‘‘तीर्थ ही जीवनतारक है’’ – साध्वीवर्या मीतव्रता श्रीजी गिरनार तीर्थ की भाव यात्रा का हुआ विशेष आयोजन

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- नगर के श्री महावीर स्वामी श्वेताम्बर जैन मंदिर, गंज में चातुर्मास हेतु साध्वीमण्डल मंदिर के उपाश्रय में विराजमान है और प्रतिदिन प्रातः 9 से 10.15 तक उनके प्रवचन एवं सत्संग का लाभ सभी को प्राप्त हो रहा है उनके द्वारा करवाये जा रहे धार्मिक आयोजन धर्मानुरागियों के लिये मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। साध्वीमंडल में ढंक तीर्थोद्धारिका प.पू. साध्वी. श्री चारूव्रताश्रीजी म.सा. की शिष्या प.पू. साध्वी श्री नम्रव्रता श्री जी म.सा., मग्नव्रताश्रीजी म.सा. और मीतव्रता श्री जी म.सा. शामिल हैं।

रविवार को प.पू. साध्वीवर्या की पावन निश्रा में गिरनार तीर्थ की भाव यात्रा का विशेष आयोजन रखा गया था। इस यात्रा के लाभार्थी परिवार सुन्दरलाल, प्रकाशचंद, प्रदीप कुमार वोहरा परिवार के सिकंदर बाजार स्थित निवास से यात्रा प्रारंभ होकर गल चौराहा, मानस भवन, सुभाष चौक होते हुये गंज स्थित श्री महावीर स्वामी श्वेताम्बर जैन मंदिर पहुंची जहां के उपाश्रय में साध्वीवर्या नें अपने प्रवचन में कहा कि ‘‘तीर्थ जीवन को तारने वाला होता है, तीर्थ केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं बल्कि एक ऐसा स्थान होता है जहां आत्मा को शांति, जागरण और सत्य की अनुभूति हो और हमारा गिरनार तीर्थ एक ऐसा ही अद्भुत स्थान है।

जहां प्रभु नेमिनाथ की लगभग चौरासी हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा विराजित है जो किसी भी जैन तीर्थंकर की इस पृथ्वी पर सबसे पुरानी प्रतिमा है। इसके बाद शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा का नंबर आता है। साध्वीवर्या नें गिरनार तीर्थ के प्रत्येक स्थान का रेखाचित्र अपने शब्दो के माध्यम से इस प्रकार बनाया कि उपस्थित प्रत्येक जन को गिरनार तीर्थ में ही उपस्थित होकर प्रभु नेमिनाथ की वंदना करने की अनुभूति होने लगी। बीच-बीच में अमन गांग, श्रीमती स्मिता वोहरा व इनकी संगीत टीम अपने सुमधुर भजनो के माध्यम से इस अनुभूति को ओर अधिक गहरा करते गये।

प्रवक्ता अतुल सुराणा नें बताया कि जैन धर्म भाव प्रधान है और भाव की कर्म में परिणित होतें है इसलिये हमारे संतजनो द्वारा इस प्रकार की तीर्थ भावयात्रा का आयोजन किया जाता है ताकि अपने स्थान पर रहते हुये भी धर्मप्रेमी जन उस तीर्थ की छवि को मन में रखकर अपनी कल्पनाशक्ति के माध्यम से अपने मन को वहां ले जाकर दर्शन-वंदन कर सकें क्योंकि तीर्थ यात्रा के माध्यम से आत्मा का कल्याण और कर्मो की निर्जरा होती है। इसके पश्चात् प्रभु नेमिनाथ एवं राजुल देवी के विवाह की घटना एवं प्रभु नेमिनाथ के हृदय परिवर्तन एवं

दीक्षा ग्रहण करने की घटना को एक सुन्दर संगीत नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। यह नाटिका साध्वीवर्या के निर्देशन में बालिका मण्डल द्वारा तैयार की गई थी जिसका संचालन श्रीमती मोना कुलदीप कोचर द्वारा किया गया। अंत में चातुर्मास समिति द्वारा लाभार्थियों बहुमान किया गया एवं आयोजन का समापन हुआ। आयोजन में वरिष्ठ सुश्रावक सुंदरलाल वोहरा सहित पदाधिकारियों में नगीन वोहरा एडवोकेट, पवन सुराणा, प्रदीप धाड़ीवाल, प्रताप चतरमुथा, पवन श्रीश्रीमाल, श्रीमती भावना वोहरा एवं समाजजनो की उपस्थिति रही।

updatenews247.com धंनजय जाट सीहोर 7746898041- कुबेरेश्वरधाम पर 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, छह अगस्त को निकाली जाएगी भव्य कांवड यात्रा, आज सावन सोमवार को किया जाएगा विशेष अभिषेक। सीवन नदी से कुबेरेश्वरधाम कांवड़ लेकर जाने शिवभक्तों का सिलसिला भोर होने के साथ ही शुरू हो जाता है। कांवड़ मेला एक माह आगामी 8 अगस्त तक चलेगा। इसी के साथ 6 अगस्त को शहर के सीवनघाट से सुबह नौ बजे भव्य कांवड़ यात्रा निकाली जाएगी। इसमें स्वयं कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित प्रदीप मिश्रा शामिल होंगे। यह यात्रा सीवन नदी से करीब 11 किलोमीटर पैदल चलकर धाम पर पहुंचेगी,

जहां पर भव्य आरती की जाएगी और बाबा को जल अर्पित किया जाएगा। पूरे सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना अच्छा माना जाता है, लेकिन कावड़िए इस दिन का अलग ही इंतजार करते हैं। प्रदोष काल में लाखों की संख्या में कांवड लेकर श्रद्धालु सीवन नदी के तट से कुबेरेश्वरधाम पहुंचेंगे। इस बार कांवड यात्रा में कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा करेंगे सारजन और रावण को टक्कर देगा मध्यप्रदेश का बाबा डीजे, दो दर्जन से अधिक डीजे और झांकियां रहेगी कांवड यात्रा में शामिल। वहीं रविवार को करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालु धाम पर पहुंचे। धाम पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देश पर भोजन पंडाल बनाया गया है।

जहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को भोजन प्रसदी वितरण करने की व्यवस्था शुरू हो गई है। विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला, पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य ने यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया। वहीं रविवार को छत्तीसगढ़ में जारी कथा के दौरान पंडित श्री मिश्रा ने शिव भक्तों के लिए एक नई पहल करते हुए कहाकि देश-विदेश में शिवलिंग और नंदी की स्थापना के लिए धाम पर निशुल्क प्रदान किए जाऐंगे। समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कुबेरेश्वर धाम का कांवड़ मेला हर साल भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है।

इस मेले में भक्तगण श्रद्धा और भक्ति के साथ कांवड़ लेकर चलते हैं और भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। यह मेला न केवल धार्मिक भावना को प्रकट करता है, बल्कि समाज को एकजुट करने का भी कार्य करता है। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले भक्त, शहर की जीवनदायनी मां सीवन से जल भरकर 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जो उनकी भक्ति को दर्शाता है। इस यात्रा में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी लोग अपने श्रद्धा भाव के साथ आगे बढ़ते हैं। कुबेर भंडारी की कांवड़ विशेष रूप से कष्टों के निवारण के लिए मानी जाती है और भक्तगण इसे लेकर अत्यधिक श्रद्धा रखते हैं। कांवड़ मेला सावन मास के साथ ही शुरू हो गया है और आगामी 8 अगस्त तक चलेगा।

पंडित प्रदीप मिश्रा भी कांवड़ यात्रा में चलेंगे कांवड़ लेकर शिव भक्त सीहोर से मां सीवन के जल लेकर बाबा कुबेर भंडारी को चड़ाते हैं एवं कंकर शंकर पूजन करते हैं। सर्व कार्य सिद्ध करने वाली कांवड़ पूज्य गुरुदेव प्रदोष के दिन समर्पित करते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा के साथ जो भक्त कांवड़ चड़ाने आते हैं वो मन में जो कामना लेकर आते हैं बाबा प्रदोष की कांवड़ का जल लेकर उस भक्त की कामना पूरी करते हैं। इस वर्ष की कांवड़ प्रदोष की पूज्य गुरुदेव के साथ 6 अगस्त सुबह 9 बजे सीहोर शहर के सीवन घाट से भरा कर 11 किलोमीटर दूर बाबा धाम जाएगी। बाबा पर प्रदोष के दिन कांवड़ जल गुरुजी के साथ चढ़ाया जाएगा। एक माह का कांवड़ मेला सावन मास क आगाज के साथ ही शुरू हो गया था। सभी शिव भक्त बाबा को कांवड़ जल चढ़ाकर अपने जीवन को सफल करें।

सेवा के पंडाल और डीजे की धुन पर भक्ति का सैलाब
श्रावण मास की पावन बेला में सीहोर का वातावरण पूरी तरह भक्ति में डूबा नजर आया। रविवार को हजारों श्रद्धालुओं की आस्था की एक अनूठी झलक तब देखने को मिली, जब वे नंगे पैर सीवन नदी घाट से 11 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा कर कुबेरेश्वरधाम बाबा भोलेनाथ के दर्शन हेतु निकल पड़े। हर ओर बोल बम के जयघोष गूंज रहे थे, डीजे की धुन और ढोल-मंजीरों की थाप पर भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दिव्य माहौल को और अधिक पावन बना दिया शहर के सेवाभावी लोगों ने, जिन्होंने देश के कोने-कोने से आए कांवड़ियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। स्थानीय इंदौर-भोपाल रोड स्थित डी मार्ट के पास पंडित प्रदीप मिश्रा के सेवा पंडाल में सुबह से ही श्रद्धालुओं के लिए गर्मागर्म पोहा और ताजे केले का नाश्ता तैयार किया गया। नाश्ता वितरण का यह पुण्य कार्य शाम तक चलता रहा।

सेवा में लगे हर चेहरे पर एक संतोष भरी मुस्कान थी, मानो भगवान शिव को ही भोग अर्पित कर रहे हों। सेवाभाव से ओतप्रोत लोगों का कहना था, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें बाबा भोले के भक्तों की सेवा का अवसर मिला। यही सच्चा धर्म है। श्रद्धालुओं ने इस सेवा को सच्चे शिवत्व की अनुभूति बताया और मुक्त कंठ से प्रशंसा की। सीहोर की सड़कों पर केवल यात्रियों के पांव नहीं थे, बल्कि आस्था, समर्पण और सेवा के पवित्र पदचिन्ह थे, जो लंबे समय तक लोगों के हृदय में अमिट रहेंगे। वहीं शहर के सोया चौपाल श्री राधेश्याम विहार कालोनी, इंदौर नाका, समाजसेवी राय परिवार, गुप्ता परिवार के अलावा अन्य आधा दर्जन से अधिक सेवा के पंडाल लगाए गए है और आगामी पांच अगस्त और छह अगस्त को बड़ी संख्या में प्रसादी के पंडाल लगाए जाऐंगे।

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