टैलेंट स्कूल में “ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू कचरे से ब्रिकेटिंग विषयक स्टार्टअप प्रशिक्षण कार्यशाला” का किया गया आयोजन

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे से ब्रिकेटिंग को लेकर नवाचार प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न। डॉ. राजकुमार मालवीय बोले – “गांवों में स्टार्ट अप और नवाचार से ही मजबूत होगा आत्मनिर्भर भारत का आधार। सेमनरी रोड़ स्थित टैलेंट इनोवेटिव हायर सेकेंडरी स्कूल में मां हिंगलाज सेवा समिति एवं कर्मयोगी जनकल्याण संस्था के संयुक्त तत्वावधान में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के सहयोग से “ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू कचरे से ब्रिकेटिंग विषयक स्टार्टअप प्रशिक्षण कार्यशाला” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वच्छ ऊर्जा, ग्रामीण रोजगार और नवाचार आधारित स्टार्टअप को लेकर उपयोगी जानकारी साझा की गई।

कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ प्राचार्य सुदीप जायसवाल द्वारा किया गया। मंच संचालन विराग बोहरे ने किया, जबकि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा शामिल हुए। प्रथम तकनीकी सत्र में विशेषज्ञ डॉ. आकाश पटेल ने ब्रिकेटिंग तकनीक की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण स्तर पर उत्पन्न घरेलू कचरे को ब्रिकेटिंग के माध्यम से उपयोगी ईंधन में बदला जा सकता है। इस तकनीक से पर्यावरण संतुलन में सुधार के साथ-साथ युवाओं के लिए स्वरोजगार के रास्ते खुलते हैं।

वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के.के. कालरा ने पंचायतों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतें शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। शिक्षा निगरानी समितियों के गठन से स्कूलों की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। पंचायतों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता बताई गई। अनुराग शुक्ला ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा को केवल किताबी दायरे में न रखकर ग्रामोद्योग और कृषि आधारित तकनीकों से जोड़ा जाना चाहिए। इससे न केवल युवाओं को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. राजकुमार मालवीय, प्रदेश कार्यालय प्रभारी – भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ, ने कहा कि गांवों में नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देकर देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जा सकता है। ग्रामीण शिक्षा को स्थानीय संसाधनों से जोड़ते हुए नवाचार की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ. मालवीय ने कार्यशाला की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास की दिशा में एक सशक्त पहल बताया। इस अवसर पर सरपंच संघ अध्यक्ष मनोहर पटेल सहित जिले की कई ग्राम पंचायतों के सरपंच व प्रतिनिधि मौजूद रहे। अध्यक्षता अनिल मालवीय ने की, जबकि आभार रंजीत सिंह चौहान ने व्यक्त किया।

इसी श्रृंखला में कर्मयोगी जनकल्याण केंद्र जावर के सहयोग से शेखूखेड़ा ग्राम पंचायत में ब्रिकेटिंग प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। लगभग 150 ग्रामीणों ने सक्रिय सहभागिता की। कार्यक्रम में केंद्र अध्यक्ष गंगाराम पंवार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए स्थानीय युवाओं को इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित किया। ब्रिकेटिंग आधारित यह कार्यशाला ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा, शिक्षा की गुणवत्ता और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास साबित हुई। कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को न केवल तकनीकी जानकारी मिली, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर ठोस कदम बढ़ाने की प्रेरणा भी मिली।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- शिवलिंग की ज्योति और मन की ज्योति का संगम, आध्यात्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण से, एक गहन विषय है। यह प्रकाश और चेतना के मिलन का प्रतीक है, जहां भौतिक ज्योति (शिवलिंग) और आंतरिक ज्योति (मन की ज्योति) एक साथ आते हैं। शिवलिंग और हमारे हृदय की ज्योति का मिलन हमे ऊर्जा देता है।

जिसके बल पर हम सदमार्ग की और अनुसरण करते है। उक्त विचार जिला मुख्यालय के समीपस्थ कुबेरेश्वरधाम पर जारी पांच दिवसीय आन लाइन शिव महापुराण के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। बुधवार को हजारों की संख्या में कांवड लेकर और श्रद्धालु धाम पर पहुंचे और पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की। गुरुवार को शहर के सीवन घाट से डाक कावड सुबह नौ बजे समिति के व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला,

विनय मिश्रा आदि के द्वारा निकाली जाएगी और आगामी छह अगस्त को भव्य कावड यात्रा की तैयारियां की जा रही है। जिसमें लाखों श्रद्धालुओं आऐंगे।इस मौके पर उन्होंने श्रद्धालुओं से कहाकि आप लोग कांवड लेकर करीब 11 किलोमीटर की यात्रा करते हुए आ रहे है, यह बल आपको कौन दे रहा है, यह आपका आत्मबल है। जब आप भक्ति की शक्ति के संगम में रहते है तो आपको यात्रा के दौरान कोई भी कठिनाई नहीं होती है।

भूख-प्यास आदि समाप्त हो जाती है, यही शक्ति आपको सकारात्मकता से लबरेज करती है, इस भक्ति और विश्वास से आप शिव को प्राप्त कर सकते है। बुधवार को आन लाइन शिव महापुराण के दौरान पंडित श्री मिश्रा ने कथा के दौरान शमी और वेलपत्र के पौधों के महत्व के बारे में बताया और मायासुर आदि के बारे में विस्तार से बताया।रोग मुक्ति के लिए शिव की आराधनाबुधवार को कथा के तीसरे दिन पंडित श्री मिश्रा ने यहां पर आए श्रद्धालुओं के पत्र का अध्ययन करते हुए

बताया कि शिव तत्व किसे कहते है, तेरी कृपा क्या है भरोसा भजन सुनाते हुए कहाकि भगवान पर किया विश्वास कभी खाली नहीं जाता है। उन्होंने राजस्थान के डोगरपुर से आई निर्मला ने बताया कि एक लोटा जल हर समस्या का हल है, उनके कान में रोग था, लेकिन शिव की कृपा से उनको रोग से मुक्ति मिली है, वहीं उत्तरप्रदेश की स्वाति अग्रवाल के पेट में दर्द था, जांच में पता चला कि गांठ है और उसके पश्चात उन्होंने डॉक्टर की दवाई के साथ भगवान शिव की भक्ति की अब वह ठीक है।

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