत्व विभाग द्वारा वर्ष 2015 में यहॉ खुदाई शुरू की गई। मई 2016 में शिव मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। यह मंदिर 51 फीट उंचा है और इस मंदिर का कार्य पूर्ण हो चुका है।

दूसरे मंदिर का निर्माण 2024 में पूरा कर लिया गया। इन मंदिरों को मूल स्वरूप देने के लिए मंदिर के अवशेषों को जोड़ने में चूना, गुड़, गांद, उड़द, मसूर, जैसे प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग किया गया है। देवबड़ा के मंदिर प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट होना माना जाता हैं।
खुदाई में मिले मंदिरों को फिर से उसी स्थिति में बनाने के लिए पहले मलबा सफाई का काम किया जाता है। इसके बाद डॉक्यूमेंटेशन कर पता लगाया जाता है पूर्व में मंदिर का स्ट्रक्चर कैसा रहा होगा। गर्भगृह में कौन सी प्रतिमा होगी। गणपति कहां होंगे। इसके बाद पत्थरों पर नंबर डाले जाते हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि

मंदिर निर्माण में कौन सा पत्थर कहां लगाया जाएगा। इस विधि को कंजर्वेशन या पुनर्स्थापन विधि कहते हैं। देवबड़ला स्थान भोपाल तथा इंदौर से 115 किलो मीटर दूर है। भोपाल या इंदौर मध्य आष्टा नगर से देवबड़ला के लिए सड़क मार्ग से जा सकतें हैं। आष्टा से इसकी दूरी 30 से 35 किलोमीटर है। सीहोर जिले में आष्टा के इस पुरातत्वीय महत्व के अति प्राचीन स्थल देवबड़ला जाने के लिये पहले यह स्तिथ शिवालय के दर्शन हेतु कच्चे,उबड़ खाबड़ रास्तों से जाना होता था । लेकिन जावर क्षेत्र के नागरिको की मांग पर आष्टा के वर्तमान भाजपा

विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर ने अपने क्षेत्र के इस पुरातत्वीय महत्व के स्थल तक पहुचने में नागरिको भक्तों को परेशानी ना हो इसके लिये बिलपान से देवबड़ला तक करीब 3 किमी का मार्ग 2 करोड़ 80 लाख की राशि से स्वीकृत करा कर इस क्षेत्र को बड़ी सौगात दी है । उक्त मार्ग का निर्माण कार्य जारी है । मार्ग निर्माण होने से सभी को आवागमन की एक अच्छी बड़ी सुविधा उपलब्ध होगी,जो बड़ी राहत भक्तों को देगी । विधायक श्री गोपालसिंह इंजीनियर ने मंत्री श्री धर्मेन्द्र जी लोधी को देवबड़ला आने का निमंत्रण भी दिया जिस पर उन्होंने जल्द ही उक्त स्थल का दौरा करने का भरोसा दिया है ।

