न्यायालय प्रांगण आष्टा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर के निर्देशानुसार श्री विजय डांगी, जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति आष्टा के द्वारा दिनांक 21 जून 2025 को न्यायालय प्रांगण आष्टा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। वर्ष 2025 में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘‘एक पृथ्वी और एक स्वास्थ्य के लिए’’ विषय इस प्राचीन अभ्यास के सार को दर्शाता है। योग दिवस के अवसर पर वरिष्ठ योग शिक्षक योगी राम नरेश यादव, मोहन लाल अजनोदिया, मनीष डोंगरे द्वारा

उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण को योगाभ्यास कराया गया तथा योगी रामनरेश यादव द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सम्बोधित करते हुए बताया गया कि ‘‘योग कर्मसु कौशलम्’’ अर्थात् योग से कर्मों में कुशलता आती है। व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने का एक साधन है। योग के आठ अंगों को अष्टांग कहते हैं जिससे आठों आयामों का अभ्यास एक साथ किया जाता है। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा,

ध्यान, प्रत्याहार, समाधि को योग के आठ अंग माना जाता है। योग में प्राणायाम का विशेष महत्व है। प्राण का अर्थ जीवन शक्ति एवं आयाम का अर्थ उर्जा पर नियंत्रण होता है। अर्थात् श्वास लेने संबंधी कुछ विशेष तकनीकों द्वारा जब प्राण पर नियंत्रण किया जाता है तो उसे प्राणायाम कहते हैं। प्राणायाम के तीन प्रकार होते हैंः- अनुलोम विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम। श्री विजय डांगी, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा के द्वारा अपने संबोधन में बताया कि भगवान कृष्ण को योगीराज कहा जाता है कि क्योंकि योग के सभी

नियमों का पालन उन्होंने किया है और उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टीय योग दिवस पर यह सांकेतिक योग है इनको प्रतिदिन सभी लोगों को अपने जीवन में संकल्प के साथ रोज प्रातः काल में करना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ रहे। योगाचार्य मोहन लाल अजनोदिया ने उपस्थित जन को संकल्प दिलवाया कि मैं स्वयं को एक स्वस्थ्य, शंातिप्रिय, आनंदपूर्ण एवं प्रेमपूर्ण मानव बनाने का संकल्प लेता हूं। अपने प्रत्येक कार्य से मैं अपने चारों और शांति और स्नेहपूर्ण वातावरण बनाने का प्रयत्न करूंगा। मैं अपने अहम को समाप्त करने का प्रयत्न करूंगा। और पूरे विश्व को अपने में समाहित करने की कोशिश करूंगा।

मैं दूसरों के जीवन से अपने जीवन संबंधें की पहचान करूंगा। मैं यहां उपस्थित हर व्यक्ति से एकात्म होने का प्रयत्न करूंगा। इस अवसर पर अधिवक्ता नगीन चंद्र जैन, योग शिक्षक अजनोदिया जी एवं मनीष डोंगरे ने भी योग के संबंध में सार गर्भित जानकारी दी। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश श्री महेश कुमार चैहान, न्यायाधीश श्री नदीम जावेद खान, न्यायाधीश श्रीमती ऋचा जैन, न्यायाधीश श्रीमती ऋचा शर्मा, अधिवक्तागण में धीरज धारवां, कुलदीप शर्मा, भूपेन्द्र सिंह राणा, भूपेश जामलिया आशीष जोशी आदि एवं समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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