

updatenews247.com धंनजय जाट आष्टा 7746898041- प्रत्येक व्यक्ति को खानपान पर ध्यान देना चाहिए तथा समय पर अपनी डायबिटीज की जांच कराना चाहिए। डायबिटीज होने पर चिकित्सक की सलाह अनुसार दवाई बराबर लेते रहना चाहिए, ताकि आप व्यवस्थित अपनी जिंदगी जी सकें। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. हीरा दलोद्रिया ने उपस्थित नागरिकों एवं मरीजों को मधुमेह से बचाव, नियंत्रण और समय पर उपचार के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

“मधुमेह एक मौन बीमारी, समय पर जांच ही सबसे बड़ा बचाव” — डॉ. दलोद्रिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. हीरा दलोद्रिया ने कहा कि मधुमेह को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि कई मरीजों को तब तक इसका पता नहीं चलता, जब तक यह गंभीर रूप न ले ले।उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से ऊपर के हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार ब्लड शुगर की जांच अवश्य करानी चाहिए और जिनके परिवार में मधुमेह का इतिहास है, उन्हें इससे भी अधिक सावधान रहने की सख्त आवश्यकता है।

मधुमेह से बचने के लिए 5 प्रमुख सुझाव
डॉ. दलोद्रिया ने मरीजों को मधुमेह से बचाव के लिए दैनिक जीवन में अपनाने योग्य सरल उपाय बताए—
नियमित व्यायाम रोज 30 मिनट की वॉक से शुगर कंट्रोल में रहती है।
संतुलित आहार — तला हुआ भोजन, चीनी, मिठाई और जंक फूड से दूरी बनाएं।
वजन नियंत्रित रखें — मोटापा मधुमेह की मुख्य वजहों में से एक है।
तनाव कम रखें — तनाव बढ़ने पर शुगर लेवल तेजी से प्रभावित होता है।

समय पर दवाएँ व जांच — डायबिटिक मरीजों के लिए समय पर दवा और नियमित फॉलोअप बेहद ज़रूरी है।
“लक्षणों को नजरअंदाज न करें”
डॉ. दलोद्रिया ने बताया कि लगातार प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान, घाव का देर से भरना, नजर धुंधलाना आदि मधुमेह के प्रमुख लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत जांच करानी चाहिए।
युवाओं और बच्चों में बढ़ रहा मधुमेह चिंताजनक
उन्होंने चेताया कि गलत खानपान, मोबाइल व टीवी के कारण निष्क्रिय जीवनशैली, और असंतुलित दिनचर्या के चलते युवाओं और

किशोरों में भी मधुमेह तेजी से बढ़ रहा है, जिससे भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ खड़ी हो सकती हैं।
“स्वास्थ्य ही जीवन की पूंजी” — डॉ. दलोद्रिया
डॉ. हीरा दलोद्रिया ने सभी मरीजों से अपील की कि वे अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें और नियमित जांच व स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ।
उन्होंने कहा, “मधुमेह कोई बाधा नहीं है, यदि जागरूकता और अनुशासन से जीवन जिया जाए तो मरीज सामान्य और स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है।”

